नारायण के ऑटो में मिलेगा पानी, एसी और पौधे... वजह जानते हैं?

इस समय भीषण गर्मी के मौसम में लोग अपने मुताबिक इससे निजात पाने के साधन खोज रहे हैं। इसी तरह का एक प्रयास बेंगलुरु के एक ऑटो वाले ने किया है, जो गर्मी से निजात पाने के साथ इस पृथ्वी को बचाने का संदेश भी दे रहा है।
बेंगलुरु में ऑटो चलाने वाले वी नारायण के ऑटो में भीषण गर्मी से परेशान लोगों के लिए वह अपने ऑटो में पानी, एयर कंडिशन की सुविधा के अलावा प्राकृतिक अनुभव देने के लिए पौधे भी रखते हैं। इतना ही नहीं, नारायण अपने ऑटो में पौधे भी उगाते हैं। उन्होंने अपने ऑटो को गार्डन की तरह बना लिया है। बेंगलुरु मिरर की खबर के मुताबिक नारायण पहले मजेस्टिक बस स्टॉप पर कैन में पानी सप्लाई करते थे। सब अच्छा जा रहा था, लेकिन पानी बहुत जल्दी खत्म हो जाता था और मुझे इसे बार-बार भरना पड़ता था। इसके अलावा रात में कभी-कभी लोग कैनों को चुरा भी लेते थे।
ऑटो पर लिखा है एसी ऑटो
नारायण के मुताबिक उसके बाद मैं ऐसा ही कुछ अपने ऑटो में करना चाहता था। मैंने ड्राइवर सीट के पास पंखा रखना शुरू किया और छोटा सा बोर्ड लगाया जिस पर लिखा था कि यह एक एसी ऑटो है। लेकिन लोग मुझे चिढ़ाकर पूछते थे कि इसमें क्या खास है?' उन्होंने आगे बताया, 'फिर मैंने सोचा कि क्यों ना ऑटो में ही पेड़ और छोटे पौधे लगाए जाएं जिससे एसी में भी कुदरती ठंडक का एहसास हो।' उन्होंने बताया, 'लोगों को यह आइडिया पसंद आया। उन्हें यह नया और प्रोत्साहित लगा।'
पेड़ों को महत्व देते हैं नारायण
वह कहते हैं, 'दस साल पहले हम एसी इस्तेमाल नहीं करते थे, लेकिन आज हम सांस लेने के लिए अच्छी हवा खोज रहे हैं। पेड़-पौधे ऑक्सिजन का मुख्य स्रोत हैं। मैं उन्हें अपने ऑटो में चाहता था और उनकी देखभाल करना चाहता था।' नारायण के ऑटो में बैठने वाले लोग भी उनकी सवारी को काफी पसंद करते हैं। इस बारे में वह बताते हैं, 'कुछ लोग मुझझे मेरे पौधे मांगते हैं। कभी-कभी मैं दे देता हूं। मैं चाहता हूं कि लोग मुझे याद रखें। वे उन पौधों को कहीं लगाएंगे और मुझे यकीन है कि वे उनका ख्याल रखेंगे। जब मेरे पास एक भी पौधा नहीं बचेगा तो मैं और ले आऊंगा।'
स्मोकिंग बनी वजह
उनके इस शौक पर होने वाले खर्चे पर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं कभी स्मोकिंग करता था। पौधे रखना शुरू करने के बाद मैंने फैसला किया कि मैं स्मोकिंग छोड़ दूंगा। मैं ऐसा करने में कामयाब रहा हूं और जो पैसा मैं कभी सिगरेट खरीदने में खर्च करता था आज पौधे खरीदने में करता हूं जिनसे पर्यावरण में कमाल का बदलाव आ सकता है।' नारायण पानी देने का अपना पहला काम अभी भी कर रहे हैं। वह बताते हैं, 'मैं 20 लीटर की एक कैन रखता हूं। मेरे पैसेंजर या कोई भी व्यक्ति इसमें से पानी ले सकता है।'
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