UPPSC: अलका शर्मा के सपनों को बेटी के आने के बाद मिली उड़ान

हर किसी का सपना होता है कि वह उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा को पास करके प्रदेश में अधिकारी बने। अधिकारी बनने की चाहत में हर साल लाखों की संख्या में अभ्यर्थी यूपीपीएससी की तरफ से निकाली जाने वाली यूपीपीसीएस की भर्ती के लिए आवेदन करते हैं। लाखों अभ्यर्थी में से महज चंद सौ अभ्यर्थी ही प्रदेश के अलग-अलग विभागों में अधिकारी का पद पाते हैं। ये वहीं होते हैं जो लाखों अभ्यर्थियों में से कुछ अलग करते हैं, तभी ये परीक्षा पास करते हैं। इन लोगों के पास में होती है बेहतर रणनीति, सही गाइडेंस और टाइमिंग के साथ में पढ़ाई। इसी फॉर्मूले को अपनाते हुए फैजाबाद (अब अयोध्या) की अलका शर्मा ने भी यूपीपीसीएस की परीक्षा को फतेह कर ली है।
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अलका शर्मा ने यूपीपीसीएस 2020 की परीक्षा पास करके न सिर्फ अपना सपना साकार किया है बल्कि अपने माता-पिता, पति और परिवार का नाम ऊंचा किया है। फैजाबाद (अब अयोध्या) की रहने वाली अलका शर्मा इस समय बेसिक शिक्षा विभाग जूनियर स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत है और उनका शिक्षक के ही पद पर चयन हुआ है। यूपीपीसीएस की तरफ से निकाले गए रिजल्ट में अलका शर्मा का चयन डायट में वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर हुआ है।
अलका शर्मा का चयन भले ही इस पद हुआ है, लेकिन उनके लिए यहां तक पहुंचाना आसान नहीं था। यूपीपीसीएस की परीक्षा को निकालने के साथ ही उनको अपने बेटी के साथ ही साथ स्कूल को भी मैनेज करना होता था। सब कुछ मैनेज करते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए समय निकाला और यूपीपीसीएस 2020 के आए रिजल्ट में अपना सपना साकार किया है। इस मुकाम तक पहुंची अलका मानती है कि यहां तक पहुंचने में उनके सामाने कई बाधाएं आई। घर-परिवार होने की वजह से अलका कभी पढ़ाई को घंटों में नहीं गिन पाई। हां, उन्होंने अपनी पढ़ाई को नियमित रूप से जारी रखा, वह जिसकी वजह से उन्हें अपना मुकाम पाने में आसानी हुई।
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यूपीपीसीएस की तैयारी शुरू करते ही अलका शर्मा ने UPPCS 2017 की प्री परीक्षा को क्वालीफाई कर लिया था, लेकिन मेंस में बाहर हो गई। मेंस से बाहर होना उनके लिए किसी झटके से कम नहीं था। अलका अगले साल के लिए जब तक तैयारी करने के लिए अपने को तैयार कर पाती तब तक यूपीपीएससी ने परीक्षा का पैटर्न ही बदल दिया। पैटर्न बदलने की वजह से उन्हें फिर से तैयारी शुरू करनी पड़ी, लेकिन अयोध्या के दिशा करियर और Om Pandey Sir (IAS PREP ACADEMY) का बेहतर गाइडेंस मिलने की वजह से वे अपने सपनों को साकार कर पाई। अलका के सपनों को पंख देने में IAS PREP ACADEMY पूरा साथ रहा। प्री से लेकर इंटरव्यू तक में इसी एकडेमी के नोट्स, टेस्ट सीरीज और बेहतर गाइडेंस मिला।
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अलका के लिए बेटी रही लकी
