कर्नाटक: सरकार बचाने में कामयाब रहे येदियुरप्पा, उपचुनाव में जीती इतनी सीटें
कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर 5 दिसंबर को हुए उपचुनाव की मतगणना जारी है। जारी मतगणना के आ रहे शुरुआती रुझानों में भाजपा 12 सीटों पर आगे चल रही है। 2 पर कांग्रेस और एक सीट पर निर्दलीय ने बढ़त बना रखी है। यह नतीजे भाजपा सरकार के लिए बहुत ही अहम माने जा रहे हैं क्योंकि विधायकों के अयोग्य घोषित होने के बाद विधायकों का चुनाव जीतना बहुत ही जरूरी हो गया था। सत्तारूढ़ दल को सरकार बचाने के लिए बीजेपी को कम से कम सात सीटों को जीतना बहुत ही जरूरी था ताकि उसके पास 223 सदस्यीय विधानसभा में कम से कम साधारण बहुमत की संख्या 112 हो सके।
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शुरुआती रुझानों में बीजेपी को जीत मिलता देख कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने हार स्वीकार कर ली। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में जनता ने दल बदलने वालों को पसंद किया। हमें इन नतीजों से निराश नहीं होना चाहिए। महाराष्ट्र में भाजपा को मिली शिकस्त के बाद कर्नाटक के उपचुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। वहीं, कांग्रेस के लिए खोई जमीन वापस पाने और जेडीएस के लिए किंगमेकर बनने का मौका है। बता दें कांग्रेस और जेडीएस ने जिस तरह से विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था। उसी, तरह से उपचुनाव में भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस ने भी अलग-अलग चुनाव लड़ा। 5 दिसंबर को उपचुनाव की 15 सीटों पर 165 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे।
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13 बागियों को भाजपा से टिकट
कांग्रेस और जेडीएस से बागी हुए 15 विधायकों में से 13 विधायकों को बीजेपी ने टिकट दिया है। उपचुनाव में बीजेपी के 13 प्रत्याशी मैदान में थे। होसकोटे सीट पर शरथ बचेगौड़ा भाजपा से अलग होकर निर्दलीय चुनाव लड़े। भाजपा ने इस सीट पर कांग्रेस से आए पूर्व विधायक एमटीबी नागराज को टिकट दिया। वहीं, मैसूरु की हुंसुर सीट पर जेडीएस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एएच विश्वनाथ को उतारा है। यह सीट हमेशा से ही जेडीएस का गढ़ मानी जाती रही है। बता दें काग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद स्पीकर केआर रमेश कुमार ने इस्तीफा स्वीकार न करते हुए सभी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। अब 15 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। दो सीटों मस्की और राजराजेश्वरी नगर पर कर्नाटक हाईकोर्ट में मामला लंबित है, यहां की सीटों पर निर्णय आने के बाद चुनाव होगा।
कर्नाटक में विधानसभा का ये हैं गणित
कर्नाटक विधानसभा में कुल 224 सीटें हैं। बीजेपी सरकार बनाने के लिए 17 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसकी वजह से अंकों के फेर में जेडीएस और कांग्रेस की सरकार हार गई थी। 17 विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने के बाद यहां पर विधानसभा सीटें 207 रह गईं। इस लिहाज से बहुमत के लिए 104 सीटों की जरूरत थी। भाजपा ने सरकार बना ली थी, उसके बाद 105 और एक निर्दलीय का समर्थन था। 15 सीटों पर उपचुनाव होने के बाद विधानसभा में 222 सीटें हो जाएंगी। उस स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 112 होगा। भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए कम से कम 6 सीटों की जरूरत थी और भाजपा ने इस आंकड़े को पा लिया है।
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