मोदी जैसी ही है इस एमसीडी पार्षद की कहानी

चाय बेचकर पीएम की कुर्सी तक पहुंचे नरेंद्र मोदी और झारखंड के सीएम बने रघुवरदास ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय लोकतंत्र में कोई भी सत्ता के शीर्ष तक पहुंच सकता है।
पेशा कोई भी हो ये मायने नहीं रखता, मायने रखता है आप जनता से कितना जुड़े पाते हैं। हाल ही में एमसीडी चुनाव में जीत दर्ज कर पार्षद बनने वाले अवतार सिंह ने भी इस बात को सिद्ध कर दिखाया है। सिंह दिल्ली की पॉश मानी जाने वाली सिविल लाइंस म्यूनिसिपल वॉर्ड के पार्षद चुने गए हैं।
अजमेरी गेट पर चाय की दुकान लगाते थे अवतार
अवतार सिंह 1980 के दशक में एक होटल में वेटर की नौकरी करते थे। नौकरी छूट जाने के बाद उन्होंने अजमेरी गेट पर पीपल के पेड़ तले चाय की दुकान लगानी शुरू कर दी। सिंह कहते हैं, 'चाय बेचना कोई छोटा काम नहीं है।' चाय की दुकान पर मुझे स्थानीय लोगों के विचार जानने का मौका मिला। मैंने वहां पर कई दोस्त बनाए। चाय दुकान पर शुरू होने वाली चर्चाओं ने ही सिंह को स्थानीय राजनीति से जोड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह ही सिंह भी आरएसएस से गहराई से जुड़े हुए हैं।
धार्मिक पोस्टर पर विवाद के बाद जाना पड़ा जेला
सिंह अपने जीवन संघर्ष को याद करते हुए बताते हैं कि 1994 में उन्हें जेल हो गई थी। वह क्षेत्र में रामलीला का आयोजन करवा रहे थे जब एक धार्मिक पोस्टर को लेकर उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया।
सिंह बताते हैं, 'उस वक्त मेरे बच्चों की परवरिश के लिए पत्नी को चाय की दुकान पर बैठना पड़ा।' सिंह कहते हैं कि जेल में ही उनका संपर्क कुछ राजनेताओं से हुआ और उनके विचारों ने मुझे प्रभावित किया।
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