8वीं क्लास में हो गए थे फेल, अब फोर्ब्स की लिस्ट में आया नाम

अगर कोई बच्चा 8वीं क्लास में ही फेल हो जाए तो लोग यही कहते हैं कि ये आगे चलकर कुछ नहीं कर पाएगा। लेकिन 8वीं क्लास में फेल होने वाले 23 साल के त्रिशनित अरोरा की सेवाएं आज सीबीआई और रिलायंस ले रही हैं।
लुधियाना के रहने वाले त्रिशनित अरोड़ा 23 साल की उम्र में ही इथिकल हैकिंग के स्टार बन चुके हैं। उनका नाम फोर्ब्स लिस्ट में एशिया में 30 अंडर 30 में दर्ज हुआ है। वह एक त्रिशनित ने 21 की उम्र में ही अपनी कंपनी खोल ली थी इस कारण से उनका नाम यंग CEO में गिना जाता है।
त्रिशनित का मन बचपन से ही पढ़ाई में नहीं लगता था। वह 8वीं क्लास में फेल हो गए थे। उनके माता पिता को भी उनसे ज्यादा उम्मीदें नहीं थीं। जब त्रिशनित ने 8वीं के बाद पढ़ाई छोड़ने के लिए कहा तो उनके माता - पिता भी मान गए। त्रिशनित को बचपन से ही कंप्यूटर से बहुत लगाव था, जैसे ही उसे समय मिलता था वह कंप्यूटर पर कुछ न कुछ करना पसंद करता था। ये देखकर त्रिशनित के लिए उनके पापा ने नया कंप्यूटर भी लाकर दिया। इसी कंप्यूटर पर उन्होंने इथिकल हैकिंग सीखी। धीरे धीरे कितना भी मुश्किल पासवर्ड क्यों ना हो त्रिशनित के लिए उसे हैक करना तो बांये हाथ का खेल हो गया।
आज उनकी कंपनी टीएसी सिक्युरिटी नाम की साइबर सिक्युरिटी कंपनी करोड़ों कमा रही है, जिसमें नेटवर्क या सिस्टम इन्फ्रास्ट्रक्चर की सिक्युरिटी इवैल्युएट की जाती है। इनकी निगरानी सर्टिफाइड हैकर्स करते हैं, जिससे कि किसी नेटवर्क या सिस्टम इन्फ्रास्ट्रक्चर की सिक्युरिटी कॉन्फिडेन्शियल ही रहे। त्रिशनीश के मुताबिक उन्होंने अपने शौक को बिजनेस का रूप दिया जिस कारण वो आज यहां तक पहुंचे हैं।
त्रिशनित ने अपनी कंपनी शुरू करने के लिए पापा से 75 हजार रुपये मांगे थे, पापा ने उन्हें ये पैसे दे भी दिए लेकिन उन्हें उस वक्त लग रहा था कि पैसा डूब जाएगा। पर त्रिशनित ने उन्हें इस मामले में गलत साबित कर दिया। 23 की उम्र में ही वे अपने काम के तरीके और आंत्रप्रिन्योरशिप की बदौलत इस मुकाम तक पहुंचे हैं।
दो साल पहले जब उनकी उम्र 21 वर्ष थी, उन्होंने टीएसी सिक्युरिटी नाम की साइबर सिक्युरिटी कंपनी बनाई। त्रिशनित अब रिलायंस, सीबीआई, पंजाब पुलिस, गुजरात पुलिस, अमूल और एवन साइकिल जैसी कंपनियों को साइबर से जुड़ी सर्विसेज दे रहे हैं। वे ‘हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा’ ‘दि हैकिंग एरा’ और ‘हैकिंग विद स्मार्टफोन्स’ जैसी किताबें लिख चुके हैं।
दुबई और यूके में कंपनी का वर्चुअल ऑफिस है। करीब 40% क्लाइंट्स इन्हीं ऑफिसेस से डील करते हैं। दुनियाभर में 50 फॉर्च्यून और 500 कंपनियां क्लाइंट हैं। सेल्फ स्टडी और पिता के साथ एक्स्पेरिमेंटिंग से तैयार हुए, यूट्यूब के वीडियो से भी हेल्प मिली। इन्होंने नॉर्थ इंडिया की पहली साइबर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम सेटअप किया।
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