किसी की मदद के लिए दो हाथ ही काफी हैं, यही है इस युवा की कहानी...

ये तस्वीरें आप को विचलित कर सकती हैं! लेकिन यही सच्चाई है। हो सकता है आप ये भी सोच लें कि इस तस्वीर की जरूरत क्यों थी? अगर आप किसी को निवाला दे रहे हैं तो उसे बताने की क्या जरूरत है? तो हम आपको बता दें, ऐसे लोग बहुत कम हैं जो किसी भूखे को रोटी दे रहे हैं तो ऐसे लोगों को सामने जरूर लाना चाहिए जिससे कि और भी इस बारे में सोचें।
अगर आप सौ लोगों को नहीं खिला सकते तो कम से कम एक भूखे का पेट तो भर सकते हैं, ऐसे ही कुछ लोग हैं जो अपने प्रयासों से समाज में एक नई परंपरा शुरू कर रहे हैं। इस तरह का काम करने वाले ज्यादातर युवा हैं जो गरीबों और बेसहारा को जिंदगी जीने में मदद कर रहे हैं।
ये घटना थोड़ी पुरानी जरूर है, लेकिन हालात आज भी कई जगहों पर ऐसे ही हैं। भूखे और बेसहारा लोगों की एक पूरी फौज आपको हर शहर में मिल जाएगी। ये तस्वीर आंध्र प्रदेश के विजियांगरम की है। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर ‘हेल्पिंग फोर्स फ़ाउंडेशन’ के अध्यक्ष और संस्थापक चरन प्रसाद ने पोस्ट की है।
2 महीने से भूखी थी ये महिला
आज सुबह ही हमारे पास एक अनजान शख्स का फोन आया। वह एक वृद्ध महिला के बारे में था जो बीसी कॉलोनी के बाहर सड़क किनारे पिछले 2 महीने से बिना कुछ खाये रह रही थी… यह सूचना मिलते ही हम तुरन्त उन्हे ढूंढते हुये बीसी कॉलोनी पहुंचे और उन वृद्ध महिला को कुछ खिलाया और फिर हम उन्हे तत्काल ही इलाज के लिए विजियांगरम के सरकारी अस्पताल ले गए।
चरन ‘हेल्पिंग फोर्स फ़ाउंडेशन’ के अध्यक्ष और स्थापक के रूप में काम करते हैं, जो आंध्र के विजियांगरम में जरूरतमंदों की मदद करता है। वृद्ध महिला इस कार्य से काफी प्रभावित दिखाई दी। उनका कोई घर-परिवार नहीं हैं। उनकी सेहत में अब सुधार है और धीरे-धीरे वे और सेहतमंद हो रहीं हैं। 25 वर्षीय यह युवा पंद्रह और लोगो के साथ मिलकर यह संस्था चलाते हैं और जल्द ही यहां एक वृद्धाश्रम और अनाथालय खोलने वाले हैं। चरन ने कुछ और फोटोस साझा करते हुये लिखा कि, “अम्मा तेज़ी से स्वस्थ हो रहीं हैं, और वे अब खुश हैं ”
चरन जो कर रहे हैं, वो आप भी कर सकते हैं। जरूरत है तो बस के शुरुआत की, तो अगर हो सके तो अपने आस पास किसी को भूखा न रहने दें...
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