वाह! चौकीदार के बेटे व गोल गप्पे बेचने वाली की बेटी ने हरियाणा बोर्ड में किया टॉप

हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड के आए परिणाम में 10वीं कक्षा में चौकीदार के बेटे ने राज्य में टॉप करके परिवार का मान बढ़ाया है।
चौकीदार के बेटे ने टॉप करके यह साबित कर दिया है कि अगर मेहनत और जज्बा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। उन्होंने अपने दृढ़ इच्छा, शक्ति और हौसला रखते हुए हर बाधा को पार कर कामयाबी के उजाले से जीवन को रोशन किया है। सिर्फ कार्तिक ही नहीं बल्कि बोर्ड परीक्षा में दूसरा स्थान पाने वाली सोनाली के पिता गोल गप्पे बेचते हैं। तीसरा स्थान पाने वाली रिया के पिता कारपेंटर है। गरीबी के अभाव के बाद भी इन लोगों ने अपनी मेहतन व लगन से अपने माता-पिता के अरमानों को परवान चढ़ाया है और ये कामयाबी माता-पिता को गौरवान्वित किया है।
डेलीवेजिज पर काम करने चौकीदार के बेटे ने किया कमाल

पहला स्थान पाने वाले कार्तिक जींद जिले के रोहतक रोड स्थित नव दुर्गा सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र हैं। कार्तिक के पिता प्रेम सिंह पीडब्ल्यूडी में डेलीवेजिज पर चौकीदार हैं। कार्तिक ने संस्कृत, विज्ञान और गणित में 100 फीसद अंक हासिल किए हैं। उसको 10वीं की परीक्षा में 500 में से 498 अंक मिले हैं। कार्तिक ने यह कामयाबी पाते हुए अपने सपनों को पंख दिए है लेकिन इस कामयाबी में मां के साथ न होने पर उसे निराशा भी हुई है। शुगर की वजह से मां का पिछले साल निधन हो गया। मां का सपना था कि बेटा पढ़-लिखकर अफसर बने। मां तो दुनिया से चली गईं, लेकिन कार्तिक को उनका सपना याद रहा और उसे पूरा करने के लिए सब कुछ झोंक दिया। कार्तिक का कहना है कि गरीबी के बावजूद पिता और परिजनों ने उसकी सुविधा का पूरा ध्यान रखा। वह प्रतिदिन सात से आठ पढ़ाई करता था। उसने पढ़ाई टेक्स्ट बुक से की और गाइड आदि से दूर रहा। अब उसका पढ़ाई पूरी करने के बाद आइएफएस अफसर बनने का सपना है। पढ़ाई में होशियार होने के कारण कार्तिक ने कक्षा छह से 10वीं तक स्कॉलरशिप पर पढ़ाई की है। कार्तिक ने अपनी सफलता का मूलमंत्र बताते हुए कहा कि उसने कभी गाइड व ट्यूशन का सहारा नहीं लिया। पाठ्यपुस्तक से ही पढ़ाई की, जहां डाउट होता, अपने शिक्षकों से मदद लेता था। कार्तिक की प्राइमरी तक की पढ़ाई अपने पैतृक गांव बुआना के एक छोटे निजी स्कूल में हुई, उसके बाद छठी में जींद शहर में पढ़ने के लिए आ गया। बेटे की इस कामयाबी पर पिता प्रेम सिंह के मुंह से खुशी के मारे बोल भी निकल पा रहे थे। खुशी के मोर उनकी आंखों से आंसू निकल आए। उन्होंने बताया कि जब भी ओलंपियाड या कोई अन्य प्रतियोगी परीक्षा होती तो वे कार्तिक को परीक्षा देने से रोकते थे, ताकि पास होने के बाद वह पढ़ने के लिए उनसे दूर नहीं चला जाए। प्रेम सिंह ने कहा, आज बेटे ने प्रदेश में टॉप कर अपनी स्वर्गवासी मां व उनका नाम पूरे प्रदेश में रोशन कर दिया है। उन्हें बेटे पर नाज है।
गोल गप्पे बेचने वाले की बेटी ने कर दिया कमाल

हरियाणा बोर्ड परीक्षा के परिणाम में जहां पहला स्थान चौकीदार के बेटे ने पाया है तो वही दूसरा स्थान गोल गप्पे बेचने वाली की बेटी ने पाया है। सिरसा जिले के ऐलनाबाद के सरस्वती हाई स्कूल की छात्रा सोनाली ने प्रदेश में द्वितीय स्थान हासिल किया है। सोनाली ने दसवीं कक्षा में 99 फीसद अंक हासिल किए हैं। उसने गणित विषय में 100 और हिंदी व विज्ञान विषय में 99 अंक प्राप्त किए हैं। सोनाली की इस कामयाबी पर ऐलनाबाद के कुटिया निवासी सोनाली के पिता भूदेव सिंह बहुत खुशी है। ऐलनाबाद के नोहर रोड पर गोल गप्पे की रेहड़ी लगाते हैं। और उन्हें अपनी बेटी की कामयाबी नाज है। सोनाली ने बताया कि उसकी इच्छा इंजीनियर बनने की है। इसी सपने को पूरा करने के लिए वह जी जान से पढ़ाई कर रही है। सोनाली की यह कामयाबी आसान नहीं रही उनसे एक-एक दिन में आठ से दस घंटे पढ़ाई करके अपने मां-बाप का सपना पूरा किया है। पिता भूदेव ने कहा, मेरी तो जवानी गोल गप्पे बेचते-बेचते बीत गई। इस कामयाबी पर सोनाली के पिता ने कहा लग रहा है कि आज जीवन की सारी मेहनत रंग ला रही है। भूदेव ने बताया कि 28 साल से गोल गप्पे बेचकर घर चला रहे हैं। उनका एक बेटा जेबीटी है और छोटी बेटी कशिश अब दसवीं कक्षा में गई है।
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