पुणे के इस बेरोजगार युवक ने खेती से 10 महीने में कमाए 16 लाख रुपये
पुणे के इंदापुर तालुका का गांव कदबनवाड़ी दो वजहों से जाना जाता है। पहला, ये एक आदर्श गांव है और दूसरा इस गांव को सूखे से मुक्ति दिलाने वाले भजनदास पवार की वजह से। कुछ वक्त पहले तक ये गांव महाराष्ट्र के सबसे सूखाग्रस्त इलाकों में से एक था, जहां के लिए पीने का पानी एक लग्जरी चीज होती थी। आज कदबनवाड़ी के में 100 तालाब हैं, 3 प्रीकोलेशन टैंक हैं, सीमेंट से बने 27 नाला बांध हैं और 110 पोखर हैं, और ये सब मुमकिन हुआ रिटायर्ड टीचर भजनदास की वजह से।
अपने गांव, खेती और पर्यावरण के लिए भजनदास के मन में जो प्यार था वही उनके बेटे विजयराव में भी है। विजयराव ने अपनी पढ़ाई उसी स्कूल में की जिसमें उनके पिता पढ़ाते थे। इसके बाद 2010 में पुणे के कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर से एग्रीकल्चर में बीएससी करने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग में जाने के बारे में सोचा। इसके लिए कुछ दिन तैयाीर भी की, लेकिन विजयराव की रुचि खेती में थी इसलिए उन्होंने इसके आगे की पढ़ाई के लिए महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ में दाखिला ले लिया।
नहीं मिली नौकरी
2 साल बीत गए, विजयराव ने कई इंटरव्यू दिए लेकिन उन्हें कोई नौकरी नहीं मिली। दुखी होकर वह गांव वापस लौट आए। कुछ समय उन्होंने पेट्रोल पंप पर भी काम किया, लेकिन उन्हें हर वक्त ये महसूस होता रहा कि एग्रीकल्चर की डिग्री लेने के बाद इस तरह काम करना सिर्फ समय की बर्बादी है।

शुरू की पॉलीहाउस में खेती
वह बताते हैं कि मैं जानता था कि पारंपरिक खेती में ज्यादा फायदा नहीं है इसलिए मैं वो नहीं करना चाहता था। मैंने पॉलीहाउस में खेती करने के बारे में पढ़ा था, लेकिन एग्रीकल्चर में डिग्री लेने के बावजूद मैंने कभी प्रैक्टिकली इस प्रक्रिया को इस्तेमाल नहीं किया था। पर मैं रुक नहीं सकता था। यही वह समय था जब मैंने जो थ्योरी पढ़ी थी, उसका मैं अपने खेत में इस्तेमाल कर सकूं और ये साबित कर सकूं कि नई पीढ़ी के किसान भी सफल हो सकते हैं।
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इंडियावेव से बात करते हुए विजयराव बताते हैं कि मैंने पुणे के हॉर्टीकल्चर ट्रेनिंग सेंटर में एक हफ्ते की वर्कशॉप अटैंड की। इसके बाद मैंने राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत बैंक से 30 लाख रुपये का लोन अप्लाई किया। लोन अप्रूव होने के बाद फरवरी 2018 में मैंने शेलगांव के एक एकड़ में पॉलीहाउस लगाया।
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विजयराव बताते हैं कि 10 लाख रुपये से उन्होंने मिट्टी, ड्रिप विधि से सिंचाई करने का सामान, रस्सियां और बाकी कच्चा सामान खरीदा। इस बीच उन्होंने जो मार्केट रिसर्च की थी उससे उन्हें पता चला था कि अलग-अलग रंगों की शिमला मिर्च बाजार में अच्छी कीमत में बिकती हैं। इसलिए उन्होंने तय किया की वे शिमला मिर्च की लाल और पीली प्रजाति की खेती करेंगे। फसल की पहली खेप अप्रैल में तैयार हुई जो 35-40 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिकी। उस समय उन्हें ज्यादा मुनाफा नहीं हुआ, लेकिन अब उनकी यही फसल 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रही है। इन रंगीन शिमला मिर्चों को वह सिर्फ पुणे में ही नहीं बेचते बल्कि दिल्ली और मुंबई में एक्सपोर्ट भी करते हैं।
पिछले 10 महीनों में विजयराव ने इस फसल से 13 लाख रुपये की कमाई की है। इसके अलावा कृषि विभाग के सरकारी अधिकारियों ने उनके पॉलीहाउस की तारीफ भी की और उन्हें 18 लाख रुपये की सब्सिडी भी दी।

सब्सिडी देने के लिए खेत का इंस्पेक्शन करते सरकारी अधिकारी
विजयराव कहते हैं, शुरुआत में पॉलीहाउस लगाना काफी महंगा साबित होता है लेकिन समय के साथ आप खेती से सिर्फ इसकी लागत ही नहीं निकाल लेते बल्कि अच्छा मुनाफा भी कमाते हैं। वह कहते हैं कि एक बार जब आप पौधे लगा देते हैं तो इनकी लाइफ साइकिल करीब एक साल की होती है और इनसे 40 टन तक फसल पैदा होती है। मेरे पॉलीहाउस में फरवरी से दिसंबर तक 30 टन फसल पैदा हो चुकी है और मुझे उम्मीद है कि फरवरी 2019 तक 10 टन फसल और पैदा हो जाएगी और इससे वह लगभग 16 लाख रुपये की कमाई कर चुके हैं।
जैविक और रसायनिक दोनों पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल
विजयराव बताते हैं कि वे अपने खेत से कीट-पतंगों को दूर रखने के लिए जैविक और रसायनिक दोनों तरह के पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल करते हैं। वह कहते हैं कि कुछ ऐसे कीट होते हैं जो सिर्फ जैविक पेस्टिसाइड से नहीं खत्म होते, इसलिए मैं दोनों तरह के कीटनाशकों को आधा-आधा मिलाकर इस्तेमाल करता हूं। ताकि मिट्टी की उर्वरता पर कोई असर न हो और फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीट भी दूर रहें।

किसानों को संदेश
किसानों को संदेश देते हुए विजयराव कहते हैं - हमारे यहां मौसम में बहुत तेजी से बदलाव होता है, जिसकी वजह से हजारों एकड़ फसल हर साल बर्बाद हो जाती है। इस तरह के माहौल में पॉलीहाउस में खेती करने से आपकी फसल सुरक्षित रह सकती है और मुनाफे की गारंटी भी होती है। मैं चाहता हूं कि किसान खेती के परंपरागत तरीकों को छोड़कर कुछ नया करें और ग्राहक की मांग के हिसाब से खेती करें। आप अपनी जानकारी का सही इस्तेमाल करेंगे तो यकीनन अच्छा मुनाफा कमाएंगे।
अगर आप विजयराव से पॉलीहाउस में खेती करने से जुड़ी कोई जानकारी चाहते हैं तो आप उनकी ईमेल आईडी - pawarso12@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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