अलका शर्मा के लिए उनकी सात साल की बेटी बहुत ही लकी रही है। मूलरूप से अम्बेडकर नगर की रहने वाली अलका शर्मा की शादी अयोध्या से हुई। साल 2013 में उनकी शादी हुई। शादी के एक साल बाद उनको बेटी दिशा हुई। बेटी के पैदा होने के बाद ही उन्हें पहली नौकरी बेसिक शिक्षा विभाग में प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर मिल गई। साल 2017 में उनका चयन जूनियर शिक्षक के रूप में हो गया। इस समय वह बलरामपुर जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के जूनियर स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत है। इसके बाद अलका ने अपनी तैयारी का सफर शुरू किया और पहले ही प्रयास में मेंस तक पहुंचीं। इसके बाद साल यूपीपीसीएस 2020 के परिणाम में उनका चयन डायट प्रवक्ता के पद पर हुआ है।
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गांव से शुरू किया पढ़ाई का सफर
अलका की पढ़ाई का सफर भी गांव से ही शुरू हुआ था। शुरुआती पढ़ाई अलका की अम्बेडकर जिले के बेला परसा से हुई। उन्होंने यहां के जनता इण्टर कॉलेज से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की। इसके बाद में अलका ने अयोध्या के साकेत कॉलेज से बीएससी और Botany से एमएससी की। इसके बाद में उन्होंने बीएड और एमएड आदर्श कन्या पीपी कॉलेज, टांडा अम्बेडकर नगर से किया। अम्बेडकर नगर के बसखारी थाना क्षेत्र के मसड़ा मोहनपुर गांव के रहने वाले ओम प्रकाश शर्मा की बेटी अलका शर्मा ने उनका भी नाम रोशन किया है।
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साल 2016 से शुरू की थी तैयारी
अलका शर्मा ने अपनी तैयारी की शुरुआत साल 2016 से की थी। अलका बताती है कि प्राथमिक स्कूल में शिक्षक के तौर पर नौकरी मिलने के बाद हमेशा ही मन में एक अलग ही जिज्ञासा कुछ अलग करने की थी। इसके बाद फिर मैंने लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की तैयारी शुरू की। उन्होंने बताया कि यूपीपीएससी 2017 में मैं मेंस तक पहुंची थी। यह मेरा पहला प्रयास था। इसके बाद साल 2018 में वह असफल रही। अलका ने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने नए पैटर्न के हिसाब से अपनी तैयारी शुरू की। अलका बताती है कि मैंने 2020 की परीक्षा दी और इसमें IAS PREP ACADEMY के ओम पाण्डेय सर सहित अन्य लोगों का बेहतर गाइडेंस मिला, जिसकी वजह से मेरा अंतिम रूप से डायट प्रवक्ता के पद पर चयन हुआ है।
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नियमित अध्ययन करके पाई सफलता
अलका शर्मा अपनी सफलता की रणनीति के बारे में बताया कि मैंने रेगुलर अध्ययन करके सफलता अर्जित की है। मैंने प्री से लेकर इंटरव्यू तक धैर्य बनाए रखा और नियमित तौर पर अध्ययन जारी रखा। उन्होंने बताया कि विद्यालय में पढ़ाने के साथ ही साथ मेरे बेटी भी है तो मुझे उसको भी समय देना पड़ता था। उन्होंने कहा कि मैंने उसे समय देते हुए लगातार पढ़ाई की। अलका ने कभी घंटों को गिनकर पढ़ाई नहीं की। उन्होंने बताया कि आप कितने घंटों में पढ़ाई कर रहे हैं, ये जरूरी नहीं बल्कि प्रतिदिन कितना पढ़ना है ये बहुत ही जरूरी है। बेहतर रणनीति के साथ में पढ़ाई करके भी सफलता अर्जित की जा सकती है।
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धैर्य रखकर जारी रखी तैयारी
