मिलिए राजस्थान की सबसे कम उम्र की पहली एमबीबीएस महिला सरपंच शहनाज से

सयुंक्त राष्ट् में राजस्थान का नाम बुलंद करने वाली महिला सरपंच एमबीए डिग्रीधारक छवि राजावत के बारे में तो सभी ने सुना ही होगा। सरपंच के रूप में छवि राजावत ने जो शोहरत पाई है उससे अब राजस्थान में बेटियों के रूप में सरपंचों को चुना जाने लगा है। राजस्थान के भरतपुर जनपद के कामां क्षेत्र की ग्राम पंचायत गढ़ अजान में हुए सरपंच के उपचुनाव में एमबीबीएस शहनाज को सरपंच रूप के रूप में चुना गया है। पूर्व संसदीय सचिव जाहिदा खान की 24 वर्षीय पुत्री शहनाज ने राजस्थान में इतिहास रच दिया है। शहनाज राजस्थान की पहली ऐसी महिला प्रधान हैं जिन्होंने एमबीबीएस किया है। शहनाज ने अपने निकटतम प्रत्याशी इशाक खान फौजी को 195 वोटो से हराया।
शहनाज जिस गांव से ताल्लुक रखती है उस गांव में बेटियों को ज्यादा पढ़ाया नहीं जाता है। शहनाज की ग्राम पंचायत में न तो कोई लड़की डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही है और न ही इंजीनियरिंग की। ग्रेजुएशन और बीएड की पढ़ाई हाल फिलहाल में कुछ लड़कियों ने जरूर शुरू किया है। शहनाज ने इस लकीर को तोड़कर पहले डॉक्टरी की पढ़ाई की और अब उसके बाद गांव की सरपंच बनकर नया कीर्तिमान रच दिया है।
दादा के अयोग्य घोषित होने के बाद लड़ी चुनाव
शहनाज जिस ग्राम पंचायत से सरपंच चुनी गई हैं उस उसके सरपंच उनके दादा हनीफ खान थे, लेकिन राजस्थान में सरपंच के लिए 10वीं पास योग्यता निर्धारित किए जाने के कारण वह अयोग्य घोषित हो गए हैं। सरकार के इस फैसले के खिलाफ उनके दादा हाईकोर्ट तक गए लेकिन वहां से भी अयोग्य घोषित कर दिए गए। शहनाज़ ने एक न्यूज वेबसाइट को बताया, "पिछले छह महीने में मेरी ज़िंदगी अचानक बदल गई। मुझसे पहले मेरे दादाजी भी यहां से सरपंच थे। लेकिन पिछले साल अक्टूबर में कोर्ट ने वो चुनाव खारिज़ कर दिया था। उसके बाद से ही चुनाव में घर से कौन खड़ा होगा, इसकी चर्चा शुरू हुई।" वैसे, इसी महीने की 30 तारीख़ से शहनाज़ को गुरुग्राम के सिविल अस्पताल में अपनी इंटर्नशिप शुरू करनी है। वो आगे पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी करनी चाहती थीं। लेकिन डॉक्टर बनने से पहले शहनाज़ सरपंच बन गईं। शहनाज़ राजनीति में उतरना चाहती थीं, लेकिन इतनी जल्दी भी नहीं।
यूपी के मुरादाबाद से एमबीबीएस कर रही शहनाज

शहनाज की पूरी परिवरिश शहर में ही हुई है। शहनाज का गांव से वास्ता बहुत ही कम रहा है। शहनाज़ ने 5वीं क्लास तक पढ़ाई जयपुर में की है। 10वीं की पढ़ाई गुरुग्राम के श्रीराम राम स्कूल, अरावली से और 12वीं की पढ़ाई भी डीपीसी मारुति कुंज से की है। एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए शहनाज़ फिर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद आ गईं। और यही एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद ग्रुरूग्राम के अस्पताल में इंटरशिप भी शुरू कर दी थी, लेकिन अब गांव की जिम्मेदारी संभालेगी। अभी तक शहनाज गांव में सिर्फ गर्मियों की छुट्टियों में ही रहती थीं।
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