'नरेंद्र मोदी और सुषमा स्वराज के फैन थे, अमेरिका में मारे गए मेरे पति श्रीनिवास'

'वो विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज को देखकर काफी खुश होता था, वह कहता था कि सुषमा एक बहादुर महिला हैं और वह लोगों की समस्याओं पर तत्काल प्रतिक्रिया देती हैं। उसने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उन्हीं मदद पाने वालों में से एक दिन वह खुद भी होगा। मैडम आपकी मदद से श्रीनु काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा होगा, फिर से शुक्रिया मैडम।'
यह शब्द हैं, अमेरिका के कंसास में मारे गए श्रीनिवास की पत्नी सुनयना के, जो बीते 22 फरवरी को एक हमलावर की गोली के शिकार हो गए थे। आपको बता दें, इस मामले पर सुषमा स्वराज के हस्तक्षेप के बाद ही अमेरिकी कांग्रेस में ट्रंप इस हमले पर निंदा करने पर मजबूर हुए और सुनयना बिना किसी परेशानी के अपने पति के शव के साथ भारत आ गईं।
श्रीनिवास की पत्नी सुनयना ने अपने पति से जुड़ी सुनहरी यादों को लेकर एक पोस्ट लिखी है...
मेरा आत्मविश्वास था श्रीनु
मृतक श्रीनिवास की पत्नी ने अपने पति की यादों पर अपने पोस्ट की शुरुआत बेहद भावुक तरीके से की है। उन्हानें लिखा कि... मैं बहुत भारी और उदास मन से इन शब्दों को लिख रही हूं, 22 फ़रवरी 2017, बुधवार की रात मेरे लिए डरावनी थी। इस रात मैंने अपना पति खो दिया- मेरा जीवनसाथी, मेरा दोस्त और मेरा आत्मविश्वास था वो... वह मेरी प्रेरणा का स्रोत था। वह न केवल मेरा सहारा था बल्कि उन सबके लिए था जो उसे जानते थे।
कैसे मिले थे श्रीनिवास और सुनयना
अपने पोस्ट में सुनयना ने पहली मुलकात के बारे में लिखा है कि हमलोग 2006 अगस्त में ऑनलाइन पोर्टल ऑर्कुट के ज रिए मिले थे। हमलोगों का आमने-सामने परिचय नहीं हुआ था, तभी एक दूसरे को हमने तत्काल पसंद करना शुरू कर दिया था। वह इतना आकर्षक था कि मैं खुद को रोक नहीं सकी। वह श्रीनिवास ही था जिसने मुझे सपनों का पीछा करने के लिए अमेरिका आकर पढ़ने का साहस दिया।
जो मैं आज हूं, वह उसी का बनाया हूं, मैं किसी पर अश्रित नहीं हूं, आत्मनिर्भर हूं और एक मजबूत महिला हूं। मैंने हाल ही में मई, 2016 में काम करना शुरू किया था। मुझे नौकरी तक पहुंचाने में उसने बड़ी भूमिका अदा की थी। वह हमेशा मेरा उत्साह बढ़ाता था। मैंने चार साल के करियर ब्रेक के बाद काम शुरू किया था।
हमलोगों ने 6 साल की दोस्ती के बाद शादी की थी। शादी तक पहुंचने की राह आसान नहीं रही, उसने न केवल अपने परिवार वालों को समझाया बल्कि मुझे भी भरोसे में लिया था। उसने मेरे माता-पिता के साथ शादी को लेकर कई बार मुलाक़ात की थी। आखिरकार वह समझाने में कामयाब रहा कि उनकी प्यारी बेटी के लिए वह सबसे अच्छा है। उसने सारे सवालों का जवाब चेहरे पर एक मुस्कान लिए दिया था। वह जल्द ही मेरे परिवार का हिस्सा बन गया, वह पसंदीदा दामाद और जीजा बना। लोग इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि वह अब इस दुनिया में नहीं है।
मोदी से प्रभावित थे श्रीनु
दुनिया भर में क्या हो रहा है, इसे लेकर वह काफी सतर्क रहता था। उसे नरेंद्र मोदी जी और भारत पर बहुत गर्व था, वह इस बात को लेकर आश्वस्त था कि भारत को एक नेता मिल चुका है जो उसे शिखर तक ले जाएगा। यह अवास्तविक लग सकता है लेकिन मैं उसे जानती थी, ऐसा एक दिन भी नहीं होता था जब वह बिना न्यूज देखे और बिना कई अखबारों को पढ़े बिस्तर पर गया हो।
वह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को देखकर काफी खुश होता था, वह कहता था कि सुषमा एक बहादुर महिला हैं और वह लोगों की समस्याओं पर तत्काल प्रतिक्रिया देती हैं। उसने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उन्हीं मदद पाने वालों में से एक दिन वह खुद भी होगा। मैडम आपकी मदद से श्रीनु काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा होगा। फिर से शुक्रिया मैडम। मैं उम्मीद करती हूं कि आप दोनों से मिलने का मौका मिलेगा।
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