IAS टॉपर नंदिनी की कहानी- लड़कियां बहुत आगे निकल सकती हैं

इस बार सिविल परीक्षा का परिणाम देश में बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के नारे को बुलंद करेगा, तो लड़कियों को कमतर आंकने वाले समाज के लिए एक सीख होगी। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से जो काम लड़के नहीं कर पा रहे हैं। देश की लड़कियां उन कामों को अंजाम दे रही हैं।
नंदिनी इस बात को साबित किया है कि अगर बिना किसी भेदभाव के लड़कियों को मौका दिया जाए तो वह किसी भी फील्ड में देश का नाम रोशन कर सकती हैं। ऐसे में नंदिनी ने न सिर्फ टॉप किया बल्कि आने वाले भविष्य के लिए लड़कियों में सकारत्मक उर्जा भरने का काम किया है।
टॉपर नंदिनी के पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं और मां गृहिणी हैं। नंदिनी ने सिविल परीक्षा की तैयारी कभी घंटे के हिसाब से नहीं की, बल्कि एक निश्चित लक्ष्य बनाकर पढ़ाई की। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय परिवार दिया। क्योंकि विषम और कठिन परिस्थिति के वक्त उनका परिवार मेरे साथ मजबूती से खड़ा रहा। नंदिनी ने सिविल सेवा परीक्षा में कन्नड़ साहित्य को वैकल्पिक विषय के तौर पर चुना था।
तैयारी अच्छी हो तो सफलता निश्चित रूप से मिलेगी
उनका कहना है कि सब्जेक्ट भले ही कोई भी हो, तैयारी अच्छी हो तो सफलता निश्चित रूप से मिल सकती है। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को नंदिनी ने सलाह दी कि अगर प्रयास को हमेशा जारी रखा जाए, तो सफलता जरूर मिलती है। भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) की अधिकारी नंदिनी के. आर. ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा, 2016 में पहली रैंक हासिल की है। इस परीक्षा के अंतिम परिणाम बुधवार को घोषित किए गए। नंदिनी अभी फरीदाबाद स्थित राष्ट्रीय सीमा-शुल्क, उत्पाद शुल्क एवं नारकोटिक्स अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।
आईएएस अधिकारी बनना हमेशा से सपना
नंदिनी मूल रूप से कर्नाटक के कोलार जिले की रहने वाली हैं। वह कहती हैं कि आईएएस अधिकारी बनना हमेशा से उनका सपना था। उन्होंने कहा कि यह सपने के साकार होने जैसा है। यह उनका चौथा प्रयास था। साल 2014 की सिविल सेवा परीक्षा में भी वह सफल हुई थीं और उन्हें भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क) आवंटित किया गया था। जब नंदिनी से पूछा गया कि जो लोग लड़कियों को बोझ मानते हैं उनके लिए क्या संदेश है, जवाब देते हुए नंदिनी ने कहा लड़की और लड़कों में कोई फर्क नहीं करना चाहिए। अगर आप दोनों को मौका देते हैं तो आप देख सकते हैं लड़की कितना आगे निकल सकती हैं।
उम्मीद नहीं कर रही थीं कि वह टॉप कर जाएंगी
लड़कियां आगे बढ़ेंगी तो देश आगे बढ़ेगा, जो पूरे समाज के लिए भी अच्छा है। नंदिनी ने अपनी सफलता का श्रेय पूरे समाज के साथ-साथ अपने परिवार को दिया। नंदिनी ने कहा, उन्होंने एग्जाम में तो अच्छा किया, लेकिन उम्मीद नहीं कर रही थीं कि वह टॉप कर जाएंगी। नंदिनी ने बताया कि सबसे पहले उनके दोस्तों ने बताया कि उन्होंने टॉप किया है, लेकिन उनको लगा कि दोस्त मजाक कर रहे हैं, क्योंकि पहले भी ऐसे मजाक कर चुके थे। लेकिन इस बार यह सच निकाला। नंदिनी ने कहा कि आप किस बैकग्राउंड से हैं, कोई फर्क नहीं पड़ता। अपने लक्ष्य को सामने रखकर पूरे डेडिकेशन के साथ तैयारी करनी चाहिए। इसके अलावा आपको अपने ऊपर भरोसा होना चाहिए। रास्ते खुलते जाएंगे और मंजिल आपको सलाम करेगी।
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