UPPCS Result 2018: यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर की गोल्ड मेडलिस्ट बिटिया बनी डीएसपी
एक पिता के लिए इससे ज्यादा खुशी और गर्व की क्या बात होगी कि जिस विभाग में वह कार्यरत हो उसी विभाग में उसकी बेटी अफसर बनें। यूपी पीसीएस 2018 (UPPCS Result 2018) के आए परिणाम में आज हम आपको ऐसे ही एक सफल बेटी से मिलाने जा रहे हैं जो कि अब अपने पिता जी के ही विभाग में अफसर बनेगी। यूपी के बुलंदशहर की रहने वाली प्रिया सिंह का चयन यूपी पीसीएस 2018 (UPPCS Result 2018) के आए परिणाम में डीएसपी (DSP) यानि पुलिस उपाधीक्षक के पद पर हुआ है।
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डीएसपी (DSP Priya Singh) के पद पर चयनित प्रिया सिंह के पिता यूपी पुलिस (UP Police) में ही इंस्पेक्टर (Inspector) के पद पर मथुरा में कार्यरत हैं। अपने पिता जी के विभाग में अफसर का पद पाने वाली प्रिया सिंह के (DSP Priya Singh) अभी कदम रुके नहीं है। यूपी पीसीएस (UPPCS Exam) की परीक्षा में लगातार दूसरी बार सफलता अर्जित करने वाली प्रिया सिंह (DSP Priya Singh) का सपना यूपीएससी (UPSC) को फतेह करना है। अपने पहले ही प्रयास में यूपी पीसीएस (UPPCS) परीक्षा को फतेह करने वाली प्रिया सिंह (DSP Priya Singh) इस समय वाणिज्य कर अधिकारी (Income Tax Officer) की ट्रेनिंग कर ही है।
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पुलिस विभाग में रहे प्रिया के दादा
प्रिया मूलरूप से गौतम बुध नगर जिले के फलैदा गांव निवासी है लेकिन काफी वर्षों से उनका परिवार बुलंदशहर में ही रहा है। प्रिया के दादा सुनपत सिंह भी पुलिस विभाग (UP Police) में उपनिरीक्षक (Sub Inspector) के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
प्रिया (DSP Priya Singh) के पिता रामपाल सिंह इस समय मथुरा (Mathura) में इंस्पेक्टर (Inspector) के पद पर कार्यरत है। उनकी माता उर्मिला सिंह गृहणी है। प्रिया से बड़ी बहन हेमा सिंह और दो छोटे भाई ललित और रितिक सिंह अभी पढ़ाई कर रहे हैं। प्रिया (DSP Priya Singh) अपनी इस कामयाबी का पूरा श्रेय गुरुओं के साथ-साथ अपने पूरे परिवार को देती है।
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यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं प्रिया
यूपी के बुलंदशहर (Bulandshahar) की रहने वाली प्रिया सिंह (DSP Priya Singh) की स्कूलिंग पूरी बरेली (Bareilly) शहर में हुई है। बरेली (Bareli) से उन्होंने इंटर तक की पढ़ाई की। इसके बाद वह बीएससी (B.SC) और एमएससी (M.SC) की पढ़ाई चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से किया।
भौतिक विज्ञान (Physics) से पोस्ट ग्रजेुशन करने वाले प्रिया (DSP Priya Singh) यूनिवर्सिटी टॉपर (University Toppers) रही है। उन्हें तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक (Ram Naik) ने गोल्ड मेडल से सम्मानित किया था।
यही नहीं, प्रिया (DSP Priya Singh) ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में भी जिले की टॉप टेन में सातवां मुकाम हासिल किया था। एमएससी (M.SC) करने के बाद प्रिया ने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और दिल्ली (Delhi) में जाकर तैयारी शुरू की।
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पहले ही प्रयास में अर्जित की थी सफलता
