
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए वोटों की गिनती जारी है और आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार अवध ओझा पटपड़गंज सीट से पीछे चल रहे हैं। शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रविंद्र नेगी को करीब 12,000 वोटों की बढ़त मिली है।
पटपड़गंज सीट पर बदलाव और संघर्ष
अवध ओझा को इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया की जगह मैदान में उतारा था। मनीष सिसोदिया, जिन्होंने 2013, 2015 और 2020 में इस सीट से जीत दर्ज की थी, को जंगपुरा सीट से चुनाव लड़ाया गया। पटपड़गंज को AAP के लिए ‘सुरक्षित’ सीट माना जा रहा था, क्योंकि इसे दिल्ली की शिक्षा क्रांति का केंद्र कहा जाता है। हालांकि, चुनावी नतीजे फिलहाल पार्टी की उम्मीदों के अनुरूप नहीं दिख रहे हैं।
दिल्ली में AAP के लिए मुश्किल घड़ी
सुबह 11:10 बजे तक पटपड़गंज से भाजपा के रविंद्र नेगी को 30,891 वोट मिले थे, जबकि अवध ओझा को 18,902 वोट प्राप्त हुए थे। कांग्रेस के अनिल चौधरी तीसरे स्थान पर हैं।
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में भाजपा 42 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि AAP केवल 20 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। कांग्रेस इस चुनाव में भी कमजोर स्थिति में दिख रही है और लगातार तीसरी बार खाता खोलने में असफल रह सकती है।
भ्रष्टाचार के आरोपों का साया
AAP इस बार के चुनाव में कई चुनौतियों का सामना कर रही है। पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण जेल में हैं। भाजपा ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, खासकर कथित ‘शीशमहल’ घोटाले को लेकर, जिसमें आरोप है कि मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
BJP की सत्ता में वापसी?
भाजपा, जो 1998 के बाद से दिल्ली में सत्ता से बाहर है, इस बार बड़े बहुमत से वापसी की ओर बढ़ रही है। एग्जिट पोल्स ने भी भाजपा की जीत की भविष्यवाणी की थी, हालांकि AAP ने इसे नकारते हुए दावा किया था कि वह फिर से सरकार बनाएगी। लेकिन मौजूदा रुझानों के अनुसार, पार्टी को सत्ता बचाने के लिए भारी संघर्ष करना पड़ रहा है।
आगे की राह
यदि भाजपा की बढ़त बरकरार रहती है, तो दिल्ली में 25 साल बाद केजरीवाल सरकार का अंत हो सकता है। वहीं, AAP को अपनी रणनीति और संगठन को नए सिरे से मजबूत करने की आवश्यकता होगी। अब सभी की नजरें अंतिम नतीजों पर टिकी हैं, जो दिल्ली की राजनीति की दिशा तय करेंगे।