नौकरी छोड़ होटल कारोबार में उतरे थे 'लेमन ट्री' के मालिक, आज 24 शहरों में हैं 40 होटल

रोज-रोज 9 से 5 बजे तक की नौकरी करते-करते एक शख्स बोर हो गया था और हर दिन की टेंशन से मुक्त होने के लिए आखिरकार त्याग पत्र दे ही देता है। त्याग पत्र देने के बाद अपनी राह पर चल पड़ता है और एक ऐसे कारोबार में भविष्य अजमाता है जिसमें सफलता मिलेगी या फिर नहीं। यह कोई निश्चित नहीं रहता है। आखिरकार उसका प्रयास सफल रहता है और आज वह शख्स 6000 करोड़ की कम्पनी का मालिक बन गया है। जानते हैं यह शख्स कौन हैं, यह और कोई नहीं बल्कि देश के मशहूर होटल चेन 'लेमन ट्री' पटू केशवानी हैं। आईआईटी और आईआईएम से पढ़े पटू केशवानी नौकरी करने से बोर हो जाते हैं और 2002 में नौकरी से इस्तीफा देखकर होटल बिजनेस में उतर जाते हैं। देश के 24 शहरों में होटलों का कारोबार करने वाले पटू केशवानी की कम्पनी शेयर बाजार में लिस्टेड हो चुकी है। केशवानी ने साल 2004 में अपने कुछ दोस्तों के साथ 'लेमन ट्री' होटल की शुरुआत की थी।
माता-पिता हुए नाराज, पत्नी ने दिया पूरा साथ
देश में होटल कारोबार की दुनिया में अपना मुकाम कमाने वाले पटू केशवानी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि 9 से 5 की नौकरी करते-करते मैं बोर हो गया था। इसीलिए मैंने आखिर में फैसला लिया कि अब मैं जॉब नहीं करूंगा। आखिरकार उन्होंने इस्तीफा दे दिया और घर आ गए। आईआईटी और आईआईएम से पढ़ाई करने वाला अगर कोई शख्स नौकरी छोड़कर घर बैठ जाएं तो फिर परिवारवालों पर क्या बीतेगी। वहीं, आखिरकार केशवानी के साथ भी हुआ। उनके इस फैसले से उनके माता-पिता खुश नहीं थे, लेकिन उनकी पत्नी उनके साथ थी। उनकी पत्नी शारानीता उस वक्त फूड ज्वाइंट केएफसी में मार्केटिंग डायरेक्टर थीं। उन्होंने न केवल अपने पति का साथ दिया, बल्कि बाद में उनकी कंपनी से भी जुड़ीं।
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ऐसे हुई थी 'लेमन ट्री' की शुरुआत
नौकरी छोड़ने के बाद केशवानी ने होटल बिजनेस में उतरने का फैसला लिया। उन्होंने कहा था कि 'मैं एक होटल का निर्माण करना चाहता हूं जहां फाइव स्टार होटल की 60 फीसदी सुविधाएं आधी कीमतों में मिलें।' अब इसी मॉडल पर हमने काम करना शुरू कर दिया। जिसमें हमारे ताज ग्रुप में काम करने वाले साथियों ने साथ दिया। उन्होंने पटू केशवानी को अपने विचार दिए और सबकी राय के बाद आखिरकार केशवानी ने हरियाणा के गुरुग्राम में 1.5 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी। 2004 में उनका होटल बनकर तैयार हो गया। आखिरकार उन्होंने अपनी कम्पनी का नाम 'लेमन ट्री'।
लेमन ट्री में 5 स्टार जैसी सुविधा वाले 50 रूम तैयार किए गए। इनमें एक रात रूम रुकने का उन्होंने किराया रखा गया मात्र 1600 रुपये। उन्होंने बताया था कि गुरुग्राम इसीलिए चुना गया था क्योंकि ज्यादातर कॉर्पोरेट वहां आते हैं और ठहरते हैं। उन्होंने बताया कि एक महीने में ऑक्युपेंसी 40 फीसदी रही। कम्पनी का कारोबार तेजी से चल पड़ा और 5 साल में कंपनी 1 करोड़ के लाभ में पहुंच गई। इसके बाद उनके साथ वारबग पिनकस, कोटक महिंद्रा रियल्टी जैसी कंपनियों ने होटल में करोड़ों रुपये लगाए।
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देश के 24 शहरों में हैं 40 होटल
उनका कारोबार जब शुरू हो गया तो फिर उसके बाद उनका कारोबार चल पड़ा। 2004 में जहां उनके पास 50 कमरें थे, साल 2006 तक आते-आते कंपनी के पास 125 कमरे हो चुके थे। करोड़ों रुपये कमाने वाली लेमन-ट्री के होटल देश के 24 शहरों में चलते हैं। 24 शहरों में कंपनी के 40 होटल हैं, जिनमें कमरों की संख्या 4,300 है। उनके पास 2 स्टार से लेकर 4 स्टार तक के होटल है। 'लेमन ट्री' कम्पनी के पास आज लेमन-ट्री प्रीमियर, लेमन-ट्री रिसॉर्ट्स, लेमन-ट्री होटल्स और रेड फॉक्स होटल, चार ब्रांड चलाए जाते हैं। इस वर्ष कंपनी का लक्ष्य 4,300 कमरों को 8,000 कमरों तक पहुंचने वाला है।
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बेहतर मैनेजमेंट ने दिलाई कामयाबी
आईआईटी और आईआईएम से पढ़ाई करके आने वाले केशवानी हर महीने लाखों रुपये कमा रहे थे, लेकिन अचानक उन्होंने जॉब छोड़ दी। इसके बाद उनके ऊपर काफी प्रेशर आ गया क्योंकि उनके साथ कई दोस्त भी उनका साथ देने के लिए आए थे। ये लोग बड़ी-बड़ी कम्पनियों में अच्छे पदों पर नौकरियां कर रहे थे। हालांकि एक अच्छी मैनेजमेंट टीम बेहतर काम करना जानती है और इसी का फायदा 'लेमन ट्री' ग्रुप को मिला। एक बेहतर रणनीति के साथ बिजनेस शुरु हुआ और बिजनेस भी तेजी से बढ़ने लगा। इसके बाद प्राइवेट इक्विटी फर्म वारबग पिनकस ने इस कंपनी में 210 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया था। फिर कोटक महिंद्रा रियल्टी ने 32 करोड़ रुपये लगाए थे। दिसंबर 2006 तक होटल में 125 रूम्स हो गए थे। यही नहीं कम्पनी की ऑक्यूपेंसी 90 फीसदी तक पहुंच गई थी।
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