इस अदिवासी बेटी ने पहली बार में पास की सिविल परीक्षा

महिलाएं अपना परचम हर जगह लहरा रही हैं फिर वो शिक्षा का क्षेत्र हो, बिजनेस या नौकरी। हर जगह उन्होंने खुद को साबित करके दिखाया है। अभी हाल ही में ओडिशा सिविल सर्विसस एग्जाम का रिजल्ट निकला है जिसमें टॉप 3 में महिलाएं का ही दबदबा रहा।
कौन है संध्या समर्थ
परीक्षा में कुल 106 परीक्षार्थी शामिल हुए थे जिसमें 42 महिलाएं सफल हुई हैं। इन्हीं महिलाओं में शामिल हैं आदिवासी किसान परिवार में जन्मी संध्या समर्थ। नक्सल प्रभावित क्षेत्र मलकानगिरी की संध्या ने पहले प्रयास में ही परीक्षा को उत्तीर्ण करके सबके लिए एक मिसाल पेश की है। मलकानगिरी इलाका बेहद पिछड़ा हुआ है, नक्सल क्षेत्र होने के कारण यहां विकास भी न के बराबर है। सड़क और बिजली जैसी बेसिक सुविधाएं भी नहीं है और यही के समिली गाँव की रहने वाली संध्या ने ये साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत और लगन से सब कुछ हासिल किया जा सकता है। संध्या ने बिना सुविधाओं के जो मुकाम हासिल किया है वो हर तरह के संसाधन के बावजूद भी लोग नहीं हासिल कर पाते।
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बिना किसी कोचिंग के मिली सफलता
संध्या को इस परीक्षा में 91वीं रैंक मिली है। संध्या की पूरी पढ़ाई उसके गाँव से समिली से हुई है उसके बाद उनका ऐडमिशन नवोदय स्कूल में हो गया था। वहां से इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई भुवनेश्वर से पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने एमफिल में ऐडमिशन ले लिया और साथ ही सिविल परीक्षा की भी तैयारी की। आश्चर्य की बात ये है कि उन्होंने सेल्फ स्टडी के जरिए ये सफलता हासिल की है। उन्होंने किसी भी तरह की कोई कोचिंग नहीं की थी। हालांकि संध्या को नौकरी मिल गई है, लेकिन उनकी नजर अब यूपीएससी परीक्षा पर है। उनका सपना है कि वे आईएएस बनें और बड़े पैमाने पर लोगों की सेवा करें।
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