झारखंड: बीजेपी-आजसू के बीच बनी यह बात, इस फॉर्मूले पर लड़ेंगे चुनाव
झारखंड की लोहरदगा सीट के लिए बीजेपी और आजसू के बीच उपजे विवाद का आखिर हल पा लिया गया है। अब यहां पर दोनों ही दलों के बीच में गठबंधन की बात सुलझ गई है। सीट शेयरिंग को लेकर फंसा पेंच को दोनों ही दलों के वरिष्ठ नेताओं ने सुलझा लिया है। झारखंड में आजसू के हिस्से में 10 सीटें आई है। यही नहीं बीजेपी-आजसू दोनों ही दलों के बीच में तीन सीटों पर बीजेपी-आजसू में फ्रेंडली फाइट होगी। जिन सीटों पर फेंडली फाइट होगी उनमें लोहरदगा, चक्रधरपुर और चंदनकियारी सीटें है। जहां पर आजसू भी अपने उम्मीदवारों को उतारेगी। सीटों के बंटवारे को लेकर मंगलवार की रात को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के बीच में बात हुई, जिसके बाद नये फॉर्मूले पर सहमति बन गई है। सीटों को लेकर बंटवारा होने के बाद सुदेश महतो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान कर सकते हैं।
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बता दें, राज्य में बीजेपी ने 53 और आजसू ने 12 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इनमें सिमरिया, सिंदरी, मांडू, चक्रधरपुर और लोहरदगा सीट पर दोनों ही दलों ने इस बार उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि आजसू के साथ गठबंधन बचाने की कवायद जारी है। हम ही दलों के बीच में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि आजसू के साथ हमारा गठबंधन टूटे, लेकिन अगर ऐसी परिस्थिति बनती है, तो भाजपा को कोई नुकसान नहीं होने वाला है। हमारी टीम दोनों ही परिस्थितियों के लिए पूरी तरह से तैयार है। गिलुवा ने कहा कि 65 पार का नारा केवल भाजपा के हिस्से वाली सीटों को लेकर दिया गया है, इसलिए इस पर अभी बदलाव का कोई सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन टूटा, तो हमारा नहीं बल्कि आजसू को ही नुकसान होगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2009 में उनके खिलाफ आजसू मैदान में था। उस समय आजसू के टिकट पर जेएमएम विधायक दशरथ गगराई चुनाव लड़े थे, और वे हारे थे। आजसू से कभी चुनाव लड़ने वाले दशरथ गगराई इस बार बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष का दावा है कि आजसू प्रत्याशी रामलाल मुंडा से कई गुणा ताकतवर और कद्दावर नेता हैं। इसलिए रामलाल के मैदान में उतरने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 2014 में रामलाल मुंडा निर्दलीय चुनाव लड़े थे और महज 1952 वोट ही उन्हें मिल पाया था। वह बीजेपी प्रत्याशी दशरथ गगराई से जनाधार में कहीं बहुत पीछे है।
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