एक 'वादे' पर मुफ्त में यात्रा करवाता है नोएडा का यह ऑटोवाला

आपने एक कहावत सुनी होगी 'वादे हैं वादों का क्या'! मतलब कि वादे को पूरा करने की 'गारंटी' उस शख्स से ली जाती है जो इस काम को पूरा करने का विश्वास दिलाता है, जरूरी नहीं कि वो इसे पूरा ही करे। फिर भी नोएडा का एक ऑटोवाला सिर्फ एक वादे पर ही अपनी सवारी को मुफ्त यात्रा करवाता है। एक वादा जो उनके यात्रियों को उनके जमीर को कुरेदता है, एक वादा जो यह एहसास दिलाता है कि विश्वास एक ऐसी चीज है जिसे आसानी से नहीं तोड़ा जा सकता।
जानते हैं, क्या करना होता है वादा?
सोशल मीडिया पर चल रही खबरों की मानें तो नोएडा के ऑटो चालक सचिन शर्मा अपने सवारियों से एक वादा लेते हैं। अगर सवारी ने उनसे यह वादा कर लिया तो वो उसे मुफ्त में यात्रा करवाते हैं। सचिन की कहानी बताने से पहले हम आपको बता दें कि इस समय देश में स्वच्छता मिशन की लहर पिछले दो सालों से काफी तेजी से फैला है। ऐसे में कई नागरिक ऐसे है जो अपने छोटे-छोटे कदमों से देश को स्वच्छ बनाने की मुहीम में जुट गए है। सचिन शर्मा जो ऑटोचालक है, उन्होंने भी अपनी एक मुहीम चला रखी है इस अभियान को सफल बनाने के लिए।
सचिन ने नए साल की शुरुआत से अपने यात्रियों को रात 12 बजे से सुबह 4 बजे के बीच मुफ्त में उनकी मंजिल तक पहुंचा रहे हैं। लेकिन सचिन की एक शर्त है, उनके यात्रियों को कुछ वादे करने होंगे...
वादे
1- देश को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान देंगे।
2- देश में महिलाओं के प्रति बढती हिंसा की घटनाओं को देखते हुए सचिन अपने यात्रियों से महिलाओं से इज्ज़त से पेश आना होगा।
3- सचिन अपने ऑटो के पीछे डस्टबिन रखते है। और सवारियों से अनुरोध करते है कि वे कचरा इसी में फेंके।
सचिन के ऑटो में और क्या है?
यूपी के फर्रुखाबाद के पट्टीखुर्द गांव के रहने वाले सचिन शर्मा यहां ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के तिगरी गांव में किराए पर रहते है। एक साल से सचिन एनसीआर में ऑटो चला रहे है। एक जनवरी से वे ऑटो में डस्टबिन रखकर चलाने लगा। इसके अलावा उनका मानना है कि संगीत का भी हमारे जीवन में काफी महत्व है। इसी वजह से उन्होंने अपने ऑटो में अब म्यूजिक सिस्टम लगवा लिया है और वह सवारी की पसंद के हिसाब से गाने या भजन भी चलाते है। ऑटो पर एक तरफ महिलाओं व माता-पिता के सम्मान से जुड़े स्लोगन भी लिखे हुए हैं।
कब कराते हैं मुफ्त यात्रा?
सचिन का कहना है कि अगर रात 12 से सुबह 4 बजे तक उसके घर पर आकर कोई मुसीबत में कहीं चलने को कहता है तो वे मना नहीं करते। इसलिए इस समय सफर कर रहे शख्स से वे पैसे नहीं लेते है। नोएडा में स्टैंड पर खड़ा करने से विवाद के कारण सचिन ऑटो लेकर घूमते रहते है और जो भी सवारी मिल जाए उसको अपना नंबर दे देते है। ऐसे में सचिन के ऑटो की अधिकतर बुकिंग फोन से हो जाती है। सचिन ने अपने ऑटो से घर बैठे बुक कराने वाले जुगनू एप से अनुबंध करा रखा है। सचिन के इस बेहतरीन पहल के बारे में सुनके अधिकारियों ने उन्हें 26 जनवरी को सम्मानित करने का फैसला किया है।
सचिन को सलाम
आप भले ही मानते हों, वादे पूरा करना कोई मजबूरी नहीं होती पर अगर आप किसी से कोई वादा करते हैं तो उसे जरूर पूरा करें। ऐसा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि इस वादे के पीछे एक विश्वास जुड़ा हुआ है जिसे आपको हर कीमत पर उसे बचाना चाहिए। सचिन के इस नेक पहल के लिए टीम इंडियावेव उन्हें सलाम करती है। अगर आप भी कुछ ऐसा कर सकते हैं तो जरूर करें।
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