करोड़ों के घर में रहने वाली उर्वशी लगाती हैं ठेला
'जहां चाह वहीं राह' की कहावत को चरितार्थ करती है उर्वशी यादव की कहानी। गुरुग्राम में तीन करोड़ रुपये के मकान में रहने वाली उर्वशी के पास स्कॉर्पियो और क्रेटा भी हैं, लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि इस शानदार लाइफस्टाइल के बावजूद वह सड़क पर कुल्चे-छोले का ठेला लगाती हैं। इतना ही नहीं कुछ समय पूर्व शुरू किए अपने इस काम की बदौलत उनके पास एक फूड ट्रक है बल्कि गुड़गांव में एक रेस्टोरेंट भी है।
एक हादसे ने बदल दी जिंदगी
उर्वशी के पति अमित यादव एक बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी में बड़े पद पर काम करते हैं और उनके ससुर भारतीय वायु सेना से रिटायर विंग कमांडर हैं। उनकी सक्सेस की कहानी एक हादसे के साथ शुरू हुई। दरअसल, मई 2016 में उनके पति एक दुघर्टना के शिकार हो गए और डॉक्टरों ने उन्हें हिप रिप्लेसमेंट की सलाह दी। अचानक आई इस मुसीबत के बाद उर्वशी को भविष्य की चुनौतियों को लेकर सतर्क कर दिया। हालांकि, तब तक उर्वशी एक नर्सरी स्कूल में टीचर थीं, लेकिन परिवार के लिए बेहतर भविष्य को देखते हुए उन्होंने कुल्चे-छोले का ठेला लगाने का फैसला किया।
परिवार के विरोध के बावजूद नहीं हारी हिम्मत
उर्वशी के मुताबिक, एक संपन्न और बड़े परिवार से होने के कारण सड़क पर ठेला लगाने के फैसले का किसी ने भी समर्थन नहीं किया। स्नातक तक पढ़ाई करने वाली उर्वशी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती हैं, ऐसे में उनके परिवार का मानना था कि उनका फैसला परिवार की लाइफस्टाइल से मैच नहीं करता है। इस दौरान उनके ससुर ने दुकान खोलने के लिए मदद की पेशकश की, लेकिन उर्वशी ने इन्कार कर दिया। सबके विरोध के बावजूद उर्वशी ने सेक्टर 14 के बाजार में झील के नजदीक अपना ठेला लगाना शुरू कर दिया।
दूसरों के लिए बनीं मिसाल
कहते हैं कि सच्चे मन से की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती है। उर्वशी की मेहनत का प्रतिफल मिलने लगा है। इसी ठेले की बदौलत उन्होंने एक फूड ट्रक भी खरीद लिया है और गुड़गांव में उनका रेस्टोरेंट भी चल रहा है। उनकी सफलता की कहानी इस बात की मिसाल है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता है, बस उसे देखने का नजरिया सही होना चाहिए।
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