...तो यूपी में सत्ता का ताज पहनने जा रही है भारतीय जनता पार्टी

पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है। इसमें उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा हैं। केंद्र में बीजेपी की सरकार है, ऐसे में इन राज्यों में भी बीजेपी के प्रदर्शन पर सबकी निगाहें रहेंगी। इसी बीच विभिन्न चैनलों ने ओपिनियन पोल देने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में इंडिया टुडे ग्रुप के लिए एक्सिस-माई इंडिया की ओर एक ओपिनियन पोल किया गया।
इस ओपिनियन पोल में यूपी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता मिलती दिखाई जा रही है। क्या है इंडिया टुडे ग्रुप और एक्सिस-माई इंडिया का पूरा ओपिनियन पोल आप भी पढ़िए...
1- BJP को यूपी में 206 से 216 सीटें मिलने के साथ बहुमत मिलने का अनुमान है। एक्सिस-माई इंडिया ने यूपी पर जो पहला ओपिनियन पोल किया था, उससे BJP को ताजा ओपिनियन पोल में 30 सीटें ज्यादा मिली हैं।
2- समाजवादी पार्टी अपने मौजूदा अवतार में 92 से 97 सीटों के अनुमान के साथ दूसरे नंबर पर दिख रही है। ये स्थिति पार्टी के अंदरूनी घमासान के बावजूद है। बीते तीन महीनों में समाजवादी पार्टी का ग्राफ ऊंचा हुआ है जबकि बहुजन समाज पार्टी (BSP) दूसरे से तीसरे स्थान पर खिसक गई है।
3- BSP को 79 से 85 सीटें मिलने का अनुमान है, पिछले ओपिनियन पोल में BSP को 115 से 124 सीटें मिलती दिख रही थीं। BSP का उतार इस वजह से दिखता है कि वो अपने पारंपरिक दलित वोट बैंक से हट कर दूसरे वर्गों के मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने में असमर्थ रही है। 2007 में BSP ने पारंपरिक दलित वोट बैंक के साथ सवर्ण ब्राह्मणों का समर्थन आ जुटने से जीत हासिल की थी। लेकिन 2017 में BSP की गैर-दलितों में अपील सीमित दिखाई देती है।
4- राहुल गांधी के हाई वोल्टेज कैंपेन और प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति से कांग्रेस की चुनावी तकदीर पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा। ओपिनियन पोल के मुताबिक कांग्रेस को 5 से 9 सीटें मिलने का अनुमान है। 2012 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 28 सीटों पर कामयाबी हासिल हुई थीं।
5- BJP को 33% वोट शेयर मिलने का अनुमान है। अक्टूबर में एक्सिस-माई इंडिया के ओपिनियन पोल में BJP को 31% ही वोट शेयर मिलता दिख रहा था।
6- SP और BSP, दोनों को यद्यपि 26% वोट शेयर मिलता दिख रहा है लेकिन SP को अधिक सीटें मिलेंगी। ये इस वजह से है कि SP का वोट शेयर प्रभाव वाले क्षेत्रों में केंद्रित है, वहीं BSP के वोट राज्य भर में फैले हुए हैं।

7- सर्वे में 76% यानी बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने नोटबंदी का समर्थन किया। लेकिन लोग इस बात पर बंटे दिखे कि क्या आम आदमी को नोटबंदी से असुविधा हुई है। 58% ने माना कि उन्हें नोटबंदी से समस्या का सामना करना पड़ा है। वहीं 42% ने कहा कि उन्हें असुविधा नहीं हुई, BJP के वोट शेयर में बढ़ोतरी होना इस बात का संकेत देता है कि नोटबंदी से असुविधा के बावजूद लोग मानते है कि पीएम मोदी के इस कदम से देश को आखिरकार लाभ होगा।
8- सर्वे के प्रतिभागियों में आधे से अधिक (51%) ने कहा कि वो मानते हैं कि नोटबंदी से काले धन और जाली नोटों के खतरे को मिटाने में मदद मिलेगी।
9- BJP की SP के यादव वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिशें ज्यादा परवान नहीं चढ़ सकी हैं. 72% यादव प्रतिभागियों का कहना है कि वो अविभाजित SP को वोट करेंगे।
10- BSP का ग्राफ नीचे गिरने की एक वजह ये भी है कि पहले यूपी के मुस्लिम SP और BSP में बंटे दिखाई दे रहे थे। लेकिन अब मुस्लिम मतदाता SP की तरफ केंद्रित होते दिख रहे हैं। दिसंबर में ओपिनियन पोल में हिस्सा लेने वाले 71% मुस्लिमों ने कहा कि वो SP के पक्ष में वोट करेंगे। अक्टूबर में SP को वोट करने के इच्छुक मुस्लिम 58% ही थे। इसी अवधि में BSP का मुस्लिमों में समर्थन 21% से घटकर 14% रह गया।
11- सभी आयु-वर्गों में SP का समर्थन सबसे ज्यादा युवाओं में है। ये राज्य में युवाओं में उस छवि की वजह से जो अखिलेश अपने लिए बनाने में कामयाब रहे हैं।
12- BJP की लोकप्रियता यूपी में 60+ मतदाताओं में सबसे ज्यादा है। इस आयुवर्ग में 37% का समर्थन BJP को है जो पार्टी के ओवरऑल वोट शेयर से 4% ज्यादा है।
इंडिया टुडे ग्रुप औार एक्सिस-माई इंडिया का ये सर्वे 12 दिसंबर से 24 दिसंबर के बीच किया गया है। यह नोटबंदी के बीच का वक्त था, जब लोगों को कैश के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। इस सर्वे में उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में 35 सीटों को रैंडमली सेलेक्ट किया गया, जिसमें 8480 लोगों से बातचीत के सैंपल के आधार पर ये ओपिनियन पोल तैयार किया है।
(साभार: aajtak.in)
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