छोटी सी नाश्ते की दुकान से शुरू हुई थी हल्दीराम की कहानी, आज दुनिया भर का है ब्रांड

हल्दीराम आज के समय में एक ऐसा ब्रांड है जो कई स्वादिष्ट खाने की चीजें बनाता है। नमकीन, मठरी, खरीदने वाले ज्यादातर लोग दुकान पर जाकर हल्दीराम का ब्रांड ही मांगते हैं। हल्दीराम आज दुनिया के लगभग 50 देशों में अपनी पहुंच बना चुका है। घरों के त्योहार भी अब इसके बिना पूरे नहीं होते। इसकी शुरूआत के पीछे की कहनी भी इसके नमकीन के जैसी ही चटपटी है।
हल्दीराम की शुरुआत बीकानेर की एक दुकान 'भुजियावाले' के नाम से शुरू हुई थी। साल 1937 की बात है, अभी आजादी को भी 10 साल बाकी थे। बीकानेर के गंगाविषण जी अग्रवाल ने एक छोटे से नाश्ते की दुकान खोली थी। धीरे धीरे ये दुकान आगे बढ़ने लगी और फेमस हो गई। इस बिजनेस को और आगे बढ़ाने के लिए विषणजी ने 1982 में दिल्ली में हल्दीराम नाम से दो और दुकानें खोली। धीरे-धीरे उन्होंने देश के बाहर भी अपने प्रोडेक्ट भेजने शुरू कर दिए। देखते ही देखते देश ही नहीं दुनिया के कई देशों में हल्दीराम के प्रोडेक्ट बिकने लगे। इसके पीछे की सबसे खास वजह थी उनके प्रोडक्ट की क्वालिटी।
इस समय हल्दीराम के कई रेस्टोरेंट देश के अलग अलग हिस्सों में हैं। सन 2000 में जब हल्दीराम एक बड़ा ब्रैंड बन चुका था अमेरिकी फूड रेग्युलेटर यूएएफडीए ने हल्दीराम के पैकेट बंद प्रोडक्ट्स में कीटनाशक और नुकसानदायक बैक्टीरिया होने की बात कहते हुए बैन लगा दिया लेकिन इसका उसके बिजनेस पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा। आज भारतीय कंपनी हल्दीराम के फूड प्रोडक्ट्स दुनिया के 50 से अधिक देशों में सप्लाई होते हैं, कई विदेशी सुपर मार्केट में भी इसके प्रोडक्ट्स उपलब्ध है।
कंपनी रिसर्च प्लेटफॉर्म टॉफलर के डेटा के मुताबिक, हल्दीराम स्नैक्स एंड एथनिक फूड्स का उत्तरी भारत में रेवेन्यू 2136 करोड़ रुपये रहा। इसके अलावा पश्चिमी और दक्षिण के बाजारों में सप्लाई करने वाली हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल की सालाना बिक्री 1613 करोड़ रुपये रही। इसी तरह, पूर्वी मार्केट में फोकस करने वाली बहुत ही छोटे साइज वाली कंपनी हल्दीराम भुजियावाला का रेवेन्यू 2016 में 298 करोड़ हो गया। हल्दीराम ब्रैंड की रिटेल सेल्स 4000 करोड़ से ज्यादा हो सकती है। कंपनी के रेवेन्यू में 80 फीसदी से ज्यादा योगदान पैकेज्ड प्रॉडक्ट्स का है।
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