आज़म खान के समर्थकों का सपा प्रमुख पर आरोप कहा- आपने हमारी बीजेपी से दुश्मनी करा दी, सज़ा सिर्फ़ हमको मिलेगी और मज़े सिर्फ़ आप करेंगे।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में विपक्ष का चेहरा बने अखिलेश यादव पर उनके ही पार्टी के लोग उंगली उठा रहे हैं। अखिलेश यादव पर आरोप लगाने वाले नेता और कोई नहीं बल्कि आज़म खान के समर्थक हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में आज़म ख़ान ने रामपुर सीट से और उनके बेटे अब्दुल्लाह ने रामपुर के बगल की स्वार सीट से चुनाव जीता था। इसी के साथ 18वीं विधानसभा में पिछले विधानसभा से ज्यादा मुसलमान सांसद बने हैं। वहीं, ज़्यादातर मुस्लिम विधायक समाजवादी पार्टी से हैं। इसलिए सीएम योगी के कार्यवाही का असर सपा पार्टी में मतभेद के रूप में दिख रहा है।
सपा को 111 सीट मुस्लिम वोटों के बदौलत मिली
रामपुर में रविवार को समाजवादी पार्टी की बैठक थी। इस बैठक में आज़म ख़ान के मीडिया प्रभारी फ़साहत अली ख़ान उर्फ शानू ने कहा कि पार्टी को 111 सीटों पर जीत मुस्लिम वोटों के कारण मिली है लेकिन पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव मुसलमानों के ख़िलाफ़ योगी आदित्यनाथ की सरकार की कार्रवाई पर चुप हैं। फ़साहत अली ख़ान ने कहा कि मुसलमानों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की जा रही है और उनकी संपत्तियां भी ज़ब्त हो रही हैं।
फ़साहत अली ख़ान ने अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा, ''हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को हमारे कपड़ों से बदबू आती है। अखिलेश और उनके पिता मुसलमानों की मदद से मुख्यमंत्री बने लेकिन आज़म ख़ान को उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया गया। अखिलेश यादव को उनकी जाति का भी वोट नहीं मिला। आपने हमारी बीजेपी से दुश्मनी करा दी। सज़ा सिर्फ़ हमको मिलेगी और मज़े सिर्फ़ आप करेंगे।''
पार्टी छोड़ने को लेकर करेंगे बात
फ़साहत अली ख़ान ने कहा, ''हम आज़म ख़ान से कोई फ़ैसला लेने के लिए बात करेंगे। हम उनसे समाजवादी पार्टी छोड़ने के लिए कहेंगे। आज़म साहब ने लोकसभा से इस्तीफ़ा दिया था ताकि उत्तर प्रदेश विधानसभा में लोगों की आवाज़ उठा सकें। लेकिन पार्टी ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया।''
बता दें कि पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने फ़साहत अली ख़ान के आरोपों को ख़ारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव आज़म ख़ान का सम्मान करते हैं और उनको लेकर चिंतित भी हैं। चौधरी ने कहा कि आज़म ख़ान जेल से बाहर क़ानूनी दिक़्क़तों के कारण नहीं आ पा रहे हैं।
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