भारत में कोरोना से पहले महामारियों में कई नेताओं की हो चुकी है मौत
कोरोना ने जहाँ एक तरफ पूरे विश्व को अपने आगोश में ले लिया है वही दूसरी तरफ लोग बीते सालों में हुए फ्लू से मौतों पर अब बात भी कर रहे हैं। इस साल पूरे विश्व में कोरोना से हुयी मौतों का आंकड़ा लगभग 5 हजार तक पहुँच गया है। बीते सालों पर फ्लू से हुए मौतों पर नजर डाले तो भारत में भी कई मौतें हुए है।
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भारतीय राजनीति में राजनीतिक संगठनों ने भी अपने कई नेताओं को इस महामारियों में खोया है। बीते वर्षों की बात करें तो उत्तराखंड बीजेपी के किसान मोर्चा के जिला महामंत्री सतपाल चौधरी की स्वाइन फ्लू से मौत हुयी।
इन बीमारियों ने किसी भी राजनैतिक दाल को नहीं छोड़ा। इसी प्रकार 2015 में उत्तर प्रदेश की बहुजन समाज पार्टी 'सीतापुर' के नेता अय्यूब खां की भी लखनऊ में मौत हुई थी।
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2015 में ही स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से बीजेपी के 'मुजफ्फरनगर' के आशीष गर्ग बीजेपी नेता की भी मौत हुई थी। आशीष गर्ग जिला कार्यकारिणी के सदस्य थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना वायरस से डब्लूएचओ की तरफ से दी गयी जानकारी के अनुसार बुधवार रात पौने दस बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई है। जिसमें ये जानकारी साझा की गई कि दुनियाभर में मरने वालों की संख्या 4291 थी। जो अब धीरे धीरे बढ़ के 6 हजार तक पहुँचने के आसार है।
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