छोटी सी दुकान से शुरू की थी सिलाई, बनाया पीएम मोदी के नाम वाला मशहूर सूट, अब करोड़ों में है टर्नओवर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी टेलर जीतेंद्र और बिपिन चौहान की कहानी बेहद रोचक है। अगर 50 साल पहले आपकी इनसे मुलाक़ात हुई होती तो आप अंदाजा नहीं लगा पाते कि अहमदाबाद के बाहरी इलाके में परिवार के साथ एक चॉल में रहने वाले ये छोटे बच्चे इन ऊंचाइयों को छुएंगे। साल 1966 में पांच भाइयों में सबसे छोटे बिपिन जब चार साल के थे, तो उनके पिता चिमनलाल चौहान ने घर छोड़ दिया था और संन्यासी बन गए।
संन्यास लेने से पहले उनकी अहमदाबाद में साबरमती आश्रम के पास सिलाई की एक दुकान थी। परिवार की इनकम बहुत ज्यादा नहीं थी लेकिन जिंदगी की गुजर—बसर हो रही थी। पिता के संन्यास लेने के एक साल में ही परिवार अहमदाबाद शहर के रतनपोल चला आया और नाना व मामा के साथ रहने लगा। उनके मामा की ‘मकवाना ब्रदर्स’ नाम से कुर्ते की दुकान थी।
बिपिन कहते हैं, “यह एक प्रसिद्ध दुकान थी, जहां हर दिन 100 कुर्ते सिले जाते थे। हम दोनों से बड़े भाई दिनेश ने दुकान में काम किया और सिलाई सीखी। बाकी भाई स्कूल से आने के बाद वहां काम करते थे।”
उनकी मां सुबह छह बजे से आधी रात तक सबसे ज़्यादा काम करती थीं। बिपिन कहते हैं, “उन्हें हेमिंग और बटन लगाने में महारत हासिल थी।” बिपिन, उनके दो भाई और दो बहनें म्युनिसिपल स्कूल में पढ़ते थे। साइकोलॉजी से ग्रैजुएट बिपिन कहते हैं, “हमें पढ़ाने-लिखाने का पूरा श्रेय मेरे नाना-मामा को जाता है। उन्होंने ही तय किया कि हम सभी भाई-बहनों के पास कॉलेज की डिग्री हो.”
साल 1975 में 22 वर्षीय दिनेश ने नाना-मामा की मदद से सिलाई की दुकान शुरू की। उन्होंने दुकान का नाम दिनेश टेलर्स रखा। उस वक्त 15 वर्षीय बिपिन स्कूल, जबकि 19 वर्षीय जीतेंद्र कॉलेज में पढ़ रहे थे। यहीं दोनों भाइयों ने पेशेवर बारीकियां सीखीं और स्कूल-कॉलेज से आने के बाद घंटों काम किया। जीतेंद्र दिन में 14-15 घंटे काम करते और हर दिन 16 शर्ट सिलते। इतने शर्ट बनाना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने यह किया।
बिपिन और जीतेंद्र ने मिलकर साल 1981 में सुप्रीमो क्लॉथिंग और मेंसवियर नाम से कपड़ा व सिलाई दुकान शुरू की। बैंक से डेढ़ लाख रुपए लोन लेकर उन्होंने पुराने अहमदाबाद में एलिस ब्रिज के पास एक कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में 250 वर्ग फीट की दुकान शुरू की। सुप्रीमो दोनों भाइयों के लिए लॉन्चिंग पैड साबित हुई। साल 1980 के दौर में जब उनका नाम बहुत कम था, तब भी बिपिन की ख़्वाइश थी, वो प्रधानमंत्री जैसे देश के नाम-गिरामी लोगों के लिए कपड़े बनाएं। उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि उनके ग्राहकों में से एक नरेंद्र मोदी एक दिन देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।
उन दिनों नरेंद्र मोदी आरएसएस प्रचारक थे। उन्हें पॉली खादी फ़ैब्रिक का आधी बांह का कुर्ता पसंद था, क्योंकि इस पर आसानी से सिलवटे नहीं पड़तीं। कुर्ता सही फिट हो, इस पर मोदी का ध्यान रहता था। धीरे — धीरे मोदी व गौतम अडानी जैसे ग्राहक उनके दुकान पर आने लगे।
बिपिन बताते हैं, “मोदी साल 1989 से हमारे ग्राहक हैं।” बिपिन नरेंद्र मोदी का नाप लेने के लिए साल में दो बार उनसे मिलते हैं। ये बिपिन ही थे, जिन्होंने नरेंद्र मोदी के लिए मशहूर बंदगला सूट बनाया था, जिसके पूरे कपड़े की स्ट्रिप पर ‘नरेंद्र दामोदरदास मोदी’ लिखा था। यह सूट नरेंद्र मोदी ने बराक ओबामा से मुलाक़ात के दौरान पहना था। 1981 में अपनी दुकान खोलने वाले जीतेंद्र और बिपिन आज 225 करोड़ रुपए टर्नओवर वाले जेड ब्लू स्टोर की चेन के मालिक हैं।
उन्होंने साल 1986 में रेडीमेड कपड़े बनाना शुरू किया और ब्रैंड का नाम डी’ पीक प्वाइंट रखा। नौ साल बाद 1995 में उन्होंने रिलॉन्च करते हुए ब्रैंड का नाम जेड ब्लू रखा और अपनी दुकान शहर के उच्चवर्गीय सीजी रोड इलाके में ले गए।
बिपिन कहते हैं, “हम ऐसा नाम चाहते थे जो अंतरराष्ट्रीय हो और जिसके नाम की शुरुआत जे (जीतेंद्र) और बी (बिपिन) से हो।” बिपिन कहते हैं, “हमारा एक दोस्त ऐड एजेंसी में काम करता था। उसने छह महीने लिए और जेड (कीमती पत्थर का नाम) ब्लू (पुरुषों का पसंदीदा रंग) नाम सुझाया।” दो दशक बाद उसी इमारत में जेड ब्लू की 20,000 वर्ग फ़ीट बड़ी दुकान है। इसी इमारत में उनका कॉर्पाेरेट दफ़्तर और गोदाम है। आज पूरे देश में उनके कुल 51 स्टोर हैं।
अहमदाबाद, सूरत, हैदराबाद, पुणे और जयपुर स्थित पांच स्टोर में कस्टमाइज्ट टेलरिंग की सुविधा है। बिपिन के 26 साल के बेटे सिद्धेश कहते हैं, “सवाल परफ़ेेक्ट फ़िटिंग का है। सिर्फ़ कस्टमाइज़्ड टेलरिंग ही आपको ऐसी संतुष्टि दे सकती है।”
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