जन्मदिन विशेष: तस्वीरों से जानिए कैसे सचिन तेंदुलकर बने क्रिकेट के भगवान

क्रिकेट की दुनिया के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर आज अपने जीवन का 47वां जन्मदिन मना रहे हैं। क्रिकेट के मैदान पर अपनी अनगिनत पारियों से देश का मान बढ़ाने वाले सचिन तेंदुलकर का जीवन क्रिकेट को ही समर्पित रहा। 24 साल के अपने क्रिकेट के कॅरियर के दौरान सचिन तेंदुलकर ने इतने कीर्तिमान रच दिए हैं कि उन्हें तोड़ना किसी के लिए भी मुश्किल नजर आता है। आइए सचिन के जीवन से जुड़े कुछ खास पलों पर नजर डालते हैं।
मुंबई के मराठी परिवार में हुआ जन्म

सचिन तेंदुलकर का जन्म 14 अप्रैल 1973 को मुंबई के एक मराठी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम रमेश तेंदुलकर है, जो एक प्रोफेसर थे। बचपन से ही सचिन को क्रिकेट का बहुत शौक था। उनके परिवार ने भी सचिन को क्रिकेट में हमेशा अच्छा खेलने के लिए प्रेरित किया।
बचपन में आरडी बर्मन से मिला नाम

सचिन का परिवार मराठी ब्राह्मण है। उनके पिता रमेश तेंदुलकर अपने समय के संगीतकार आरडी बर्मन से इतने ज्यादा प्रभावित थे कि उन्होंने बेटे का नाम सचिव देव बर्मन रख दिया था। सचिन की मां का नाम रजनी तेंदुलकर हैं, जो एलआईसी एजेंट थी। सचिन के भाई नितिन तेंदुलकर और बहन सविताई तेंदुलकर हैं। सचिन के परिवार ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस बात का जिक्र खुद सचिन तेंदुकर कई बार कर चुके हैं।
वनडे क्रिकेट में उतरा मासूम 'बच्चा'

सचिन तेंदुलकर ने 1989 में पहली बार वनडे क्रिकेट में पदार्पण किया। तब उनके सामने विश्व का सबसे खतरनाक माने जाने वाला बॉलिंग अटैक था। तब पाकिस्तान की क्रिकेट टीम में वसीम अकरम, वकार यूनिस, इमरान खान और अब्दुल कादिर जैसे बेहतरीन गेंदबाज थे। वसीम अकरम ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वो पहली बार 16 साल के उस लड़के को गेंद फेंक रहे थे तो उन्हें डर सता रहा था कि कहीं उसे बाउंसर से चोट न लग जाए।
टेस्ट मैचों में भी मचाई धूम

सचिन तेंदुलकर ने चाहे वनडे क्रिकेट हो या टेस्ट दोनों में ही खूब रन बनाए। अपने बेहतरीन खेल के चलते जल्द ही उनकी तुलना क्रिकेट जगत के महान खिलाड़ी सर डॉन ब्रेडमैन से होने लगी थी। सचिन ने अपने जीवन में 200 टेस्ट मैच खेले, और 329 पारियों में 15921 रन बनाए। सचिन ने 6 बार 200 से ज्यादा रन बनाए। वहीं टेस्ट क्रिकेट में उनका औसत 53.79 रहा। उनका अधिकतम स्कोर 248 रहा। सचिन बल्लेबाजी के अलावा बॉलिंग भी करते थे।
बचपन से रहे क्रिकेट के हीरो

सचिन तेंदुलकर ने बचपन से ही क्रिकेट के मैदान पर कीर्तिमान स्थापित करने शुरू कर दिए थे। स्कूल के दिनों में ही उन्होंने लंबी पारियों के लिए जाना जाता है। सचिन जब अपने स्कूल के लिए खेलते थे, उन्हें आउट करना साथी खिलाड़ियों के लिए बेहद ही मुश्किल हो जाता था। उनके बचपन के दोस्तों में विनोद कांबली और रानाडे जैसे खिलाड़ियों के साथ उनकी जोड़ी बहुत हिट रही। सचिन ने पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुम्बई के लिए 14 साल की उम्र में खेला था।
कोच से रहा भावनात्मक संबंध

