सुषमा स्वराज के कार्यकाल में विदेश में बढ़ी हिन्दी की लोकप्रियता, ये हुए बड़े काम
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के कार्यकाल में हिन्दी को विदेशों में काफी लोकप्रियता मिल रही है। विदेशी दौरों पर जाकर हिन्दी में भाषण देने की वजह से हिन्दी भाषा को काफी लोकप्रियता मिली है। 12 फरवरी को अबू धाबी न्यायिक विभाग (एडीजेडी) ने अपनी अदालतों में अरबी और अंग्रेजी के बाद हिन्दी को अपने देश की अदालतों की अधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया है। अबू धाबी में तीसरी भाषा बनने के बाद अब यहां पर रह रहे भारतीयों को न्याय व्यवस्था और भी सरल बेहतर तरीके से मिल सकेगी।
बता दें कि स्थानीय अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, अबू धाबी न्यायिक विभाग ने कहा कि इस कदम का मकसद विदेशियों को बिना भाषाई बाधा के मुकदमेबाजी की प्रक्रिया और उनके अधिकार व कर्तव्य के बारे में मदद करना है। विभाग ने यह भी कहा कि इस कदम का उद्देश्य विभाग की वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध एकीकृत फॉर्म के जरिए पंजीकरण प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना है। अबू धाबी के न्यायिक विभाग के इस फैसले का विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्वागत और तारीफ की है। उन्होंने कहा कि हम अबू धाबी का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने हिन्दी को न्यायिक व्यवस्था की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया है। अबू धाबी के इस फैसले से न्याय व्यवस्था और भी सरल और हमारे लोगों के लिए बेहतर होगी।
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अबू धाबी में इसका पहला चरण नवंबर 2018 में शुरू हो गया था। न्यायिक विभाग का कहना है कि इस प्रक्रिया में आवश्यकता होती है कि अगर अपराधी विदेशी होता है तो वादी को सिविल और व्यावसायिक मुकदमों के दस्तावेजों का अनुवाद अंग्रेजी में कराना होता है। ऐसे में उसे अधिक रुपये खर्च करने होते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात की आबादी 90 लाख से ज्यादा है, जिसमें 88.5 फीसदी प्रवासी मजदूर हैं। यहां की आबादी में 38 फीसदी भारतीय हैं। यहां पर इस समय तकरीबन 30 लाख से ज्यादा भारतीय नागरिक रहे हैं। अबू धाबी के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद यहां काम करने वाली लाखों भारतीयों को काफी फायदा पहुंचेगा। अब यहां काम करने वाले लोग अपनी शिकायतें हिंदी में लिखवा सकेंगे। भारतीय प्रवासी यहां बोनस, मुआवजा, नोटिस पीरियड, वार्षिक छुट्टी, आने जाने के टिकट, पासपोर्ट आदि की सेवा के लिए कोर्ट का से अपील भी कर सकते हैं।
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संयुक्त राष्ट्र संघ ने हिन्दी में बनाया ट्विटर अकाउंट
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र संघ ने हिन्दी को आगे बढ़ाने के लिए नई पहल शुरु की है। अब यहां के लोग ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी बात पहुंचा सकेंगे। इसके लिए यूएन अब हिन्दी में ट्वीट कर रहा है। यूएन का ये हिंदी ट्विटर अकाउंट 11 जुलाई 2018 से शुरू हुआ। इस पेज के एक्टिव होते ही पहला ट्वीट किया गया- नमस्कार! संयुक्त राष्ट्र अब हिन्दी में ट्वीट कर रहा है।’ यूएन ने जानकारी दी कि इस नए हिन्दी अकाउंट से संयुक्त राष्ट्र के कार्यों का अपडेट दिया जाएगा। यही नहीं नए साल पर संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने भी हिन्दी में हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि "नए साल की शुरुआत में आइए हम खतरों का सामना करने, मानव सम्मान की रक्षा करने और एक बेहतर भविष्य का निर्माण मिलजुलकर करने का संकल्प लें" बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2014 के संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण दिया था। उस समय हमारा पूरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा था। हालांकि सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा में 1977 में हिन्दी में भाषण दिया था, यह भाषण उस समय के तत्कालीन विदेश मंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने दिया था। उस समय वे यूएन में भारत की अगुवाई कर रहे थे। इस ट्विटर अकाउंट्स को 11 हजार 700 लोग फॉलो कर रहे हैं।
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