इमर्जेंसी में अस्पताल ले जाने के लिए पैसे नहीं लेता है यह ड्राइवर

आप अपनी सामर्थ्य के हिसाब से किसी भी जरूरतमंद की सहायता कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ काम कर रहे हैं मंगलुरु में टैक्सी चलाने वाले सुनील। अपने शहर मंगलुरु में ओला की टैक्सी चलाने वाले सुनील अपने इस नेक प्रयास के कारण इन दिनों सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं।
कस्टमर काव्या राव ने बताई सुनील की कहानी
ओला की कैब चलाने वाले सुनील के बारे में उनकी कस्टमर काव्या राव ने अपने फेसबुक पोस्ट पर उनके बारे में बताया। अपने माता-पिता के लिए टैक्सी बुक करने वाली एक कस्टमर काव्या राव ने बताया कि सुनील अस्पताल और मेडिकल इमर्जेंसी वालों से पैसे नहीं लेते। काव्या ने बताया कि उन्होंने अपने पैरंट्स के मेडिकल चेकअप के लिए कैब बुक की थी।
अस्पताल और इमर्जेंसी के पैसे चार्ज नहीं करते सुनील
अपनी फेसबुक पोस्ट में काव्या राव ने लिखा कि सुनील अपनी सेडान गाड़ी में उनके माता-पिता को अस्पताल लेकर गए। जब सुनील से राइड का किराया देने के लिए पूछा गया तो उन्होंने पैसे लेने से मना कर दिया। काव्या ने लिखा, 'राइड का किराया 140 रुपये के आसपास था लेकिन सुनील ने पैसे लेने से मना करते हुए बताया कि वह अस्पताल और मेडिकल इमर्जेंसी के लिए पैसे चार्ज नहीं करता।'
अस्पताल में काम कर चुके हैं सुनील
आपको बता दे, ओला में काम करने से 15 महीने पहले सुनील मंगलुरु में जिला पंचायत ऑफिस में काम करते थे। उन्होंने बताया कि वह अस्पताल जाने वालों के दर्द समझते हैं। उन्होंने कहा, 'जब मैं किसी कस्टमर को फ्री में अस्पताल में छोड़ता हूं तो एक तरह से मैं सोसाइटी को अपनी तरफ से कुछ देता हूं। यह एक सेवा जैसा है। इसलिए मैं अस्पताल की राइड्स के लिए कोई पैसा नहीं लेता चाहे कोई देने के लिए दबाव भी डाले।' ओला के प्रवक्ता ने कहा, 'ऐसे काम हमारे मिशन को और पुख्ता करते हैं। हम सुनील के इस काम की तारीफ करते हैं बल्कि अपनी तरफ से उन्हें पूरा समर्थन भी देते हैं। वह हम सभी के लिए एक उदाहरण हैं।
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