राजेनता के रूप में कमल हासन इस तरह करेंगे आठ गांवों का विकास

अभिनेता से राजनेता के रूप में अपनी पारी शुरू करने वाले कमल हासन जनता के बीच में अपनी अमिट छाप छोड़ने में जुटे हुए हैं। मक्कल निधि मैअम (एमएनएम ) के प्रमुख कमल हासन ने इसी कड़ी में चेन्नई से 60 की दूरी पर स्थित तिरुवल्लूर जिले के आठ गांवों को गोद लिया है। इन गांवों में वे विकास के तौर पर 100 सार्वजनिक शौचालय, स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष व पौधों को लगाकर गांव में हरियाली लाने का काम करेंगे।
इन गांवों को गोद लेकर उन्होंने जनता के बीच में सेवक के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। तिरूवल्लूर की यात्रा पर आए कमल हासन ने साफ कहा कि हम आपके बीच में वोट नहीं बल्कि ऐसा भाव कार्य करने के लिए हमारी पार्टी ने किया है।
तिरूवल्लूर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आदिगथुर गांव में बैठक करके उन्होंने घोषणा कि उनकी पार्टी यहां के 8 गांवों को गोद लेगी। उसके पार्टी के कार्यकर्ता इन गांवों का विकास करने के लिए बहुत कुछ करेंगे। शुरूआती चरण में उन्होंने इन गांवों में 100 सार्वजनिक शौचालय व तीन अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कराने की घोषणा की।
द हिन्दू के अनुसार आदिगथुर में ग्रामीणों के बीच में उन्होंने गोद लेने के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि "हम गांवों में पौधों को लगाकर हरियाली लाने पर काम करेंगे। हम यही नहीं यह भी सुनिश्चित करेंगे की जल संरक्षण की भी व्यवस्था की जाए, जिससे की पानी का स्तर बेहतर हो सकें। इसके अलावा गांव में कौशल विकास के लिए कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जाएगा। यह काम हमारी पार्टी के कार्यकर्ता करेंगे।"
यही नहीं कमल हासन की पार्टी गांवों में तालाबों की स्थित को भी और बेहतर बनाएंगी। पानी की कमी को दूर करने के लिए छोटे-छोटे बांध व डी-सिलिंग का निर्माण किया जाएगा। उनके अनुसार ग्रामीणों के साथ बातचीत करने के बाद उनकी पार्टी ने 50 मांगों की एक सूची तैयार की है। जिस पर विचार करके काम किया जाएगा। हमारी पार्टी अभी सिर्फ 5 मुद्दों को उठा रही है। शेष मुद्दों पर समय-समय पर काम किया जाएगा।
उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत में कहा कि "हम जो भी कर सकते हैं वह करने की कोशिश करेंगे। सत्तारूढ़ पार्टी के नेता हमारे काम पर सवाल उठाते हुए कह रहे है कि हम ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि जब सरकार ऐसा करने में सक्षम है। इसके बाद भी वह नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि हम उन्हें दिखाएंगे कि हम इसे कर सकते हैं। यही कारण है कि हमने तमिलनाडु के 12,500 (सभी) गांवों को नहीं, बल्कि सिर्फ 8 गांवों को गोद लिया है।"
उन्होंने कहा कि "हम यह सब करने के लिए यहां आए हैं क्योंकि हम आपके वोट नहीं चाहते हैं। मैं आपकी सेवा करने के लिए यहां आपके बीच में आया हूं।" उन्होंने जनता के बीच में यह भी संदेश दिया कि तमिलनाडु के अन्य 12,500 गांवों में अच्छा काम करना आपकी ज़िम्मेदारी होगी।" इससे साफ संकेत है कि वे जनता के बीच में इन्हीं 8 गांवों का मॉडल बनाकर चुनाव लड़ेंगे।
कमल हसन ने कहा कि आदिकथुर गांव में अधिक आबादी नारिकोरावर और इरुलर जनजातियों की है। ऐसे में इस गांव में अप्रत्याशित, आश्चर्यजनक लाभ होने का इंतजार मुझे रहेगा। मैं उस दिन की प्रतीक्षा कर रहा हूं, जब मैं यहां से डॉक्टरों, इंजीनियरों, वकीलों और अन्य पेशेवरों के बड़े समूहों के बीच बात करूँगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हमारी पार्टी के कार्यकर्ता काम करेंगे।"
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