पेट्रोल भरने वाले का बेटा बना आईएएस अफसर, आसान नहीं रही राह

कहते हैं अगर किसी काम को करने की सच्ची लगन और मेहनत हो तो सफलता जरुर मिलती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरने वाले के बेटे ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास करके। मजबूत दृढ़ निश्चय करके प्रदीप सिंह ने तैयारी की और आखिरकार सफलता हासिल की। शुक्रवार की शाम को यूपीएससी के आए परिणाम में प्रदीप सिंह ने 93वीं रैंक हासिल की है। 93वीं रैंक हासिल करने वाले प्रदीप सिंह की उम्र महज 22 साल है। इतनी ही कम उम्र में सफलता हासिल करने पर उनके परिवार में खुशी का माहौल है। प्रदीप सिंह की राह यहां तक आसान नहीं रही हैं। उनके पिता ने कठिन परिस्थितियों में प्रदीप को पढ़ाया और आखिरकार आज प्रदीप ने अपने पिता का सपना साकार किया।
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बेटे के लिए परिवार ने किया बड़ा त्याग
यूपीएससी की परीक्षा में 93 रैंक हासिल करने वाले प्रदीप सिंह को यहां तक पहुंचाने में परिवार ने काफी मेहनत की है। प्रदीप की यूपीएससी की तैयारी के लिए परिवार को बहुत चीजों का त्याग करना पड़ा। उनके पिता मनोज सिंह ने बताया कि बेटा प्रदीप यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली आना चाहता था, लेकिन घर में इतने पैसे नहीं थे कि दिल्ली भेजकर कोचिंग संस्थानों में पढ़ाया जा सकें। हालांकि इसके बाद भी हमने हार नहीं मानी बेटे का सपना साकार करने के लिए हमने अपना घर बेच दिया और प्रदीप को पढ़ने के लिए दिल्ली भेज दिया। आखिर प्रदीप ने अपने माता-पिता का सपना साकार कर ही दिया।
2017 में शुरू की यूपीएससी की तैयारी
महज 22 साल के प्रदीप सिंह ने 2 साल पहले यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी। प्रदीप ने एबीपी न्यूज चैनल को बताया कि 2017 में दिल्ली आया गया और यहां पर आकर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। दो साल के अंदर ही मैंने कामयाबी हासिल कर ली है। प्रदीप ने बताया कि हमारा जीवन संघर्ष भरा रहा है। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं अपनी छोटी सी सफलता से माता-पिता के संघर्ष को कम कर सकूं। प्रदीप ने बताया कि जब यूपीएससी की परीक्षा दे रहे थे तभी मां की तबीयत खराब थी, ऐसे समय में मुझे बताया भी नहीं गया। उन्होंने बताया कि पिता जी ने सिर्फ इसलिए मुझे नहीं बताया कि मेरी परीक्षा पर किसी भी प्रकार की बाधा न पहुंचें। प्रदीप की स्नातक की पढ़ाई इंदौर में ही हुई हैं। प्रदीप ने इंदौर के आईआईपीएस से बीकॉम की पढ़ाई की है। प्रदीप ने कहा कि मेरी इच्छा है कि आगे चलकर मैं शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करूं। प्रदीप सिंह के रोल मॉडल मध्यप्रदेश के आईएएस पी नरहरि हैं। प्रदीप सिंह उनके कामों से काफी प्रभावित है। बता दें इस बार कुल 759 कैंडिडेट को यूपीएससी ने आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और अन्य ग्रुप ए और बी की सेवा के लिए चयनित किया है।
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