पॉलिथीन के खिलाफ वर्षों से अभियान चला रहे हैं कवि ओम रायजादा

पर्यावरण संरक्षण की तरफ कदम उठाते हुए योगी सरकार ने 15 जुलाई से पूरे प्रदेश में प्लास्टिक बैन का फैसला लिया है। पूरे सूबे में रविवार से प्लास्टिक, पॉलिथीन बंद हो जाएगी। पॉलिथीन से होने वाले खतरे को लेकर काम करने वाले ग्रेटर नोएडा के कवि, लेखक और पर्यावरणप्रेमी ओम रायजादा बहुत ही खुश है। पॉलिथीन से होने वाले नुकसान से समाज को जागरूक करने वह काम वर्षों से ग्रेटर नोएडा में काम कर रहे हैं।
आमजन में इसका प्रयोग रोकने के लिए वह लगातार जागरूकता अभियान चला रहे थे। यही नहीं उन्होंने इसके खिलाफ शहर से लेकर गांव तक तख्ती उठाकर लोगों को समझा रहे हैं। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए उनकी तरफ से उठाए जा रहे कदमों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर्यावरण दिवस पर दिल्ली के विज्ञान भवन में आमंत्रित किया था। नोएडा के स्थानीय समाचारों पत्रों के अनुसार वह रोजाना हाथों में गो ग्रीन एंड से नो टू पालीथिन की तख्ती लेकर वह अकेले ही निकल पड़ते हैं बाजार, स्कूल, मॉल में लोगों को समझाने के लिए। साथ ही सभी को कपड़े के थैले भी बांटते हैं।
वह ग्रेटर नोएडा की प्रशिक्षित व बेरोजगार महिलाओं से घरों में प्रयोग होने वाले साधारण कपड़े के थैलों का निर्माण करा कर इसे भारत के हर घर में पहुंचाना चाहते हैं। जिससे पर्यावरण को ज़हरीला बनाने वाली पॉलीथिन का प्रयोग समाप्त हो सके। वह चाहते हैं भारत का हर घर बीते समय की तरह झोलों का प्रयोग करे। इसके लिए वह केवल लागत मूल्य पर बिना किसी मुनाफा कमाए इन झोलों को भारत वर्ष के सभी घरों को देंगे। उनका कहना है कि अगर ऐसा किया जाए तो पर्यावरण को जहरीला बनाने वाली पॉलिथीन के प्रयोग समाप्त हो सके। इन थैलों को कई संस्थाओं व समाजसेवियों के जरिए लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों में लगाएंगे एक लाख वृक्ष
पर्यावरण जागरुकता अभियान की कड़ी में उन्होंने एक लाख वृक्ष का पौधरोपण कराने का लक्ष्य रखा है। वह नोएडा के आसपास ग्रामीण अंचलों में एक लाख वृक्षों का रोपण कराना चाहते हैं। वृक्षारोपण की इस मुहिम में सैकड़ों लोग उनके साथ जुड़ चुके हैं और एक लाख पेड़ों के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। गांव की मिट्टी से होने के कारण वह गांव में ही पौधों को लगवाना चाहते हैं।
ओम रायजादा मूलतः यूपी के मैनपुरी जनपद के उपनगर भोगांव के निवासी हैं। इस समय वह ग्रेटर नोएडा में रहते हैं। पर्यावरण के प्रति उनकी ओर से किए जा रहे कार्यों को देखते हुए उन्हें पुलिस अधिकारियों ने सम्मानित किया। उन्हें यह सम्मान समर कैंप के दौरान बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का रोचक संदेश देने पर दिया गया। समर कैंप के दौरान ओम रायजादा स्कूलों में गए और उन्होंने पॉलिथीन और प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के बारे में बताया था। साथ ही उन्होंने बच्चों को पर्यावरण के अनुकूल थैले भी भेंट किए।
पॉलिथीन के प्रयोग से बढ़ रही बीमारियां
आमजन की ओर से पॉलिथीन का लगातार प्रयोग किए जाने से सांस और त्वचा संबंधी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे लोगों में कैंसर का भी खतरा बढ़ा रहा है। वह प्रतिदिन निस्वार्थ लोगों को जागरूक करने का काम करते हैं। उनका मिशन निस्वार्थ है और वह आत्मीयता से रोजाना दो से तीन घंटे का समय निकालकर लोगों के बीच जा-जाकर जागरूकता फैला रहे हैं। वे कहते हैं कि सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद पॉलीथिन के उपयोग पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। तमाम स्वरूपों में मिलने वाली पॉलीथिन पर्यावरण के लिए भारी चोट पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार जिस तरीके से काम कर रही है उससे लग रहा है कि प्लॉस्टिक व पॉलिथीन पूरी तरह से बैन हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि पॉलिथीन के उपयोग के कारण लोगों पर जीवन भर रोगों का संकट मंडराता रहता है। नष्ट न होने के कारण यह भूमि की उर्वरा शक्ति को खत्म कर रही है। बता दें कि पॉलिथीन का कचरा जलाने से कार्बन डाईआक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड एवं डाईआक्सींस जैसी विषैली गैस उत्सर्जित होती हैं। वह कहते हैं कि पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए कपड़े या जूट के बैग का इस्तेमाल सबसे अच्छा विकल्प है। वह कहते हैं कि जब भी घर से बाजार के लिए निकलें कपड़ा या जूट का बैग साथ लेकर जाएं।
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