जरूरतमंदों को सरकारी नौकरी के लिए मुफ्त में पढ़ाता है यह तहसीलदार

कहा जाता है, विद्या ही एक ऐसा धन है जिसे जितना बांटो उतनाही बढ़ता है। ऐसा ही कुछ काम कर रहे हैं पेशे तहसीलदार के मारीमुत्थु, वो फैक्ट्री में काम करने वालों से लेकर उन जरूरतमंदों को मुफ्त में कोचिंग देते हैं जो सरकारी नौकरी पाने की इच्छा रखते हैं।
कौन हैं मारीमुत्थु?
तमिलनाडु के विरूधुनगर में पेशे तहसीलदार के मारीमुत्थु अपने एक अनोखे प्रयास के द्वारा सैकड़ों लोगों के सरकारी नौकरी पाने के सपने को पूरा करने में लगे हुए हैं। उनके पढ़ाए छात्र सी. रामामूर्ति जो एक ग्रामीण प्रशासनिक अधिकारी बन चुके हैं बताते हैं कि वह मारीमुत्थु की पहली क्लास में जाने के बाद ही बहुत मोटिवेट हो गए थे।
हजारों लोगों की बदल दी जिंदगी
उसके बाद उन्होंने सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू कर दी और कुछ महीनों के अंदर ही उन्हें नौकरी के कई ऑफर्स मिल गए। समाज में एक बदलाव लाने की उम्मीद के साथ मारीमुत्थु ने अपने कोचिंग की शुरुआत 10 साल पहले की थी। इसके अलावा मारीमुत्थु ने पटाखे की फैक्ट्री और मिलों में काम करने वाले 100 से ज्यादा लोगों को मुफ्त में कोचिंग देकर सरकारी नौकरी पाने में मदद की है। उनके इस प्रयास ने बहुत सारे लोगों की जिंदगी बदल दी है। वह हर सप्ताह के शनिवार और रविवार को बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को कोचिंग देते हैं जो सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे होते हैं। उनकी कोचिंग क्लासेज अटेंड करने चेन्नई से भी लोग आते हैं।
अब तक 3000 लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने में मदद की
मारीमुत्थु ने बताया कि उन्होंने लगभग 3000 लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने में सहायता की है जिसमें से 300 लोग तमिलनाडु के विरूधुनगर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के ऑफिस में ही काम करते हैं। उनका कहना है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में साइंस, मैथ्स, हिस्ट्री, तमिल, इंग्लिश ग्रामर और एप्टिट्यूड से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं। मारीमुत्थु ने बताया,'अपनी मजबूत मेमरी पावर की मदद से मैं ऐसा शिक्षक बन पाया। एक शिक्षक के तौर पर आपको भी हर वक्त खुद को अपडेट रखना पड़ता है। मैं हर रोज सुबह-शाम क्लास की तैयारी करने में बिताता हूं।'
क्लास की शुरुआत मोटिवेशन से होती है
मारीमुत्थु अपने छात्रों को प्रेरित करने के लिए सरकारी अफसरों के पास मौजूद अधिकारों की बात करते हैं। वह उन्हें बताते हैं कि एक अफसर बनना गर्व की बात होती है। उनकी क्लास के शुरुआत के कुछ मिनट मोटिवेशन के लिए होते हैं ताकि हम पूरे सप्ताह अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर सकें। हर सप्ताह शनिवार और रविवार को करीब 2 हजार लोग मारीमुत्थु की क्लास में पढ़ने आते हैं। इनकी कक्षा में दसवीं से लेकर पीएचडी तक के छात्र एक साथ बैठते हैं। मारीमुत्थु खुद एक गरीब परिवार से आते हैं और पिता की बीमारी के बाद वह अपने परिवार के अकेले कमाने वाले सदस्य हैं।
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