एमएससी (M.SC) में गोल्ड मेडलिस्ट प्रिया सिंह (DSP Priya Singh) का रुझान पोस्ट ग्रजेुशन के बाद में प्रशासनिक सेवाओं की तरफ हुआ। वह कहती है कि मैंने प्रशासनिक सेवा की तैयारी वर्ष 2017 से शुरू की थी। उन्होंने तैयारी प्री (Pre) और मेंस (Mains) दोनों को हमेशा ही ध्यान में रखते हुए किया। जिसका नतीजा रहा कि जल्द ही मुझे सफलता मिल गई।
उन्होंने बताया कि मैंने बेहतर तरीके तैयारी के लिए एमएससी (M.SC) करने के बाद दिल्ली (Delhi) की तरफ रुख किया और राजेंद्र नगर में स्थित एक प्रसिद्ध कोचिंग में गाइडेंस लिया। वह कहती है कि कोचिंग सिर्फ आपकी एक अच्छी मार्गदर्शक हो सकती है लेकिन सफलता नहीं दिला सकती है।
उन्होंने कहा कि कोचिंग (Coching) सिर्फ आपको राह दिखा सकती है। प्रिया सिंह (DSP Priya Singh) का पहले ही प्रयास में यूपी पीसीएस 2017 (UPPCS 2017) में वाणिज्य कर अधिकारी के पद पर चयन हुआ। वर्तमान में वह ट्रेनिंग भी कर रही है।
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प्रिया ने ऐसे अपनाई यह रही रणनीति
डिप्टी एसपी (DSP Priya Singh) के पद पर चयनित प्रिया सिंह ने तैयारी के लिए खास रणनीति बनाई थी। उन्होंने बताया कि जिन विषयों में अच्छी पकड़ नहीं थी, उनमें मैं मैंने औसत नंबर लाने का प्रयास किया। इसके अलावा जिसमें मेरी पकड़ बहुत ही अच्छी थी, उसमें अच्छा से अच्छा स्कोर करने का प्रयास किया ताकि बैलेंस बराबर का बना रहे।
उन्होंने बताया कि मैंने वैकल्पिक विषय के साथ में हिन्दी (Hindi) विषय पर फोकस किया। उन्होंने कहा कि मैंने हिन्दी (Hindi) के पेपर को अच्छे तरीके से और बारिकियों से तैयार किया। यह पेपर सरल होता है और अन्य पेपर के मुकाबले 15 से 20 नंबर अधिक दिला सकता है। इसीलिए मैंने हिन्दी (Hindi) और निबंध (Essay) पर अधिक फोकस किया। उन्होंने कहा कि जिन विषयों में बेहतर पकड़ नहीं होती है उस विषय में कम से कम हम लोगों को औसत अंक तक पाने पर फोकस करना चाहिए।
ऐसे लिखने चाहिए प्रश्नों के उत्तर
डिप्टी एसपी प्रिया सिंह (DSP Priya Singh) बताती है कि मुख्य परीक्षा (Mains Exams) में प्रश्नों का उत्तर लिखना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। हमें उत्तर को बेहतर तरीके से लिखने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने (DSP Priya Singh) बताया कि मैंने उत्तर लिखने में अपने प्रश्नों के उत्तर को करेंट के मुद्दों से जोड़कर आसानी से बताने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि मैं पेपर के दौरान समय के अभाव में बेहतर तरीके से डाइग्राम (Diagram) नहीं बना पाती थी लेकिन मैं उत्तर लिखते समय उसी से मिलता-जुलता हुआ उदाहरण देती थी, जिसकी आवश्यकता प्रश्न के उत्तर को लिखने में होती थी। अंग्रेजी माध्यम से प्रश्नों को लिखने वाली प्रिया का पीसीएस 2018 में वैकल्पिक विषय (Optional Subject) के रूप में लोक प्रशासन (Public Administration) विषय था।
न्यूज पेपर को तैयारी का बनाएं हिस्सा
अब बदले पैटर्न में यूपीपीसीएस (UPPSC) की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को न्यूज पेपर (News Paper) को अपनी तैयारी का एक हिस्सा बना लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमें प्रतिदिन अखबार (News Paper) पढ़ना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि प्रतिदिन मुद्दों को लेकर एक नोट्स तैयार कर लें। उन्होंने (DSP Priya Singh) कहा कि पेपर पढ़ने का फायदा उत्तरों को लिखते समय देखने को मिलता है। एग्जाम हॉल में उत्तर लिखते समय हमें न्यूज पेपर (News Paper) की ही वजह से उदाहरण लिखने में आसानी होती है।
