देश की उम्मीदों पर फिर खरे उतरे PM मोदी

करीब दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास के गुजरात मॉडल के जरिए देश को विकास का सपना दिखाया था और पूरे देश ने उन पर भरोसा करते हुए बड़े बहुमत के साथ देश की बागडोर सौंपी थी। मोदी सरकार के अब सत्ता में आए दो साल होने को हैं, एक तबके की तरफ से सरकार की विश्वसनीयता और अब तक किए गए कामों को लेकर काफी सवाल उठाए जा रहे थे, लेकिन देश की जनता ने ही उन सवालों को खारिज कर दिया है और कहा है कि उन्हें अपने प्रिय प्रधानमंत्री पर आज भी पूरा भरोसा है और वो अब तक उम्मीदों पर खरे उतरे हैं।
अखबार इकनॉमिक टाइम्स और TNS के सर्वे के मुताबिक शहरों में रहने वाले वेतनभोगी वर्ग के बीच प्रधानमंत्री मोदी की पकड़ बनी हुई है, खासतौर पर देश के सात बड़े शहरों में ये रुझान दो साल बाद भी बना हुआ है और ये हालत तब है जब आर्थिक सुधार के तमाम मसलों पर विपक्षी अड़ंगे के चलते सरकार ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाई है।
24 से 50 साल के लोगों की राय
इस सर्वे को दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद और अहमदाबाद में किया गया। इसमें 24 से 50 साल के बीच के लोगों को शामिल किया गया जिनकी सालाना अमदनी 3 से 20 लाख रुपये के बीच थी। इनमें आधी संख्या महिलाओं की थी। सर्वे में लोगों से कुछ सवाल किए गए, जिसके आधार पर ये निष्कर्ष निकाला गया है।
सरकार को आर्थिक सुधार के मोर्चे पर लोगों ने 86 फीसदी की रेटिंग दी है, वहीं 62 फीसदी लोगों ने कहा है कि रोजगार के अवसर बढ़ाने के मामले में सरकार ने अच्छा काम किया है। 58 फीसदी लोगों को अभी भी उम्मीद है अच्छे दिन बेहतर होंगे, अच्छे दिन आने वाले हैं। सर्वे में पीएम मोदी को 7.68, जेटली को 5.86 और राहुल गांधी को 3.61 की औसत रेटिंग मिली है।
युवाओं का जबरदस्त समर्थन मिला
मोदी सरकार युवाओं को खासी अहमियत देती है और युवाओं की ओर से सरकार को भी जबरदस्त समर्थन मिला। सर्वे में शामिल 47 फीसदी लोग 24 से 30 साल की आयुवर्ग के थे और इन लोगों ने सरकार का सबसे ज्यादा समर्थन किया। मध्यम वर्ग और उच्च वर्ग के लोगों ने भी सरकार के कामकाज पर पूरा संतोष जताया और आर्थिक सुधारों के गति नहीं पकड़ पाने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि 41 से 50 की आयुवर्ग के निम्न मध्य वर्ग के लोगों ने सरकार के प्रति युवाओं जैसा उत्साह नहीं दिखाया, निम्न मध्य वर्ग के लोगों ने खर्च बढ़ने और बचत पर लाभ कम होने को लेकर चिंता जताई।


इस सर्वे के नतीजों से साफ है कि लोगों ने ना तो विपक्ष के उन आरोपों को कोई तवज्जो दी है कि मोदी सरकार ने दो साल में कोई काम किया और ना ही कथित असहिष्णुता के मसले पर ही सरकार की छवि पर कोई नकारात्मक असर पड़ा है। लोगों ने सरकार के कुछ मंत्रियों की गलत बयानबाजी और सरकार की कुछ असफलताओं को भी नजरंदाज कर दिया है और पीएम मोदी लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। इस सर्वे में एक खास बात और भी नजर आई कि पीएम मोदी की लोकप्रियता, कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मुकाबले बहुत ज्यादा उभर कर आई।संसद नहीं चलने देने और विकास के एजेंडे में अड़ंगा लगाने को लेकर लोगों में कांग्रेस के प्रति भारी नाराजगी देखी गई। 61 फीसदी लोगों का मानना था कि संसद में हंगामे के चलते सरकार के विकास के एजेंडे में रुकावट आई। सर्वे में लोगों से जेएनयू विवाद, राष्ट्रवाद और राष्ट्रद्रोह के बारे में भी सवाल पूछा गया। इसके जवाब में 46 प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस को गलत माना, जबकि 52 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इस मामले में सरकार ने जो कदम उठाए, वे सही हैं।
सोसाइटी से
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