उमेश यादव ने की अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी, बनाया यह रिकॉर्ड

विकेट पाने के बाद खुशी

उमेश यादव ने अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करके वेंस्टइंडीज के खिलाड़ियों को हतप्रभ कर दिया। उनकी शानदार गेंदबाजी वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों को दो चार होना पड़ा। उनकी शानदार गेंदबाजी का ही नतीजा रहा कि वेस्टइंडीज की पूरी टीम 311 रन पर आउट हो गई। अपनी गेंदबाजी ने उन्होंने 88 रन देकर 6 विकेट हासिल किए और यह उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी रही।
विकेट मिलने के बाद खुशी

आज दूसरे दिन का खेल शुरू होते ही उमेश ने यहां राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन वेस्टइंडीज़ के बाकी बचे तीनों विकेटों को चटकाकर 6 विकेट पूरे किए। पहले दिन उन्होंने शेन डाउरिच को एलबीडब्ल्यू (62), शाई होप को एलबीडब्ल्यू (68), जेसन होल्डर (92) को ऋषभ पंत के हाथों कैच आउट कराकर पवेलियन की राह दिखाई।
उमेश यादव

दूसरे दिन के खेल की शुरुआत के साथ यादव ने पहले ही ओवर में देवेंद्र बिशू को बोल्ड किया। इसके बाद रोस्टन चेज (106) को आउट कर यादव ने भारत को सबसे बड़ा विकेट दिलाया। अगली ही गेंद पर शेनन गेब्रियल को आउट करल उमेश ने मेहमान टीम की पारी को समेट दिया। वैसे टेस्ट क्रिकेट में उमेश यादव का ये दूसरा पांच विकेट हॉल है, इससे पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी के घर में 5 विकेट लिए थे। यादव वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट मैच में पांच विकेट हॉल लेने वाले छठें भारतीय तेज गेंदबाज हैं।
एक्शन में उमेश यादव

उमेश ने इस प्रदर्शन के साथ ही पूर्व गेंदबाज जवागल श्रीनाथ के 19 साल पुराने रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली। उमेश श्रीनाथ के बाद टेस्ट क्रिकेट में घरेलू जमीन पर 6 विकेट लेने वाले केवल दूसरे गेंदबाज बने। जवागल श्रीनाथ ने साल 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ मोहाली में 27 रन देकर छह विकेट हॉल लिया था। अब उन्होंने ये कारनामा कर उनके रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।
उमेश को बधाई देते कप्तान विराट कोहली

उमेश ने अपना पहला फाइव विकेट हॉल साल 2012 में लिया था और उसके बाद उनका अगला पंजा साल 2018 में आया, इस बीच उन्होंने 68 पारियों में गेंदबाजी की। पारी के हिसाब से दो 5 विकेट हॉल के लिए उन्होंने किसी भी भारतीय गेंदबाज सबसे ज्यादा पारियां ली है।
विराट व अन्य

इससे पहले ये रिकॉर्ड इशांत शर्मा के नाम था, इशांत ने साल 2007 से 2011 के बीच में 53 पारियों में एक बार भी 5 विकेट नहीं लिए थे। वहीं कपिल देव भी साल 1985 से 1989 तक 48 पारियों में एक बार भी फाइव विकेट हॉल नहीं लिए थे। इसके अलावा पॉली उमरीगर को 39 और जहीर खान को 37 पारियों का इंतजार करना पड़ा था।
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