क्रिकेट से राजनीतिक सफर तय करने वाले कीर्ति आजाद ने थामा कांग्रेस का दामन
क्रिकेट के मैदान से राजनीति में कदम रखने वाले दरभंगा के सांसद कीर्ति झा आजाद ने बीजेपी का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। उनके कांग्रेस में शामिल होने के दौरान पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहे। पूर्व क्रिकेटर और बिहार के दरभंगा से सासंद कीर्ति आजाद को चार साल पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते भारतीय जनता पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।
मिथिलांचल का बड़ा चेहरा हैं आजाद
कीर्ति मिथिलांचल की राजनीति का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। वह 1999 और 2009 में भी सांसद चुने गए थे। कीर्ति के पिता भागवत झा आजाद कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता थे। वह बिहार के मुख्यमंत्री भी बने थे। इसलिए कांग्रेस को उनसे उम्मीदें हैं।
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चार साल पहले ही कांग्रेस ने बढ़ाया था दोस्ती का हाथ
भारतीय जनता पार्टी से साल 2015 में निलंबित होने पर कीर्ति आजाद ने कहा था कि उन्हें अरुण जेटली से उलझने की सजा मिली है। उनके सामने अब बीजेपी का असली चेहरा आया है। उनके पार्टी से निलंबित होते ही कांग्रेस ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का न्यौता दे दिया था। इस घटना के चार साल बाद 2019 में कीर्ति आजाद ने कांग्रेस का साथ चुना है। कांग्रेसी नेता शकील अहमद ने कहा था कि उनके रगो में कांग्रेसी खून बहता है।
पार्टी से इसलिए हुए थे निलंबित
कीर्ति आजाद और अरुण जेटली के बीच साल 2009 में ही खटपट हुई थी। उस समय अरुण जेटली डीडीसीए (दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ ) के अध्यक्ष थे और कीर्ति आजाद ने डीडीसीए के सदस्यों पर अपने साथ मारपीट करने का आरोप लगा था। साल 2011-12 में अरुण जेटली से खार खाए बैठे कीर्ति ने डीडीसीए में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जेटली से सवाल किए और उनपर आरोप लगाए और इसके बाद ही वो पार्टी से निलंबित हो गए थे।
क्रिकेट से राजनीति तक सफर
बिहार में जन्मे कीर्ति आजाद के पिता भागवत झा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री थे। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की और दिल्ली की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेला। साल 1983 में जब भारत ने पहली बार वर्ल्ड कप जीता तभी से कीर्ति आजाद को भी लोकप्रियता मिली क्योंकि वो उस समय भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य थे और पाकिस्तान और इंग्लैंड के खिलाफ अपनी आक्रामक पारी के चलते लोगों ने उनकी काफी सरहाना भी की थी। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कीर्ति आजाद ने राजनीति में कदम रखा और बिहार के दरभंगा से तीन बार सांसद चुने गए। वह साल 1993 से 1998 के बीच दिल्ली से तीन बार विधायक भी रहे।
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