अपनी आंखों की सिर्फ 10 फीसदी रोशनी से परिधि ने रोशन की अपनी जिंदगी

IIM-लखनऊ से मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाली 21 साल की परिधि वर्मा ने जब प्लेसमेंट के दौरान इंटरव्यू लेने वाले से कहा कि उनकी आंख की 90 फीसदी रोशनी जा चुकी है, तो सबने सोचा अब तो उनके हाथ से नौकरी गई। लेकिन परिधि की इसी सच्चाई ने उन्हें प्लेसमेंट दिलाया। आज उनके पास एक बैंक में कस्टमर रिलेशनशिप एक्जक्यूटिव की नौकरी है।
क्या है परिधि की कहानी
उन्हें यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि वो अपनी आंखों से केवल 10 फीसदी ही देख पाती हैं। दरअसल परिधि मैक्यूलर डीजेनरेशन ( macular degeneration) नाम की एक गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, जिस वजह से उनकी आंखों की 90 फीसदी रोशनी जा चुकी है। उनको यह समस्या बचपन से ही है। लेकिन उन्होंने कभी इस समस्या को अपने जीवन पर हावी नहीं होने दिया। परिधि ने न सिर्फ 19 साल की उम्र में CAT की परीक्षा पास कर IIM में एडमिशन लिया, आज वो सफलतापूर्वक इसको पास करते हुए अपनी नौकरी पक्की कर ली है।
सभी मुसीबतों को परिधि ने ऐसे किया पार
मूलत: मध्यप्रदेश की रहने वाली परिधि वर्मा जब 19 साल की थीं, तो उन्हें पहली बार अपने माता-पिता से दूर रहकर पढ़ाई करने IIM-लखनऊ आना पड़ा। ऐसी हालत में जब वो लखनऊ में अपनी पढ़ाई करने आईं तो उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि उनके दोस्त और सीनियर ने उनकी काफी मदद की, जिसके बाद वो इस मुकाम पर पहुंची कि अपनी पढ़ाई पूरी कर सफलतापूर्वक नौकरी पा लिया।
वो बताती हैं, आमतौर पर परीक्षा में परिक्षार्थी अपने पेपर के जवाब खुद लिखते हैं, लेकिन उनको इस समस्या के कारण एक लिखने वाला दिया जाता था। वो लिखने वाला ही उनकी किस्मत तय करता था। परिधि अपने इस सफर और अपने दोस्तों के सपोर्ट से बेहद खुश हैं और अपने आप को बहुत लकी मानती हैं।
लखनऊ IIM में कैसे मिला प्रवेश
जबलपुर में जन्मीं परिधि ने अपनी जिंदगी के शुरुआती साल दिल्ली में बिताए। उसके बाद रक्षा मंत्रालय में कार्यरत अपने पापा सतेंद्र और मम्मी कृष्णा प्रभा वर्मा का ट्रांसफर होने पर परिधि देहरादून चली गईं। उस समय परिधि क्लास 6 में थीं। उन्होंने 11वीं क्लास केंद्रीय विद्यालय, जयपुर में जॉइन की और इसी शहर से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की।

आईसीजी, जयपुर से बीबीए ग्रैजुएट और मास कम्यूनिकेशन व विडियो प्रॉडक्शन में डिप्लोमा होल्डर परिधि पहले सिविल सर्विसेज में जाना चाहती थीं। उनके एक दोस्त ने उन्हें CAT की तैयारी करने की सलाह दी। परिधि कहती हैं कि मैंने इस सलाह को हल्के में लिया और सिर्फ ढाई महीने एग्जाम की तैयारी की।
CAT रिजल्ट्स मेरे लिए चौंकाने वाले थे। परिधि रेडियो जॉकिंग को लेकर काफी पैशनेट हैं और एमबीए के बाद यही करना चाहती हैं। वह कहती हैं कि रेडियो जॉकिंग यानी बातें करना जो कि मैं पूरे दिन कर सकती हूं। किसी को पता भी नहीं चलेगा कि मेरी नजर कमजोर है।
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