क्या हुआ जब स्मृति इरानी से विमान में सफर के दौरान कांग्रेस नेता ने गैस और पेट्रोल की कीमतों पर पूछ लिया सवाल

रविवार शाम से भाजपा और कांग्रेस नेता के सवाल जवाब का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब देखा जा रहा है। दरअसल इस वीडियो में महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष नेट्टा डी सुज़ा भाजपा नेता और HRD मिनिस्टर स्मृति इरानी से फ्लाइट में पेट्रोल और एलपीजी के बढ़ते दामों पर सवाल जवाब करती दिख रहीं है। 1.11 मिनट के इस वीडियो को कांग्रेस नेता ने 12.07 बजे अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया जिसके बाद रात के नौ बजने तक इसे लेकर ख़ूब बातें होने लगीं। डी सुज़ा ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है, ''जब उनसे बढ़ती महंगाई के बारे में पूछा तो उन्होंने वैक्सीन, राशन और यहाँ तक कि ग़रीबों को दोषी ठहरा दिया।'' बता दें कि भाजपा और कांग्रेस की दोनों महिला नेता गुवाहाटी पहुंचने के लिए एक ही फ्लाइट में सफर कर रही थी।
वीडियो में दोनो नेताओं की सारी बात समझ में नहीं आ रही है। लेकिन जो बात सुनाई दे रही है, उसमें स्मृति इरानी कांग्रेस नेता के पेट्रोल और एलपीजी की बढ़ती क़ीमतों के बारे में सवाल पूछने पर जवाब देते हुए कह रही हैं कि अच्छा होता कि आप यात्रा में इस तरह से टोक-टाक नहीं करतीं। इसके बाद इरानी ने कहा कि आप झूठ मत बोलिए। इसे लेकर कोलकाता के एक से प्रकाशित होने वाला अख़बार ने डी सुज़ा से बात की उन्होंने ने कहा, ''महिला और बाल विकास मंत्री ने महंगाई बढ़ने के कारण को मुफ़्त में कोविड वैक्सीन से जोड़ दिया। मंत्री का बढ़ती महंगाई पर जवाब पूरी तरह से अतार्किक था।
कांग्रेस नेता ने कहा कि 2011 में यही स्मृति इरानी ख़ाली सिलिंडर लेकर विरोध प्रदर्शन करती थीं। उन्होंने कहा कि स्मृति इरानी एलपीजी की क़ीमत 415 से 435 रुपए करने पर विरोध-प्रदर्शन कर रही थीं लेकिन अब प्रति सिलिंडर एक हज़ार रुपए से ज़्यादा क़ीमत हो गई है। डी सुज़ा ने कहा, ''वह फ़र्स्ट क्लास में थीं। मैंने देखा कि एयरहोस्टेस और स्टाफ़ के साथ तस्वीरें क्लिक करवा रही हैं। जब वह विमान से उतरने लगीं तो मैंने बढ़ती महंगाई को लेकर सवाल पूछे। सवालों का जवाब देने के बजाय वह परेशान हो गईं।''
वहीं, इस कांग्रेस नेता के रवैये की आलोचना करते हुए अमस के मंत्री पिजुश हज़ारिका ने ट्वीट कर लिखा, ''हमारी संस्कृति में अतिथि का दर्जा भगवान की तरह है। महिला कांग्रेस अध्यक्ष का आचरण ठीक नहीं था। गोवाहटी एयरपोर्ट पर उन्होंने स्मृति इरानी जी को रास्ते में रोक कर टोक-टाक की। यह असम की संस्कृति नहीं है।''
सोसाइटी से
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