सचिन तेंदुलकर के कोच का नाम रमाकांत आचरेकर है। सचिन तेंदुलकर के कॅरियर में उनके कोच आचरेकर का बहुत बड़ा योगदान है। बचपन से ही मिली अच्छी ट्रेनिंग का नतीजा रहा कि सचिन का खेल लगातार निखरता रहा। रमाकांत आचरेकर सचिन को मुंंबई के ही शिवाजी पार्क में क्रिकेट सिखाते थे। सचिन बताते हैं कि उन्होंने आज तक कभी भी उनके खेल को लेकर वेल प्लेड नहीं कहा। वे हमेशा बेहतर खेलने के लिए प्रेरित करते थे। हालांकि जब वे अच्छा खेलते थे तो रमाकांत आचरेकर उन्हें भेलपुरी या पानीपुरी खिलाते थे।
खिलाड़ी के तौर पर बुलंदियों को छुआ

सचिन ने अपने कॅरियर में एक खिलाड़ी के तौर पर बुलंदियों को छुआ। उनके नाम तमाम विश्व रिकॉर्ड मौजूद हैं। वे टेस्ट और एकदिवसीय मैचों में 100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले एक मात्र बल्लेबाज हैं। उनके टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा 51 शतक हैं। एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक 49 शतक दर्ज हैं। सचिन के एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक 96 अर्धशतक है। क्रिकेट विश्व कप के इतिहास में उन्होंने 2,278 रन बनाए हैं। वह सबसे ज्यादा विश्व कप खेलने वाले पहले खिलाड़ी हैं। उन्होंने 06 विश्वकप खेले हैं।
विरोधियों को घुटने के बल बैठाया

क्रिकेट के भगवान, रन मशीन, लिटिल मास्टर जैसे उपनामों से मशहूर सचिन ने क्रिकेट के मैदान पर अपने प्रदर्शन से विरोधियों को घुटने के बल बैठने पर मजबूर कर दिया। सचिन के विश्व कप के इतिहास में सर्वाधिक शतक हैं। वहीं टेस्ट मैचों में सर्वाधिक 68 अर्धशतक हैं। वह टेस्ट मैचों में सबसे तेज 10,000 रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। सचिन विश्व कप के एक संस्करण में सर्वाधिक रन बना चुके हैं। उन्होंने 2003 के विश्व कप में 673 रन बनाए थे। सचिन जब क्रिकेट की पिच पर खड़े हो जाते थे, तब तक भारत की जीत की संभावना हमेशा बनी रहती थी।
पहली बार एयरपोर्ट पर मिले थे सचिन

सचिन तेंदुलकर की पत्नी का नाम अंजलि तेंदुलकर हैं। सचिन ने अंजलि को पहली बार मुंबई के एयरपोर्ट पर देखा था, जब वो इंग्लैंड के दौरे से वापस आ रहे थे। अंजलि तब अपनी दोस्त अपर्णा के साथ मां को एयरपोर्ट से वापस लाने के लिए गई थीं। तब उनकी दोस्त अपर्णा ने सचिन को पहचान लिया था और अंजलि को बताया था कि ये वही खिलाड़ी है, जिसने इंग्लैंड के दौरे पर सेंचुरी लगाई है। तब अंजलि ने सचिन से ऑटोग्राफ मांगा था। फिर दोनों के बीच प्यार बढ़ता गया और 24 मई 1995 को सचिन और अंजलि ने शादी कर ली।
परिवार के साथ सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर और अंजलि के दो बच्चे हैं। बेटे का नाम अर्जुन और बेटी का नाम सारा है। बेटी सारा तेंदुलकर का जन्म 12 अक्टूबर 1997 को हुआ था जबकि बेटे अर्जुन तेंदुलकर का जन्म 24 सितंबर 1999 को हुआ था। बेटा अर्जुन भी क्रिकेटर है। वो मुंबई टी20 लीग और अंडर-19 में भारतीय टीम की तरह से खेल चुके हैं। हालांकि अर्जुन का कॅरियर कभी भी स्थायी नजर नहीं आया। क्रिकेट के मैदान पर वो अपने पिता की तरह मुकाम हासिल नहीं कर सके। बेटी सारा ने लंदन की यूनिवर्सिटी से मेडिसिन में ग्रेजुएट किया है।
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