यह भारतीय महिला गोल्फर खेल और मॉडलिंग की दुनिया में छा रही


सुर्खियों में छाई रहती हैं
अपनी खूबसूरती को लेकर शर्मिला हमेशा सुर्ख़ियों में बनी रहती हैं।

समझी जिम्मेदारी
विभिन्न देशों में आयोजित होने वाले गोल्फ टूर्नामेंट्स में देश का नाम रोशन करने का जिम्मा शर्मिला निकोलेट बखूबी उठा रही हैं।

रैम्प वॉक पर बनाई पहचान
मगर इस डॉग लवर को रैम्प वॉक की दुनिया में भी खासी शोहरत हासिल है।

बढ़ते जा रहे फैंस
वह अपनी खूबसूरती के लिए हमेशा ही फैंस के बीच चर्चित रहती हैं।

बढ़ा रहीं देश की खेल प्रतिभा
यही नहीं उन्होंने गोल्फ में कई रिकॉर्ड दर्ज कर अपनी व भारत देश की खेल प्रतिभा को रोशन करने में अहम भूमिका अदा की है।

नहीं होता यकीन
शर्मिला देखने में किसी खूबसूरत मॉडल से कम नहीं लगती हैं और उन्हें देखकर कोई ये नहीं बता सकता है कि वह एक गोल्फर हैं।

होती रहती है ऑफर्स की बारिश
अपनी खूबसूरती की वजह से शर्मिला को कई मॉडलिंग ऑफर भी मिल चुके हैं।

पसंद : सबसे पहले गोल्फ
मगर वह अपने खेल से ज्यादा किसी भी चीज़ से प्यार नहीं करती हैं। इसीलिए उन्होंने खेल को प्राथमिकता दे रखी है।

सोशल मीडिया पर फैंस ही फैंस
शर्मिला का अंदाज़ उनके फैन्स को काफी पसंद है और यही वजह है कि सोशल मीडिया पर उनके हज़ारों की संख्या में फैन्स भी हैं।

रोमांच से है प्यार
रोमांच भरी जिंदगी जीना शर्मिला को काफी पसंद हैं।

दोस्तों से है काफी प्यार
इस महिला गोल्फर को दोस्तों के साथ आउटिंग करना काफी पसंद है।

फ्रेंच पिता की हैं संतान
शर्मिला का जन्म बंगलुरू में हुआ। इनकी मां का नाम सुरेखा है वह भारतीय हैं जबकि पिता फ्रेंच हैं उनका नाम मार्क निकोलेट है।

स्विमिंग से है खास लगाव
शर्मिला गोल्फ के अलावा स्विमिंग में भी काफी दिलचस्पी रखती हैं। वह नेशनल सब-जूनियर स्विमिंग चैंपियन रही हैं।

भारत की 'मारिया शारापोवा'
शर्मिला को गोल्फ खेलने के मामले में भारत की मारिया शारापोवा कहा जाता है।

तस्वीरों का है शौक
अपने खेल से कहीं ज्यादा शर्मिला अपनी तस्वीरों के लिए चर्चा में रहती हैं।

बंगलुरू की है यह बाला
शर्मिला बंगलुरु की रहने वाली हैं और वह गोल्फ में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं।

बचपन में ही चुना गोल्फ
शर्मिला ने 11 साल की उम्र से ही गोल्फ को अपना हमसफ़र बना लिया था।

देती हैं गोल्फ खेलने के टिप्स
अपने फैंस को शर्मिला आए दिन सोशल मीडिया के जरिए गोल्फ के बारे में जानकारी देती नजर आया करती हैं।

...तब बनीं गोल्फर
18 साल की होने के बाद उन्होंने यह फैसला कर लिया था कि वह अब ताउम्र एक गोल्फर ही बनकर रहना चाहेंगी।

कुत्तों से है खास लगाव
महिला गोल्फर शर्मिला निकोलेट को कुत्तों से बहुत प्यार है।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें

'हमें बीमारी से लड़ना है, बीमार से नहीं'

वनडे में क्लीन स्वीप के बाद न्यूजीलैंड ने टेस्ट के लिए घोषित की टीम

पढ़िए, क्यों राहुल की वजह से पीएम पद से इस्तीफा देना चाहते थे मनमोहन

पराली की समस्या का इन युवाओं ने ढूंढा हल, बना रहे यह सामान
Loading next News...
