पढ़िए, क्यों राहुल की वजह से पीएम पद से इस्तीफा देना चाहते थे मनमोहन

संप्रग सरकार में योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष रहे मोंटेक सिंह अहलूवालिया की नई किताब 'बैकस्टेज: द स्टोरी बिहाइंड इंडिया हाई ग्रोथ ईयर्स' इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है। इस किताब के मुताबिक वर्ष 2013 में जब राहुल गांधी ने अध्यादेश की कॉपी फाड़ी थी तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनसे पूछा था कि क्या उन्हें इस्तीफा देना चाहिए? इस पर मोंटेक ने उन्हें सुझाव दिया था कि इस्तीफा देना सही नहीं रहेगा। उस वक्त मनमोहन सिंह अपने अमेरिका के दौरे पर गए हुए थे।
यह खबर भी पढ़ें- बिहार: महागठबंधन में All Is Not Well, बंद कमरे में इन दिग्गजों की हुई बैठक
मनमोहन को दिखाया था आलोचना वाला लेख
अहलूवालिया ने अपनी किताब में विस्तार से बताया है कि उस दौरान वह न्यूयॉक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। अहलूवालिया ने बताया कि एक बार मेरे भाई व रिटायर्ड आईएएस संजीव ने यह बताने के लिए मुझे फोन किया कि उन्होंने एक आर्टिकल लिखा है, जिसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना भी शामिल थी। संजीव ने उन्हें इस आर्टिकल के बारे में पहले ही जानकारी दे दी थी, जिससे कि बाद में वह शर्मिंदगी महसूस न करें। मोंटेक ने बताया कि यह आर्टिकल लेकर वह मनमोहन के पास गए थे। तब उन्होंने खामोशी से इसे पढ़ा था और कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, बाद में उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्या उन्होंने पीएम पद से इस्तीफा देना चाहिए? तो उन्होंने राय दी थी कि नहीं, इस्तीफा देना उचित नहीं है। बाद में यह आर्टिकल काफी चर्चा में आया था।
यह भी पढ़ें: लालू यादव की जमानत के खिलाफ सीबीआई पहुंची सुप्रीम कोर्ट
राहुल ने गिराई थी पीएम की गरिमा
इस किताब में मोंटेक अहलूवालिया ने संप्रग सरकार की सफलताओं और विफलताओं दोनों के ही बारे में विस्तार से लिखा है। वह लिखते हैं कि उनके काफी दोस्त संजीव के लेख से सहमत थे। साथ ही उनका यह भी मानना था मनमोहन सिंह ने काफी मुश्किल हालातों में काम किया था। वहीं अध्यादेश फाड़ने वाले घटनाक्रम को मनमोहन की गरिमा गिराने के रूप में देखा गया था। लेकिन मनमोहन सिंह को इस्तीफे की राय न देना उनका सही निर्णय था। यह अध्यादेश दागी जनप्रतिनिधियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को निष्प्रभावी बनाने वाला था, जिसको राहुल गांधी ने बकवास बताकर फाड़ दिया था, इस घटनाक्रम से मनमोहन सिंह की सरकार की प्रतिष्ठा को झटका लगा था।
इस सेक्शन से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