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अलग-अलग मैटर को एक जगह लिखकर किया याद
प्रिया सिंह (DSP Priya Singh) ने बताया कि बदले पैटर्न में सामान्य अध्ययन (General Studies) के चारों प्रश्नपत्रों (Paper) को लेकर एक खास रणनीति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग की तरफ से जिन मुद्दों को बताया गया है, उन मुद्दों को खोज-खोजकर तैयार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि मैंने तैयारी के दौरान मैंने भी (General Studies) चारों पेपर में अलग-अलग मुद्दों के लिए अलग रजिस्टर बनाया था। सबका मैटर अलग-अलग जगह से एकत्रित करके मैंने एक जगह पर लिखने का प्रयास किया ताकि पेपर के समय में ज्यादा दिक्कतों का सामना न करना पड़ें। बहुत ही आसानी के साथ में रिविजन किया जा सकता है।
प्रश्नों को लिखने के लिए अभ्यास बहुत जरूरी
प्रिया (DSP Priya Singh) बताती है कि उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (UPPSC) की तरफ से पैटर्न बदल दिए जाने की वजह से अब यहां पर भी काफी लिखना पड़ता है। हमें तीन घंटे के अंदर ही हमें 20 प्रश्न लिखने होते हैं। ऐसे में हमारे के लिए प्रश्नों को खिलने का अभ्यास करना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। उन्होंने (DSP Priya Singh) कहा कि बदले पैटर्न में कोचिंग (Cochaing) का सहारा लिया जा सकता है ताकि प्रश्नों को आसानी से लिखा जा सकें। वह कहती है कि मैंने प्रश्नों को बेहतर तरीके से लिखने के लिए टेस्ट सीरीज ज्वाइन की थी। उन्होंने (DSP Priya Singh) बताया कि लखनऊ स्थित मंजिल कोचिंग में टीएन कौशल सर के यहां पर टेस्ट सीरीज ज्वाइन करके प्रश्नों को बेहतर से बेहतर लिखने का अभ्यास किया था, जिसका फायदा हमें प्रश्नों के उत्तर लिखते समय हॉल में हुआ था। उन्होंने (DSP Priya Singh) कहा कि मैंने पिछले इंटरव्यू में रही कमजोरियों को दूर करने के लिए इस बार गाइडेंस का सहारा लिया था और टीएन कौशल सर के यहां पर तैयारी की। मुझसे इंटरव्यू के दौरान बोर्ड की तरफ से अधिकतर प्रश्न वैकल्पिक विषय (Optional Subject) से पूछे गए थे। कुछ प्रश्न मेरे स्नातक और परास्नातक विषय से भी पूछे गए थे।
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मेरे लिए बहुत बड़ी खुशी की बात
बेटी की इस कामयाबी पर मार्मिक होते हुए पिता रामपाल सिंह (Rampal Singh) कहते है कि मेरे के लिए इससे बड़ी खुशी की बात क्या होगी कि अब हमारी बेटी हमारे ही विभाग में असफर बनीं है। बचपन से विभाग को देखती आई मेरी बेटी अब विभाग में साथ में ही काम करेगी। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग (UP Police Deparetment) की नौकरी में होने की वजह से कभी हमें बच्चों से दूर भी रहना पड़ता है। लेकिन मेरी पत्नी ने उस स्थिति में पूरे परिवार को बेहतर तरीके से संभाला। आज हमारी बेटी पढ़-लिखकर कायमाब हुई हैं और अफसर बनीं हैं। इससे ज्यादा हमें अब क्या चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटी (DSP Priya Singh) का सपना यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा में सफल होना है। हमारा आशीर्वाद रहेगा कि बेटी एक दिन अपने इस मिशन में कामयाब जरुर हो।
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