मौत से पहले जाहिर की अंतिम इच्छा, आज तक लोग कर रहे हैं उसे पूरी

'अगर ये पेज अभी भी एक्टिव है, इसका मतलब मेरे अंतिम सपने को अभी तक आकार दिया जा रहा है और मैं कोलोन कैंसर से अपनी जंग हार चुका हूं… मैं आप सब लोगों से गुजारिश करूंगा कि मेरे मरने के बाद मेरे लिए फूल लाने के लिए पैसे खर्च न कर के इस मुहीम के लिए उदारता से दान करे, जिससे सभी धर्म और जाती के लोगो की मदद की जा सके।'
ये अंतिम शब्द थे राज ब्रायना सिंह के, राज को कैंसर था अब वो इस दुनिया में नहीं हैं। कैंसर से जूझ रहे राज ब्रायना सिंह को जब ये मालूम हुआ कि अब उनकी इस लड़ाई का अंत होने वाला है और वे चंद ही दिनों के मेहमान है, तब उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा जाहिर की।
फंड रेजिंग पेज शुरू किया
उनकी अंतिम इच्छा उनके घरवालों के लिए कुछ करने की नहीं थी बल्कि वो गरीब और बेसहारा लोगों के लिए कुछ करके जाना चाहते थे। वे चाहते थे कि उनके मरने के बाद भी लोग उन्हें याद करके गरीबों की मदद करते रहे। और इसीलिए इंग्लैंड में रहने वाले इस प्रवासी भारतीय ने गरीब लोगों की मदद करने के लिए एक फंड रेजिंग पेज शुरू किया।
39 वर्षीय राज की कैंसर के कारण हाल ही में मृत्यु हो गयी। अपनी मौत से पहले राज ने खालसा ऐड इंटरनेशनल के साथ मिल कर एक मुहीम की शुरुआत की, जिसमे उन्होंने लोगों से उनके अंतिम संस्कार पर खर्च न करते हुए गरीबों की मदद के लिए पैसे दान करने की अपील की।
24 लाख रुपये जमा किए
उन्हें असली श्रद्धांजलि तब मिली जब इस मुहीम के ज़रिये 30,000 पौंड (करीब 24 लाख रुपये) जमा किये गए और इन पैसो से पंजाब के मलेरकोटला और फरीदकोट में चार मकान बनाए गए। राज के परिवार वालों ने इन गांवों में बनाए इन मकानों का दौरा किया। जिन गरीब और कमजोर लोगों को इन मकानों में सहारा मिला है, वे उनसे भी मिले। राज के जानने वालों का कहना है कि वे एक लंबे अरसे से इसी तरह गरीबों की मदद के लिए कुछ न कुछ करते आये थे।
राज की इस मुहिम से अगर आप भी जुड़ना चाहते हैं तो यहां क्लिक कर दान कर सकते है। खालसा ऐड इंटरनेशनल से संपर्क करने के लिए यहां क्लिक करे।
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