एनएन वोहरा के कार्यकाल में चौथी बार लगा राज्यपाल शासन

पीडीएफ से समर्थन वापस लेने के बाद एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हो गया है। जम्मू कश्मीर में आठवीं बार राज्यपाल शासन लगाया गया है। इसमें से सिर्फ चार बार राज्यपाल शासन सिर्फ नरिंदर नाथ वोहरा (एनएन वोहरा) के कार्यकाल के दौरान ही लगा है। आईए जानते हैं कि आखिर कौन है राज्यपाल एनएन वोहरा।
25 जून 2008 को पहली बार बने थे राज्यपाल
जम्मू कश्मीर में पिछले एक दशक से राज्य में काम कर रहे राज्यपाल एनएन वोहरा पहली बार 25 जून 2008 को राज्यपाल बने थे। उन्होंने जैसे ही राज्यपाल का कार्यभार संभाला नहीं कि उसके एक माह के अंदर ही राज्य में राज्यपाल शासन लग गया। इस तरह उनके कार्यकाल के दौरान पहली बार और जम्मू कश्मीर में पांचवीं बार राज्यपाल शासन लगा। 2008 में जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और पीडीपी की सरकार थी, लेकिन अमरनाथ मुद्दे पर बात ना बनने के कारण कांग्रेस ने समर्थन वापस ले लिया और गुलाम नबी आजाद की सत्ता अल्पमत में आ गई। इसके बाद 7 जुलाई 2008 को विधानसभा में विश्वासमत की वोटिंग से पहले ही गुलाम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जुलाई में सरकार गिरने के बाद जनवरी 2009 तक घाटी में राज्यपाल शासन लगा रहा। इसके बाद फिर विधानसभा चुनावों के बाद उमर अब्दुल्ला की सरकार सत्ता में आई।
2014 में दूसरी बार लगा राज्यपाल शासन
राज्यपाल शासन एनएन वोहरा के कार्यकाल में दूसरी बार और प्रदेश में छठवीं बार 7 जनवरी 2015 को राज्यपाल शासन लगा था। राज्यपाल शासन लगने का कारण यह था कि 23 दिसंबर 2014 जम्मू कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम घोषित किए गए थे। परिणाम में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। इस दौरान उमर अब्दुल्ला प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री थे, लेकिन राज्यपाल शासन लगाए जाने की मांग की गई। आखिरकार राज्यपाल शासन लग गया। करीब तीन माह बाद राज्य में मुफ्ती मुहम्मद सईद के नेतृत्व में भाजपा के समर्थन से पीडीएफ की सरकार बनी।
मुख्यमंत्री की मृत्यु पर लगा राज्यपाल शासन
राज्य में तीसरी बार राज्यपाल शासन सरकार बनने के साल के अंदर ही लग गया। इस बार राज्यपाल शासन लगने का कारण मुफ्ती मुहम्मद सईद की मृत्यु थी। सईद की मृत्यु होने के बाद 9 जनवरी 2016 को राज्यपाल एनएन वोहरा ने प्रदेश में सातवीं बार राज्यपाल शासन लगा दिया। यह उनके कार्यकाल का तीसरी बार राज्यपाल लगा।
अब फिर लगा राज्यपाल शासन
राज्य की जिम्मेदारी महबूबा मुफ्ती को मिली। इसके बाद फिर यहां पर हालात बदल गए। उनके कार्यकाल में राज्य में स्थिति ज्यादा तनावपूर्ण हो गई। आखिरकार मंगलवार को बीजेपी महासचिव राम माधव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विकास समेत कई मुद्दों पर बात ना बनने के कारण वह समर्थन वापस ले रहे हैं।
राज्य में अब अब लगा राज्यपाल शासन
एल के झा के कार्यकाल में पहली बार जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा था। राज्यपाल शासन मार्च 1977 में लगा था। राज्यपाल शासन लगने का कारण सईद की अगुवाई वाली राज्य कांग्रेस ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता शेख महमूद अब्दुल्ला की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद राज्यपाल शासन लागू करना पड़ा था। मार्च 1986 में एक बार फिर सईद के गुलाम मोहम्मद शाह की अल्पमत की सरकार से समर्थन वापस लेने के कारण राज्य में दूसरी बार राज्यपाल शासन लागू करना पड़ा था। राज्य में तीसरी बार राज्यपाल शासन राज्यपाल की नियुक्ति को लेकर लगा था। राज्य में जगमोहन को राज्यपाल नियुक्ति किए जाने की वजह से फारूक अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र दे दिया था। इस दौरान सईद केंद्रीय गृह मंत्री थे और उन्होंने अब्दुल्ला के विरोध को नजरंदाज कर दिया था। इसके बाद राज्य में छह साल 264 दिन तक राज्यपाल शासन रहा, जो सबसे लंबी अवधि का रहा। इसके बाद अक्टूबर, 2002 में चौथी बार राज्यपाल शासन लगा था।
पूर्व पीएम गुजराल के प्रमुख सचिव रहे हैं नरिंदर नाथ वोहरा
नरिंदर नाथ वोहरा 1959 बैच के पंजाब कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। राज्य के 18 साल के इतिहास में वो पहले सिविलियन गवर्नर हैं। आईएएस से रिटायर्ड होने से पहले वोहरा पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल के प्रमुख सचिव भी रहे। इसके अलावा गृह सचिव, रक्षा सचिव और रक्षा उत्पादन सचिव के पद पर भी तैनात रहे। पंजाब से संबंध रखने वाले वोहरा आईएएस बनने से पहले पंजाब यूनिवर्सिटी में लेक्चरर भी रहे। इसके अलावा वो क्वीन एलिजाबेथ हाउस (यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड) में विजिटिंग फेलो भी थे।
अटल बिहारी के कार्यकाल में ये किया खास
पीएम के प्रमुख सचिव लेकर अन्य कई महत्वपूर्ण पदों को संभाल चुके एनएन वोहरा 2003 में केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर के लिए वार्ताकार भी रहे। इस दौरान उन्होंने कश्मीर में मुख्य धारा के नेताओं से लेकर अलगाववादी नेताओं से बातचीत कर राज्य में शांति बहाली के तमाम कार्य किए।
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