देश सेवा की खातिर शिवांश ने आईआईटी को कहा न

देश के हर युवा और खासतौर पर हर मां का सपना होता है कि उसका बेटा या बेटी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) जैसे संस्थान में पढ़कर इंजीनियर बने। इसकी वजह सिर्फ एक ही क्योंकि आईआईटी में एडमिशन पाने वाले हर छात्र का भविष्य सुरक्षित हो जाता है। इसके लिए छात्र दिन-रात मेहनत करता है। क्योंकि इसकी प्रवेश परीक्षा देश की सर्वश्रेष्ठ परीक्षाओं में से एक है। इसी कठिन तपस्या से गुजरकर शिवांश जोशी ने आईआईटी की इस प्रवेश परीक्षा को पास करके अपने भविष्य को सुरक्षित कर लिया था। इसके अलावा शिवांश का चयन नेशनल डिफेंस अकादमी (एनडीए) में भी हो गया था। शिवांश ने इंजीनियर बनने के बजाय देश सेवा से जोड़ने वाली एनडीए को चुना।
शिवांश अपने इस निर्णय को स्वाभाविक कदम बताते हैं, साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि एनडीए में उनकी रैंक ज्यादा अच्छी थी। वह कहते हैं, "मैं उन लोगों के जीवन से बेहद प्रभावित हूं, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण को न्यौछावर कर दिया है। इसलिए मैं भी देश सेवा को अपना प्राथमिक कर्तव्य मानता हूं।"
हालांकि शिवांश बताते हैं कि उन्होंने एनडीए के लिए किसी भी तरह की अलग तैयारी नहीं की है। वह आईआईटी की तैयारी कर रहे थे और इसी दौरान उन्होंने एनडीए का भी फॉर्म भर दिया था। शिवांश इन दोनों परीक्षाओं पास हो गए, लेकिन उन्होंने खुद को देश सेवा के लिए समर्पित किया। शिवांश ने आईआईटी के में शानदार प्रदर्शन करते हुए 97% अंक हासिल किये हैं। लेकिन उनके इस फैसले से पूरे देश को गर्व है।
आपको बता दें कि शिवांश के पिता एलआईसी के साथ काम करते हैं और उनकी मां एक प्राथमिक स्कूल में शिक्षक हैं। शिवांश की उम्र 17 वर्ष है, ऐसे में उनका ये निर्णय साहसिक है। शिवांश ने एक बहादुर युवक का परिचय देते हुए, युवाओं में देशप्रेम की भावना जगाने में कामयाब होगा।
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