डायट में प्रवक्ता के पद पर चयनित होने वाली अलका शर्मा बताती है कि उन्होंने धैर्य के साथ में तैयारी रखी। यूपीपीसीएस 2017 के मेंस में असफलता मिलने के बाद और 2018 में अचानक पैटर्न बदल जाने से मेरे सामने चुनौती आ गई थी। लेकिन मैंने धैर्य रखा और मेहनत के साथ में पढ़ाई करती रही। उन्होंने बताया कि मैंने अपनी तैयारी में इन बुकों का सहारा लिया।
आधुनिक इतिहास- राजीव अहीर
मध्य कालीन इतिहास- सतीश चंद्रा
प्राचीन इतिहास- नितिन सिंघानिया
राजव्यवस्था- लक्ष्मीकांत
भूगोल- परीक्षा वाणी, माजिद हुसैन
करेंट अफेयर्स- कई मैंगजीन के साथ ही नियमित द हिन्दू के आर्टिकल क अध्ययन किया।
IAS PREP ACADEMY के नोट्स और टेस्ट सीरीज को नियमित लगाया।
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कोचिंग एक गाइड का करती है कार्य
अलका शर्मा मानती है कि कोचिंग आपके लिए एक गाइड के तौर पर काम करती है। कोचिंग पढ़कर आप सफलता पा जाएंगे, ऐसा संभव नहीं है। परीक्षा को पास करने के लिए मेहनत आपको ही करनी होगी। परीक्षा के प्रति समर्पण आपका होगा, तभी आप परीक्षा में सफलता अर्जित कर सकते हैं। वे बताती है कि मैंने भी कोचिंग और वे मेरे लिए बेहतर गाइड साबित हुई। कोचिंग अपनी मेहनत के जरिए आपको कम समय में किन-किन विषयों को पढ़कर सफलता अर्जित की जा सकती है, यह बताती है। वह कहती है कि जिनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं, उन्हें ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि बड़ी कोचिंग में पढ़ें बिना सफलता नहीं अर्जित की जा सकती है। सफलता बिना कोचिंग में पढ़ें हुए भी अर्जित की जा सकती है।
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तैयारी करें बेहतर, शॉर्टकट के बारे में न सोचे
अलका कहती है कि UPSC हो या फिर UPPSC की परीक्षा को पास करना, यह दोनों ही आपसे समय मांगते हैं। इनकी परीक्षाओं की तैयारी का कोई भी शॉर्टकट तरीका नहीं हो सकता है। इन परीक्षाओं के तीनों ही फेज को पास करने के लिए एक समर्पण चाहिए। बिना समर्पण के परीक्षाओं को पास करना संभव नहीं है। अलका तैयारी के बारे में बताती है कि किसी भी अभ्यर्थी को अपनी तैयारी की शुरुआत NCERT से करनी चाहिए। जब आपका विषय को लेकर एक बार बेस मजबूत हो जाता है, तो फिर उसके बाद आप आसानी के साथ में बेहतर तैयारी कर सकते हैं। वह कहती है कि एक बार NCERT को पढ़ने के बाद में अभ्यर्थी को बेहतर राइटर की बुकों का सहारा लेकर तैयारी करनी चाहिए।

सब्जेक्ट कटेंट रखता है मायने, मीडियम नहीं
आप किस मीडियम से है यह मायने नहीं रखता है। मायने रखता है कि आपका Subject Content कितना महत्वपूर्ण है। अगर आपका कटेंट अच्छा होगा तो आप आसानी के साथ में फतेह कर सकते हैं। आप हिंदी मीडियम से पढ़ाई करके बड़ा पद हासिल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आजकल अभ्यर्थी अपने मीडियम को लेकर बहुत ही परेशान रहते हैं। हिंदी मीडियम के अभ्यर्थी ऐसा मानते हैं कि अंग्रेजी मीडियम के अभ्यर्थी अधिक चयनित हो रहे हैं। अलका कहती है कि अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और हिंदी मीडियम के अभ्यर्थियों को अपना Moral Down नहीं करना चाहिए। उन्हें बस बेहतर कटेंट के साथ में पढ़ाई पर जोर देना चाहिए। आप इतने अच्छे से तैयारी करें कि चयनित होकर दूसरों के लिए नजीर बने।
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