साढे़ पांच लाख लोगों को पर्यावरण का रक्षक बनाएगी भारत सरकार

‘हरित कौशल विकास कार्यक्रम’ के तहत दिया जाएगा प्रशिक्षण
अधिक से अधिक युवा पर्यावरण से जुडे़ं और देश में ऐसी लहर ला दी जाए कि पर्यावरण सुरक्षित करने में लोग स्वयं आगे आएं, इसी कुछ उद्देश्य के साथ सरकार ‘हरित कौशल विकास कार्यक्रम’ लेकर आई है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन के अनुसार के अनुसार मंत्रालय ‘हरित कौशल विकास कार्यक्रम’ के तहत वर्ष 2021 तक 5 लाख 60 हजार युवकों को प्रशिक्षित करेगा। उन्होंने बताया कि 2018-19 में 80000, 2019-20 में एक लाख 60 हजार और 2020-21 में तीन लाख 20 हजार युवकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसके लिए देश भर में स्थित 57 प्रशिक्षण केंद्रों पर सबसे पहले प्रशिक्षकों को खास प्रशिक्षण दिया जाएगा। उसके बाद ये प्रशिक्षक इन युवाओं का कौशल विकास करेंगे।
सहायक तंत्र के रूप में करेंगे कार्य
देशभर में जो रक्षक ट्रेनिंग देकर तैयार किए जाएगे, उनको सरकार की तरफ रोजगार नहीं दिया जाएगा, लेकिन अन्य तंत्रों से उनके रोजगार की व्यवस्था भी हो सकती है। भारत में बहुत सी ऐसी एजेंसियां है जो रोजगार विशेष के लिए काम कर रही हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि रोजगार के लिए कोई संस्थागत व्यवस्था तो नहीं है लेकिन पर्यावरण क्षेत्र की बढ़ती जरूरतों के मद्देनजर ये सहायक तंत्र के रूप में काम करेंगे। यह नहीं कहा जा सकता है कि इन युवकों को रोजगार की भी गारंटी दी जाएगी। मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा ने कहा कि बाजार की मांग और रोजगार को ध्यान में रखकर यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जैव विविधता संरक्षण तथा विभिन्न मशीनों के आॅपरेटरों जैसे कामों के लिए युवकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। जिससे की उन्हें भविष्य में नौकरी मिल सके।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 10 जिलों में होगा लागू
‘हरित कौशल विकास कार्यक्रम’ को प्रोजेक्ट के तौर पर 10 जिलों में लागू किया जाएगा। देश भर के 9 जैव भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर ही 10 जिलों का बंटवारा करके पूरे देश को कवर किया जाएगा। तीन महीने के विशेष प्रशिक्षण शिविर में जैवविविधता की बुनियादी जानकारी पाठ्यक्रम के माध्यम से दी जाएगी। जिसके तहत लोगों को कौशल के तौर पर तैयार किया जाएगा। इस विशेष कार्यक्रम के तहत 248 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां पर कामयाबी मिलने के बाद सरकार देश के बाकी हिस्सों में इस कार्यक्रम को विस्तार देगी।

हरियाली के लिए 1000 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे
देश में हरियाली की बयार लाने के लिए सरकार वन का रकबा बढ़ाने पर काम करेगी, जिससे जलवायु परिवर्तन से निपटा जा सके। सरकार हरियाली का कार्यक्रम एक दिन की नहीं बल्कि पूरे एक दशक तक की योजना बनाकर काम करेगी। सरकार ने एक दशक में (2021-2030) 1000 करोड़ पौधे लगाए जाने की योजना बनाई है। हरित भारत मिशन के तहत पूरे देश में वन का रकबा बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम के तहत राजमार्गों और रेलवे पटरियों के किनारों पर पौधों का रोपण किया जाएगा।
मिशन के पीछे सरकार का है यह उद्देश्य
प्रदूषण मापन की विभिन्न एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 100 शहरों की आबो हवा पूरी तरह से खराब हो चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार यह शहर देश की वायु गुणवत्ता मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं। इन शहरों में भविष्य में स्थिति और भी खराब होने वाली है। ऐसे में सरकार इससे निपटने के लिए अभी से तैयारी कर रही है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठा रही है, जिससे हर शहर अगले तीन सालों में प्रदूषण स्तर 35 प्रतिशत तक और अगले पांच वर्षों में 50 प्रतिशत तक कम किया जा सके।
इन बिन्दुओं पर दिया जाएगा प्रशिक्षण
इस कार्यक्रम के तहत 35 पाठ्यक्रमों में शामिल किया गया है।
वायु, जल, ध्वनि और मिट्टी के लिए प्रदूषण की निगरानी
आधान उपचार संयंत्र आपरेशन
कचरा प्रबंधन
वन प्रबंधन
जल बजट और लेखा परीक्षा
नदी डॉल्फिन का संरक्षण
वन्यजीव प्रबंधन
समुद्री वर्गीकरण और तटीय जैव विविधता
मंगल संरक्षण
बांस प्रबंधन और आजीविका उत्पादन
सोसाइटी से
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