150 रुपये से बिजनेस शुरू करने वाले प्रेम गणपति आज हैं करोड़ों के मालिक

'डोसा प्लाजा' का नाम तो आप सब ने सुना ही होगा। यह अच्छी क्वालिटी और कई वेरायटी के डोसा बनाने के लिए पूरे देश में मशहूर है। क्या आपको मालूम है कि एक ही छत के नीचे कई तरह के डोसा उपलब्ध कराने वाले 'डोसा प्लाजा' की शुरुआत कैसे हुई थी। चलिए आपको बताते हैं कैसे शुरू हुआ 'डोसा प्लाजा'। 'डोसा प्लाजा' के फाउंडर प्रेम गणपति मुम्बई शहर में नौकरी करने आएं थे, लेकिन आते ही लूट का शिकार हो गए। इसके बाद उन्होंने कुछ दिन होटलों में बर्तन भी धोए। कुछ समय के बाद उन्होंने अपना खुद का बिजनेस करने की सोची और महज 150 रुपये व्यापार की शुरुआत कर दी। 150 रुपये से शुरू हुआ बिजनेस आज करोड़ों में पहुंच गया है। प्रेम गणपति के आज देश के कई बड़े शहरों में लगभग 70 और विदेशों में 12 रेस्तरां चल रहे हैं। 150 रुपये से शुरू हुआ व्यापार करोड़ों में पहुंच गया है।
नौकरी की लालच में आएं थे मुम्बई
तमिलनाडु में जन्में प्रेम गणपति महज 10वीं तक की पढ़ाई करने के बाद घर से कमाने के लिए निकल लिए। वह मुम्बई अपने एक रिश्तेदार के बुलाने पर आएं थे। उनको यह प्रलोभन दिया गया था कि यहां पर 1200 रुपये की नौकरी लगावा दी जाएगी। एक महीने में इतनी सैलरी मिलने की खुशी में प्रेम गणपति ने माता-पिता की अनुमति के बिना घर छोड़ दिया और मुम्बई आ गए। मुम्बई स्टेशन पर आते ही प्रेम के साथ लूट हो गई। प्रेम घर से 200 रुपये लेकर आए थे, लेकिन उनके पास अब एक भी रुपये नहीं बचे। 17 साल की उम्र में वे कुछ बनने का सपना लेकर मुंबई आए थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उन्हें खुद को साबित करने के लिए काफी मश्क्कत करनी पड़ी। अनजान शहर और भाषा की समस्या से भी सामना करना पड़ा।
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150 रुपये में की पहली नौकरी
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प्रेम गणपति के सामने यह समस्या थी कि वह घर से भागकर आए थे, तो उन्हें मुम्बई में ही नौकरी करनी थी। अंतत: उन्होंने यही पर रहकर नौकरी शुरू दी और पैसा कमाने के लिए डेढ़ सौ रुपये महीने पर एक बेकरी में बर्तन साफ करने का काम शुरू कर दिया। वह यही पर ज्यादा पैसा कमाने के लिए रात में एक ढाबे पर भी खाना बनाने का काम करने लगे। तमिलनाडु से होने के कारण उन्हें डोसा बनाने का शौक था और वह इसे बनाकर अपने मालिक को भी खुश रखते थे। उन्होंने दो साल तक नौकरी करने के बाद इतना रुपया एकत्रित कर लिया कि अपना बिजनेस शुरू कर सके। 1992 में आखिरकार उन्होंने अपना खुद का बिजनेस शुरु कर दिया।
प्रेम ने 150 रुपये का हाथठेला किराए पर लिया और 1000 रुपये में डोसा का सामान लिया। यह लेकर उन्होंने मुंबई के वाशी स्टेशन के बाहर डोसा का ठेला लगाना शुरू किया। यहां पर ठेला लगाने के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। नगर निगम की जगह पर ठेला लगाने के कारण कई उनका सामान निगम वाले उठा भी ले जाते थे। जिसकी वजह से उन्हें काफी नुकसान भी होता था। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उनका डोसा आस-पास के एरिया में काफी मशहूर हो गया। वह जहां भी ठेला लगाते थे वहां लोग खरीदने के लिए आते थे।
स्टूडेंट्स से काफी मशहूर हुए प्रेम
प्रेम ने अपने बिजनेस को और बेहतर तरीके से करने के लिए 1997 में 5000 रुपये पर एक दुकान किराए पर ले ली। इसके लिए उन्होंने 50,000 रुपये पगड़ी के लिए भी दिए। किराए पर दुकान लेने के बाद उन्होंने यहीं पर डोसा रेस्तरां शुरू कर दिया। ठेले से रेस्तरां में तब्दील होने के बाद प्रेम गणपति का बिजनेस कालेज के स्टूडेंट्स में काफी मशहूर हो गया। उनके रेस्तरां में आने वाले कस्टमर्स में ज्यादातर कॉलेज के स्टूडेंट्स हुआ करते थे। उन्होंने कॉलेज के स्टूडेंट्स से ही इंटरनेट चलाना सीखा। इंटरनेट का उन्हें यह फायदा हुआ कि बेहतर रेसिपी सीखकर उन्होंने कई तरह के डोसा बनाना शुरु कर दिया। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक साल के अंदर डोसा की 26 नई वेरायटी मार्केट में लेकर आए। उन्होंने इसमें शेजवान डोसा, पनीर चिली डोसा, स्प्रिंग रोल डोसा जैसा कई वेरायटी के डोसे बनाए जो कि कस्टमर्स को काफी आकर्षित लगे। साल 2002 तक उनके रेस्तरां में तकरीबन 105 वेरायटी के डोसा मिलने लगे थे।
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कभी मॉल में नहीं मिल रही थी जगह
प्रेम की दुकान काफी प्रसिद्ध हो गई और उन्होंने अपने भाईयों को भी गांव से बुला लिया। कभी रोजगार के लिए संघर्ष करने वाले प्रेम गणपति ने कई लोगों को रोजगार दिया। उनका एक सपना था कि वह बड़े मॉल में रेस्तरां खोले। इसके लिए उन्होंने कई मॉल से संपर्क भी किया, लेकिन उन्हें निराशा ही मिली। आखिरकार उन्हें वाशी के एक मॉल में आउटलेट पर खोलने की इजाजत मिली। बस फिर क्या था यही से उनकी किश्मत बदल गई। प्रेम का 'डोसा प्लाजा' मशहूर होने लगा। उन्हें फ्रेंचाइजी के ऑफर भी आने लगे। ये ऑफर उन्हें विदेशों से भी मिल रहे थे। इसके बाद उन्होंने डोसा आउटलेट अलग-अलग जगहों और शहरों में खोलना शुरू किए। डोसा प्लाजा में 105 तरह के एक्जॉटिक वैराइटी के डोसा फ्यूजन उपलब्ध हैं और 27 ट्रेडमार्क डोसा हैं। भारत में डोसा प्लाजा के 70 आउटलेट्स हैं। जबकि अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर न्यूजीलैंड, मस्कट, मध्यपूर्व और दुबई समेत 10 देशों में डोसा प्लाजा के आउटलेट्स चल रहे हैं। प्रेम गणपति को उनकी मेहनत और लगन के साथ साथ डोसा प्रेम ने अरबपति बना दिया।
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