केजरीवाल के मोहल्ला क्लीनिक ने अमेरिका में मचाई धूम

दिल्ली में अलग तरह की राजनीति देने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार प्रशासन भी अलग तरह का दे रही है और इसे दिल्ली की जनता ही नहीं अमेरिका तक महसूस कर रहा है। अमेरिकन मीडिया में दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरफ से शुरू किए गए मोहल्ला क्लीनिक की जबरदस्त तारीफ की जा रही है। द वाशिंगटन पोस्ट ने तो अमेरिका को सलाह दी है कि वो खस्ताहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों से सबक ले।
फ्री मिलती हैं सुविधाएं
वाशिंगटन पोस्ट में छपे लेख में रूपनदीप कौर नाम की एक महिला का उदाहरण देकर समझाया गया है कि दिल्ली के इन क्लीनिकों में कितनी अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाती हैं और वो भी फ्री। वाशिंगटन पोस्ट लिखता है कि गर्भवती रूपनदीप गंभीर हालत में दिल्ली के पीरागढ़ी इलाके में एक मोहल्ला क्लीनिक में चेकअप के लिए गई थीं। नाम, पता पूछे जाने के बाद उन्हें एक महिला डॉक्टर के पास भेजा गया जिन्होंने कुछ पूछताछ के बाद खून, पेशान और अन्य जांचें लिखीं। जांच में पता चला कि रूपनदीप का गर्भ तो ठीक है लेकिन हीमोग्लोबीन और रक्तचाप खतरनाक स्तर तक कम है।
कागजी कार्रवाई की कहीं जरूरत नहीं
रिपोर्ट्स देखने के बाद अलका चौधरी नाम की फिजिशियन ने फौरन एंबुलेंस बुलवाई और उन्हें पास के अस्पताल भेजा। मोहल्ला क्नीनिक में हुई मेडिकल जांच समेत इस पूरी प्रक्रिया में करीब 15 मिनट का वक्त लगा। क्लीनिक में आने से लेकर परामर्श और मेडिकल जांच,उनका विश्लेषण और एंबुलेंस से भेजने तक की पूरी प्रक्रिया कंप्यूटराइज्ड थी। यहां तक कि जिस अस्पताल में मरीज को भेजा गया वहां भी उनके मेडिकल रिपोर्ट्स को एक्सेस कर लिया गया, कागजी कार्रवाई की कहीं जरूरत नहीं पड़ी। मरीज को ना तो कोई बिल दिया गया और ना ही इंश्योरेंस कंपनी को भेजा गया। कहीं भी किसी तरह की देरी नहीं हुई और सबसे बड़ी बात सबकुछ फ्री में हुआ। रूपनदीप को अस्पताल से इलाज के बाद उसी दिन छुट्टी दे दी गई। उनकी हालत ऐसी थी अगर समय पर सही इलाज नहीं हुआ होता तो उनका गर्भपात भी हो सकता था और जान को भी खतरा हो सकता था।वाशिंगटन पोस्ट में ये लेख लिखने वाले विवेक वाधवा कहते हैं कि उन्होंने इस तरह की अत्याधुनिक सुविधाएं यूरोप-अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों में भी नहीं देखीं। वो पीरागढ़ी के इस क्लीनिक में एक घंटे के वक्त में ही करीब दर्जन भर अन्य मरीजों को भी इलाज मुहैया कराया गया।
‘स्वास्थ्य स्लेट’ नाम दिया गया
बीमारियों की पहचान और शरीर की जांच के लिए इन मोहल्ला क्लीनिकों में जिस उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है उसे ‘स्वास्थ्य स्लेट’ नाम दिया गया है। 600 डॉलर के इस छोटे से उपकरण से 33 मेडिकल जांच हो सकती हैं जिनमें ब्लड प्रेशर, शुगर, दिल की धड़कन, हीमोग्लोबीन, पेशाब, प्रोटीन की जांच भी शामिल है। इसके अलावा इससे मलेरिया, डेंगू, हेपेटाइटिस, एचआईवी और टाइफाइड जैसी बीमारियों का भी पता चल जाता है। हर एक जांच में एक से दो मिनट का समय लगता है।स्वास्थ्य स्लेट एक मोबाइल किट है जिसे अमेरिका में काम करने वाले एक भारतीय कण्व कहोल नाम के बायोमेडिकल इंजीनियर ने विकसित किया है। कण्व इस बात से बेहद निराश थे कि दुनिया में करोड़ों लोगों को सिर्फ इसीलिए अच्छा इलाज नहीं मिल पाता है क्योंकि वो महंगे टेस्ट नहीं करा पाते हैं। वो इसी का समाधान तलाशने के लिए 2011 में अपने घर दिल्ली लौटे थे। आखिरकार जनवरी 2013 में वो उसे बनाने में सफल रहे जिसे बनाने में वो दिन रात लगे हुए थे, उन्होंने इसे नाम दिया स्वास्थ्य स्लेट।दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक्स की कामयाबी से प्रभावित वाशिंगटन पोस्ट लिखता है अमेरिका में अफोर्डेबल केयर एक्ट के बावजूद कुल आबादी के लगभग 10.4 फीसदी या 3 करोड़ 30 लाख लोगों के पास अब भी स्वास्थ्य बीमा की सुविधा नहीं है, ये लोग बाकी समाज की तुलना में काफी गरीब हैं और महंगा इलाज नहीं करा सकते। वाशिंगटन पोस्ट सुझाव देता है कि ये बहुत सही वक्त है कि अमेरिका के शहरों में दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तर्ज पर मोहल्ला क्लीनिक बनाए ताकि लोगों को सस्ता और अच्छा इलाज मिल सके।
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
