अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत न केवल अमेरिकी राजनीति में बल्कि वैश्विक मंच पर भी एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी। ट्रम्प ने उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस को बड़े अंतर से हराया, जो अमेरिका में कई नीतिगत बदलावों का संकेत देती है। इस जीत का भारत और वैश्विक स्थिरता पर भी प्रभाव पड़ सकता है, खासकर रक्षा, व्यापार, ऊर्जा और तकनीकी क्षेत्र में।
भारत-अमेरिका व्यापार और आईटी उद्योग पर प्रभाव
ट्रम्प के नए प्रशासन के दौरान अमेरिका की कठोर आव्रजन नीतियों का भारतीय आईटी उद्योग पर असर पड़ सकता है, खासकर वीज़ा नीतियों में बदलाव के कारण। यह भारतीय आईटी कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, जो अमेरिकी मार्केट में अपने कार्यों के लिए वीज़ा पर निर्भर हैं। हालांकि, भारतीय कंपनियों ने हाल के वर्षों में अमेरिका में लोकल कर्मचारियों को नियुक्त करने और उपमहाद्वीप में भी नए केंद्र खोलने का प्रयास किया है, जो इन जोखिमों को कम कर सकता है ।
ऊर्जा और पेट्रोलियम सेक्टर में अवसर
डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार का फोकस जीवाश्म ईंधन जैसे तेल और प्राकृतिक गैस पर अधिक होगा, जिससे इन उत्पादों के उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। इससे वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट हो सकती है, जो भारत जैसे आयात-निर्भर देशों के लिए फायदेमंद होगा। भारत के ऊर्जा क्षेत्र में दीर्घकालिक अनुबंध और व्यापार अवसरों में बढ़ोतरी हो सकती है। इसके अलावा, ट्रम्प का व्यापार दृष्टिकोण और चीन के प्रति कठोर रुख भारत को व्यापार के नए अवसर प्रदान कर सकता है, जिससे भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में लाभ मिल सकता है ।
रक्षा और रणनीतिक साझेदारी में विस्तार
ट्रम्प की सरकार का चीन के प्रति कठोर रुख भारत के लिए सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकता है। ट्रम्प और हैरिस दोनों ने भारत को एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार माना है, विशेषकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में। ट्रम्प की प्रशासन नीति में रक्षा क्षेत्र में हथियारों की बिक्री और सामरिक लाभों पर जोर दिया जा सकता है, जिससे भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को नई दिशा मिल सकती है ।
PM मोदी ने अमेरिकी चुनाव में ऐतिहासिक जीत के लिए डोनाल्ड ट्रंप को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक जीत पर उन्हें बधाई दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर मोदी ने ट्रंप को अपने “मित्र” के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि वे दोनों के बीच भारत-अमेरिका के संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए उनके सहयोग को नवीनीकरण की आशा करते हैं। मोदी ने अपने ट्वीट में ट्रंप के पिछले कार्यकाल की सफलता की सराहना की और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की ।
भारत के लिए संभावनाएं और चुनौतियाँ
डोनाल्ड ट्रम्प का अमेरिकी राजनीति में वापसी का भारत पर प्रभाव बहुआयामी होगा। जहाँ एक ओर कठोर आव्रजन नीति और चीन पर प्रतिबंध जैसे कदम भारत के आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूती दे सकते हैं, वहीं भारतीय आईटी क्षेत्र को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है। इसके बावजूद, भारत के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि ट्रम्प का रुख चीन के विरुद्ध है, जो दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को बढ़ावा देगा।
ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने से भारत-अमेरिका के संबंधों में नये आयाम जुड़ सकते हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं बढ़ेंगी।