उत्तर प्रदेश में 38 लाख प्रवासी श्रमिकों को किया गया आजीविका प्रबंध
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोविड-संक्रमण के दौरान लाखों लोगों को रोजगार दिया गया और उनके लिए खास प्रावधान किया गया। उत्तर प्रदेश सरकार के कौशल विकास एवं व्यवसायिक शिक्षा विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा है कि कोविड-संक्रमण के कारण प्रदेश में लौटे लगभग 38 लाख प्रवासी श्रमिकों की आजीविका का प्रबंध करने और उन्हें फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए सहायता देने के लिए आरपीएल के अन्तर्गत कौशल विकास विभाग द्वारा प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की जा रही है।
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उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए ’’आभा’’ मोबाइल एप को भी विकसित किया गया है। जिसके माध्यम से स्किल ट्रेनिंग की आवश्यकता को बता सकते है और ट्रेनिंग प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त स्व-रोजगार से जुड़े हुए कुछ वीडियोज भी इस एप में रखे गये है। कोरोना के कारण औपचारिक प्रशिक्षण संभव न होने पर भी विभाग द्वारा प्रदेश के 50,000 युवाओं को अमेरिका में स्थापित अन्तर्राष्ट्रीय डिजिटल लर्निंग प्लेटफार्म कोर्सेरा के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर व मानकों के अनुरूप निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। इन युवाओं को प्रशिक्षण के उपरान्त सर्टीफिकेट भी प्राप्त होगा, जिसे विश्व के अनेक देशों में मान्यता प्राप्त है, इससे युवा देश के बाहर भी रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।
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उन्होंने कहा कि फरवरी से सितम्बर, 2020 तक आईटीआई में शिक्षण और कौशल विकास मिशन द्वारा संचालित योजनाओं के तहत प्रशिक्षण कार्य स्थगित रहा, फिर भी विभाग द्वारा इस अवधि की कमी को पूरा करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। सरकार के लगभग 4 साल में 47 नए राजकीय आईटीआई खोले गये है, जिनको सम्मिलित कर कुल 305 राजकीय आईटीआई प्रदेश में संचालित है, जिनमें 1.72 लाख से अधिक छात्रों के शिक्षण, प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। सरकार की तरफ नये आईटीआई खोलने में प्राथमिकता उन तहसीलों और विकास खण्डों या अल्पसंख्यक बहुल्य क्षेत्रों को दी गयी है, जहाँ कोई प्रशिक्षण संस्थान उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा 36 नये आई.टी.आई. भी अनुमोदित कर दिये है, जिनका निर्माण नवम्बर, 2021 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। उन्होंने इसे विभाग की एक बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि पिछले लगभग 4 वर्षों में 1 लाख 7 हजार 489 सीटों की मान्यता एनसीवीटी से प्राप्त की गयी है। इन सीटों की एनसीवीटी की मान्यता मिल जाने से अब इन सीटों पर पढ़ने वाले छात्रों को भी राष्ट्रीय स्तर पर मान्य प्रमाण-पत्र मिल सकेंगें। प्रदेश में कुल 1,51,508 सीटों पर एनसीवीटी की मान्यता उपलब्ध है, जो कुल सीटों की लगभग 88 प्रतिशत संख्या है।
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