मायावती ने डिकोड कर ली यूपी में विधानसभा में हार की वजह, जानिए क्या कहा
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद रविवार को लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने समीक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, चुनाव जीतने वाले इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह और चुनाव हारे सभी 402 प्रत्याशी भी शामिल रहे। बैठक में कई कड़े फैसले लेने के साथ-साथ मायावती ने अपनी हार की वजह पर भी विस्तार से बात की।
बसपा सुप्रीमो ने यूपी में पार्टी की शर्मनाक हार की वजह बताते हुए बीजेपी पर आरोप लगाया है। मायावती ने कहा है कि आरएसएस ने चुनाव के दौरान ये प्रचार करवाया कि बीएसपी की सरकार नहीं बनने पर वे 'बहनजी' को राष्ट्रपति बनवा देंगे। मायावती के अनुसार, वह राष्ट्रपति बनने की बात सपने में भी नहीं सोच सकती हैं।
मैं काशीराम के पदचिन्हों पर चलूंगी
"बीजेपी ने इस चुनाव में एक सोची समझी रणनीति और साजिश के तहत अपने आरएसएस संगठन के जरिए हमारे लोगों में यह काफी गलत प्रचार करवाया कि यूपी में बीएसपी की सरकार नहीं बनने पर हम आपकी बहनजी को देश का राष्ट्रपति बनवा देंगे। इसीलिए आपको बीजेपी को सत्ता में आने देना चाहिए, जबकि मेरे लिए देश का राष्ट्रपति बनना तो बहुत दूर की बात है, बल्कि इस बारे में मैं सपने तक में भी ऐसा कुछ सोच भी नहीं सकती हूं। हालांकि, इनको यह भी मालूम है कि बहुत पहले ही मान्यवर श्री कांशीराम जी ने इनका यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था और मैं तो उनके पदचिन्हों पर चलने वाली उनकी मजबूत शिष्या हूं।"
लोगों को हिंदुत्व से बाहर निकाल कर पार्टी से जोड़ना होगा
एसपी पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा, "मुस्लिम समाज का एकतरफा वोट लेकर और दर्जन भर संगठनों/पार्टियों से गठबंधन करके चुनाव लड़ने के बावजूद भी एसपी सत्ता में आने से काफी दूर रह गई है। हालांकि अब हमेशा की तरह मुस्लिम समाज के लोग एसपी को वोट देकर काफी ज्यादा पछता रहे हैं। इनकी इसी कमजोरी का एसपी यहां यूपी में बार-बार फायदा भी उठा रही है जिसे रोकने के लिए अब हमें इन भटके और दिशाहीन हुए लोगों से कतई भी मुंह नहीं मोड़ना है बल्कि इनको एसपी के शिकंजे से बाहर निकाल कर अपनी पार्टी में पुनः वापस लाने का भी पूरा-पूरा प्रयास करना है। अन्य सभी हिंदू समाज को भी अब फिर से बीएसपी में सन 2007 की तरह ही कैडर के जरिए जोड़ना है। बीएसपी चीफ ने कहा, "दलितों में भी मेरी जाति को छोड़कर जो अन्य दलित समाज की जातियों के लोग हैं, उन्हें भी इन पार्टियों के हिंदुत्व से बाहर निकाल कर बीएसपी में ही जोड़ना है।"
सोसाइटी से
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