कहानी कड़क CBI जज की, जिसने उतार दिया 'बलात्कारी बाबा' का 'चोला'

शुक्रवार को एक वक्त ऐसा भी आया जब टॉप 10 इंडिया ट्रेंड्स में से 9 गुरमीत सिंह यानी डेरा सच्चा सौदा के धर्मगुरु बाबा राम रहीम पर थे। पंकचुला की एक सीबीआई कोर्ट ने 15 साल पुराने एक मामले में गुरमीत सिंह उर्फ राम रहीम को बलात्कार का दोषी पाया था और हरियाणा उसके समर्थकों की लगाई आग में तप रहा था। सोशल मीडिया पर हर तरह की बात हो रही थी, लेकिन यह न कोई जानना चाहता था और न ही किसी को पता था कि बाबा को दोषी करार देने वाला जज आखिर था कौन। इस स्टोरी में हम आपको मिलाते हैं जगदीप सिंह से, जो सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के प्रिसाइडिंग ऑफिसर थे।
आप जगदीप सिंह के बारे में रिसर्च करेंगे तो आपको उनके बारे में कुछ खास जानकारी नहीं मिलेगी। न ज्यादा मीडिया सैवी और न ही अपना गुणगान करने वाले अफसर। इससे ही अंदाजा लग जाएगा कि जगदीप कितने सादगी पसंद और लो-प्रोफाइल अफसर हैं। नीचे उनके बारे में कुछ बातें हैं। पढ़िए...
हरियाणा के जींद के हैं जगदीप
जगदीप सिंह मूल रूप से हरियाणा के ही जींद जिले से हैं उन्होंने सन् 2000 में पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई पूरी की। उनके साथ पढ़ाई करने वाले बताते हैं कि वह शुरुआत से ही काफी ईमानदार और डेडिकेटेड व्यक्तित्व के शख्स रहे हैं।
दूसरों से अलग वकील थे जगदीप
जगदीप सिंह ने अपने करियर की शुरुआत पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से वकील के तौर पर की। वह सिविल और क्रिमिनल मामले देखते थे। उनके साथी बताते हैं कि उन दिनों भी जगदीप एकदम स्ट्रेट फॉरवर्ड वकील हुआ करते थे, जो कि वकील आम तौर पर नहीं होते।
ईमानदारी को मिला इनाम
2012 में उन्होंने हरियाणा जुडिशल सर्विसेज जॉइन की और उनकी पहली पोस्टिंग सोनीपत में हुई। 2016 में जगदीप सिंह की पोस्टिंग सीबीआई कोर्ट में हो गई। बता दें कि यह पोस्टिंग इतनी आसान नहीं होती। स्क्रूटनी का प्रॉसेस इतना जटिल होता है कि एक से बढ़कर एक नामी अफसर किनारे हो जाते हैं। आप इससे ही जगदीप सिंह की काबिलियत और ईमानदारी का अंदाजा लगा सकते हैं कि यह मुकाम उन्हें करियर की शुरुआत में ही हासिल हो गया।
दूसरी बार ही बने प्रिसाइडिंग ऑफिसर और निपट गया 'बाबा'
आपको जानकर हैरानी होगी कि जगदीप सीबीआई कोर्ट में दूसरी ही बार प्रिसाइडिंग अफसर बनाए गए और वह भी इतने बड़े हाई-प्रोफाइल केस में। यह उनका नो-नॉनसेंस एटीट्यूड ही था, जिसकी वजह से सीनियर अफसरों ने एडिशनल डिस्ट्रिक्ट ऐंड सेशंस जज की रैंक के जगदीप सिंह को यह जिम्मेदारी सौंप दी।
जब अपनी कार को बना लिया एंबुलेंस
2016 में एक एक्सिडेंट में घायल हुए चार लोगों की मदद करने के चलते जगदीप पहली बार मीडिया की सुर्खियों में आए। दरअसल, जगदीप यात्रा पर निकले थे कि रास्ते में उनकी नजर सड़क पर घायल पड़े चार लोगों पर पड़ी। जब जगदीप ने एंबुलेंस को कॉल किया तो जवाब मिला, 'उड़कर तो आ नहीं जाएंगे'। इस पर बिफरने की बजाय उन्होंने चारों को अपनी गाड़ी में डाला और खुद ही अस्पताल चले गए।
इतना पढ़कर ही आपको जगदीप सिंह के बारे में अंदाजा हो गया होगा कि वह ऐसे शख्स हैं, जो खुद ज्यादा नहीं बोलते। उनका काम बोलता है। इंडियावेव की तरफ से जगदीप सिंह जैसे अफसरों को सलाम है। यूं ही सकारात्मकता की अलख जलाए रखिए।
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