मोदी अंकल ने सुनी बच्चों की गुहार, पिता का शुरू हुआ फ्री इलाज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन दौरे के दौरान कहा था कि उन्हें सभी सवा सौ करोड़ भारतीयों की चिंता है और देश की हर घटना उनके लिए महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी भारी व्यस्तता के बावजूद तकरीबन हर छोटी-बड़ी बात पर नजर रख लेते हैं और इसका गवाह बना है कानपुर के दो बच्चों का प्रधानमंत्री को लिखा पत्र और उस पर प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से फौरन कार्रवाई।
पीएमओ से पत्र आया
कानपुर के दो बच्चों ने अपने बीमार पिता सरोज मिश्रा के इलाज के लिए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख कर गुहार लगाई तो फौरन जवाब आया। पीएम मोदी ने कानपुर प्रशासन को बच्चों के पिता के इलाज की व्यवस्था के लिए कहा। कानपुर के डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि बच्चों के पिता का इलाज कराने के लिए पीएमओ से पत्र आया था। इसके बाद शहर के उर्सला अस्पताल के सीएमओ को सरोज मिश्रा का बेहतर इलाज कराने का आदेश दिया गया और अब तो इलाज शुरू भी हो चुका है।
अस्थमा की बीमारी से पीड़ित
कानपुर के नौबस्ता इलाके के संजय गांधी नगर में किराए के मकान में रहने वाले सरोज मिश्रा सिलाई का काम करते हैं। इनके परिवार में पत्नी उषा, बड़ा बेटा 13 साल का सुशांत और छोटा बेटा तन्मय 8 साल का है। सरोज दो साल से अस्थमा की बीमारी से पीड़ित हैं। पैसे नहीं होने से मोहल्ले के लोग चंदा करके उनका इलाज करा रहे थे। उनके इलाज में अब तक 30 हजार रुपए से ज्यादा खर्च हो चुके हैं, अभी भी इनकी दवाएं चंदे से ही चल रही हैं, लेकिन चंदा कितने दिन तक चलेगा।
13 साल के सुंशात को दुनियादारी की तो शायद इतनी समझ नहीं लेकिन अपने पिता की परेशानियों को वो समझ रहा था। महीनों से मकान का किराया नहीं दिया गया था। पिता मनोज बीमारी से पस्त घर में पड़े थे, तो कामधंधा भी नहीं चल रहा था। सुशांत सातवीं क्लास में और तन्मय चौथी क्लास में पढ़ते हैं। स्कूल की फीस नहीं भरी गई थी तो स्कूल से भी बच्चों का नाम कट गया था, इतनी सारी परेशानियों में कहीं से भी उम्मीद नहीं दिखाई दे रही थी।
पीएम मोदी के नाम चिट्ठी लिख दी
सुशांत ने बताया कि वो अक्सर टीवी पर प्रधानमंत्री मोदी को देखा करता था। देखकर उसे लगा कि वह बहुत अच्छे इंसान हैं और हमेशा दूसरों की मदद करते हैं। इसीलिए उसके मन में खयाल आया कि अब पीएम को अपनी समस्या बताकर उनसे मदद की गुहार लगाई जाए। 28 जनवरी को उसने पीएम मोदी के नाम चिट्ठी लिख दी, लेकिन उसके पास प्रधानमंत्री का पता नहीं था। उसने पड़ोस में रहने वाले संतोष कुमार शुक्ला को अपनी चिट्ठी दिखाई, उन्होंने पीएम ऑफिस का पता पूछकर लेटर पोस्ट कर दिया।
मदद के सभी रास्ते बंद
सुशांत ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि ‘मैं एक गरीब घर से हूं। मेरे पिता सिलाई का काम कर परिवार का पेट भरते हैं। फिलहाल, मैं अपने पिता का चंदा कर इलाज करा रहा हूं। मैं, मेरी मां और छोटा भाई पिता के ही सहारे हैं। यदि आप से मदद मिल जाएगी तो मेरे पिता का पूरा इलाज हो जाएगा और हम दोनों भाइयों का भविष्य बिगड़ने से बच जाएगा। मेरा पूरा परिवार जीवन भर आपको मानता रहेगा।‘ इस चिट्टी में सुशांत और तन्मय ने ये भी लिखा कि अब रिश्तेदारों और चंदे से मदद के सभी रास्ते बंद हो चुके हैं।सुशांत की ये चिट्ठी प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच गई और उस पर फौरन कार्रवाई भी हो गई। 26 फरवरी को उस वक्त उसकी खुशियों का ठिकाना न रहा जब पीएम ऑफिस से चिट्ठी आई और उसमें लिखा हुआ था कि उर्सला अस्पताल में जाकर सीएमओ से तुरंत बात करें। बच्चों की कोशिश रंग लाई और प्रधानमंत्री की मदद से उनके पिता सरोज मिश्रा का इलाज उर्सला अस्पताल में शुरू किया जा चुका है।
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