उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में क्या जानते हैं आप?

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ को जब यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में चुना तो लोगों ने कहना शुरू कर दिया है कि बीजेपी अपने हिंदुत्व के मुद्दे को आगे बढ़ा रही है।
ये बात तो आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के कुछ दिन ही पता चलेगी कि बीजेपी किस एजेंडे पर चल रही है, लेकिन हम आपको आज योगी के राजनीतिक सफर और उनके काम करने के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं।
बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं योगी
सप्ताह भर से उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री को लेकर चल रही अनिश्चितता दूर करते हुए शनिवार को उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक दल ने हिंदू युवा वाहिनी की संस्थापक गोरखपुर से पांच बार लगातार सांसद निर्वाचित होते आ रहे आदित्यनाथ को अपना नेता चुन लिया। लव जेहाद और धर्मातरण को लेकर खुलकर विवादित बयान देने वाले आदित्यनाथ के हाथों एक ऐसे राज्य की सत्ता सौंपी गई है, जहां मुस्लिम आबादी अच्छी संख्या में है।
26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने
आदित्यनाथ 1998 में 26 वर्ष की आयु में पहली बार सांसद चुने जाने के बाद से ही लगातार मुस्लिम समाज के खिलाफ बयान देते रहे हैं, हालांकि उनके नजदीकियों का मानना है कि वह ऐसा करते हुए बहुसंख्यक आबादी के दिल में जगह बनाते गए। गोरखपुर के लोग कहते हैं, 'मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दिल्ली या लखनऊ में बैठे प्रबुद्ध वर्ग के बीच उनकी छवि कैसी है। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में भाजपा के स्टार नेता हैं।'
अधिकारियों से नरमी से बात करते हैं योगी
आदित्यनाथ के सहयोगी रहे वरिष्ठ सदस्य बताते हैं कि कैसे आदित्यनाथ जिलाधिकारियों से नरमी से बात करते हैं, यहां तक कि निचले स्तर के अधिकारियों से भी बिना अकड़ या गुस्सा दिखाए बात करते हैं।
1994 में अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी बने आदित्यनाथ
गोरक्षनाथ मठ के पूर्व महंत अवैद्यनाथ द्वारा 15 फरवरी, 1994 को उत्तराधिकारी घोषित किए गए आदित्यनाथ 'आध्यात्मिक हिंदू पद्धति' से जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। वह कम भोजन करते हैं, गो-सेवा करते हैं और अपने संगठन हिंदू वाहिनी के माध्यम से गो-हत्या बंद करवाने का आह्वान करते हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने बूचड़खानों के खिलाफ खुलकर बयान दिए और कहा कि यदि भाजपा सत्ता में आई तो बूचड़खानों को बंद करवा दिया जाएगा। विवादित मुद्दों पर खुलकर विवादित बयान देने वाले आदित्यनाथ को चार साल पहले उप-चुनाव के दौरान पार्टी ने चुनाव प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर मुहैया कराया था।
उत्तराखंड में राजपूत परिवार में जन्मे आदित्यनाथ विज्ञान विषय में स्नातक तक शिक्षा प्राप्त हैं। उनकी अपनी व्यक्तिगत वेबसाइट भी है और खुलकर अपने विचारों को ब्लॉग के जरिए व्यक्त करते रहे हैं। कानों में सोने के मोटा कुंडल पहने और आंखों पर रेबैन का काला चश्मा चढ़ाए आदित्यनाथ हमेशा भगवा में ही नजर आते हैं।
योगी आदित्यनाथ का परिवार
योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है। इनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले एक छोटे से गांव पंचूर में हुआ, उनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट हैं जो गांव में रहते हैं।
कैसे अजय सिंह बिष्ट बने योगी
आदित्यनाथ ने 21 साल की उम्र में ही परिवार छोड़ दिया था और वो गोरखपुर आ गए थे। उनके पिता 24 साल पहले उत्तराखंड के एक गांव से संन्यास की दीक्षा लेने वाले बेटे को मनाने आए थे, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। मां मायूस हो गई, लेकिन बेटे के लिए लगातार दुआएं मांगती रही। आज वो संन्यासी बेटा सीएम बनने जा रहा है तो घर ही नहीं पूरा गांव जश्न मना रहा है। संन्यास लेने के बाद बेटे का नाम बदल गया और ठिकाना भी बदल गया।
उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रहने वाले योगी चार भाई और तीन बहनों में दूसरे नंबर के भाई हैं। उनके दो भाई कॉलेज में नौकरी करते हैं, जबकि एक भाई सेना की गढ़वाल रेजिमेंट में सूबेदार हैं। योगी आदित्यनाथ पौड़ी गढवाल के इस गांव से संन्यास और राजनीति का लंबा सफर तय कर चुके हैं।
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