सियासत की सुषमा बढ़ातीं स्वराज का सफर तस्वीरों के जरिए

राजनीति के चमकते हुए सितारा सुषमा स्वराज का तस्वीरों के जरिए सफर
धीर और गंभीर नेता की छवि

सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1953 को हरियाणा के अंबाला छावनी में हरदेव शर्मा और लक्ष्मी देवी के घर में हुआ था। पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। (फोटो क्रेडिट- गेटी इमेज)
सुषमा स्वराज के बचपन की तस्वीर

सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1953 को हरियाणा के अंबाला छावनी में हरदेव शर्मा और लक्ष्मी देवी के घर में हुआ था। पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। (फोटो क्रेडिट- लोकमत)
सुषमा स्वराज के एनसीसी कैडेट के रूप में

अंबाला कैंट के सनातन धर्म कॉलेज से संस्कृत और पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई। इसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से लॉ किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस की। कॉलेज टाइम में सुषमा स्वराज एनसीसी कैडेट भी रहीं और लगातार तीन साल तक NCC की बेस्ट कैडेट रहीं। और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में लगातार तीन बार बेस्ट हिंदी वक्ता का पुरस्कार जीता था। लंबे समय तक उनका विद्यार्थी परिषद से भी जुड़ाव रहा है।
सुषमा स्वराज और उनके पति स्वराज कौशल

यूं तो सुषमा स्वराज के पिता प्यार की बात सुनकर बेहद गुस्सा हो जाते थे लेकिन सुषमा स्वराज से उनका विशेष लगाव था यही वजह है कि वे स्वराज कौशल और सुषमा की शादी के लिए तैयार हो गए।
सबसे कम में कैबिनेट मंत्री बनने वाली देश की पहली महिला

राजनीति से सुषमा स्वराज का शुरू से ही लगाव रहा है। उन्होंने राजनीति को ध्यान में रखते हुए उसी दिशा की ओर काम किया। इसी का परिणाम है कि वे 25 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बनने वाली देश की सबसे कम उम्र की महिला बन गईं।
सूचना प्रसारण मंत्री के रूप में शपथ लेतीं सुषमा स्वराज

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री के रूप में उन्होंने उत्कृष्ट काम किया गया। दूरदर्शन से लेकर राज्य सभा टीवी के सुधार में उन्होंने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप से शपथ लेतीं सुषमा स्वराज

सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं। इस दौरान लेफ्टिनेंट गवर्नर वियज कपूर उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई थी।
जय प्रकाश नारायण की प्रेरणा से राजनीति में रखा कदम

सुषमा स्वराज पटना स्थित जय प्रकाश नारायण के घर पर। वे जय प्रकाश नारायण की प्रेरणा से राजनीति में आईं।
हर बुराई से लड़ने को तैयार

HIV से प्रभावित जब बेस्टन और बेस्टी नाम के बच्चों के साथ समाज ने स्कूल में एडमिशन देने पर रोल लगा दी तो सुषमा स्वराज ने न सिर्फ उन्हें गले लगाया कि समाज को संदेश भी दिया कि इस देश में किसी भी तरह के भेदभाव की कोई जगह नहीं है।
जितनी राजनीतिक उतनी ही सामाजिक

सुषमा स्वराज राजनीतिक जीवन में जितना सक्रिय थीं उतना ही वे सामाजिक जीवन में भी सक्रिय रहीं। वे तीज त्योहारों में निरंतर महिलाओं बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराती थीं।
भारत की बेटी दुनिया की नेता

सुषमा स्वराज को नेता के रूप में भारत में जितना स्वीकार किया गया उतना ही विश्व में भी उनकी स्वीकार्यता रही। उनके विदेश मंत्री रहने के दौरान लोगों ने तो यहां तक कहना शुरू कर दिया था कि अगर कोई भारतीय मंगल ग्रह में भी फंसा होगा तो उसे भी सुषमा स्वराज वहां से सुरक्षित निकाल लाएंगी
हर दौर में मिलाए कदम से कदम

अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल केंद्रीय मंत्रिमंडल जब सुषमा स्वराज को स्थान मिला तो उन्होंने अपने काम से सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से

क्या हुआ जब सीएम के नाम से ‘योगी’ हटाने के लिए हाईकोर्ट में दायर की हुई याचिका
टेक्नोलोजी
- जल्द लॉन्च हो रही है एक ऐसी डिवाइस जो शराब सूंघते ही बंद कर देगी गाड़ी
- बिना इंटरनेट के भी अब कर सकते हैं पैसे ट्रांसफर, बस करना होगा इन आसान स्टेप्स को फॉलो
- अगर आप भी ई-पासपोर्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, तो जान लें कब शुरू होगी ये सुविधा
- गूगल के पास हैं आपके सारे सवालों के जवाब, लेकिन कैसे? पढ़िए इसके पीछे की ट्रिक

अन्य खबरें

'हमें बीमारी से लड़ना है, बीमार से नहीं'

वनडे में क्लीन स्वीप के बाद न्यूजीलैंड ने टेस्ट के लिए घोषित की टीम

पढ़िए, क्यों राहुल की वजह से पीएम पद से इस्तीफा देना चाहते थे मनमोहन

पराली की समस्या का इन युवाओं ने ढूंढा हल, बना रहे यह सामान

अनुच्छेद 370 के बारे में वह सबकुछ जो आपके लिए जानना जरूरी है
Loading next News...
